राजस्थान की राजधानी जयपुर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) एक के बाद एक भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है। इस संदर्भ में सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए सवाई माधोपुर के तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सुरेन्द्र कुमार शर्मा और दो बिचौलियों रामराज मीना व प्रदीप पारीक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। तीनों के खिलाफ एफआईआर संख्या 119/2025 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
13 लाख रुपए बरामद
बताया जा रहा है कि अब तक दलालों से 13 लाख रुपए वसूले जा चुके हैं। आरोपियों के पास से रिकॉर्डेड कॉल, लेनदेन से संबंधित दस्तावेज, नकदी और अन्य डिजिटल रिकॉर्ड भी बरामद किए गए हैं, जिससे साफ पता चलता है कि ये सभी लेनदेन सुरेंद्र शर्मा की जानकारी में हो रहे थे। मुख्यालय को सूचना मिली थी कि सवाई माधोपुर में कुछ दलाल सरकारी अधिकारियों से रिश्वत वसूल रहे हैं ताकि वे अपने पक्ष में फैसले ले सकें। इस संदर्भ में रामराज मीना नामक व्यक्ति का नाम प्रकाश में आया, जो कथित तौर पर एएसपी सुरेन्द्र शर्मा के लिए अवैध वसूली कर रहा था।
जांच के दौरान ये मामले प्रकाश में आये।
जांच में सामने आया कि रामराज मीना और प्रदीप पारीक विभिन्न विभागों के अधिकारियों से संपर्क कर अवैध बजरी और शराब लाइसेंस से जुड़े मामलों में सरकारी संरक्षण देने के नाम पर नकद रिश्वत की मांग कर रहे थे। एसीबी के अनुसार यह रकम सुरेन्द्र शर्मा द्वारा अधिकारियों तक पहुंचाई जानी थी। सुरेन्द्र शर्मा ने शराब की बोतलें भी मांगी, जो रामराज मीना ने उपलब्ध कराईं।
सुरेन्द्र शर्मा समेत दो दलाल हिरासत में लिए गए
प्राथमिक साक्ष्य के आधार पर एसीबी ने सुरेन्द्र शर्मा, रामराज मीना और प्रदीप पारीक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7, 7ए, 8, 11, 12 के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की पूरी जांच के लिए एसीबी की टीम आरोपियों से पूछताछ कर रही है और संबंधित विभागों से दस्तावेज भी मांगे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि एसीबी अब अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रिश्वत की रकम बरामद करेगी, जिससे और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
एसीबी ने साक्ष्य के आधार पर की कार्रवाई
एसीबी महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि ब्यूरो मुख्यालय को सूचना मिली थी कि सवाई माधोपुर जिले में रामराज मीना द्वारा अवैध बजरी खनन को संरक्षण देने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों व दलालों की मिलीभगत से अवैध धनराशि एकत्रित कर अधिकारियों को दी जा रही है। साथ ही बजरी खनन माफिया को संरक्षण भी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रामराज मीना के मोबाइल नंबर के कॉल रिकॉर्ड से साफ पता चलता है कि रामराज मीना और एएसपी सुरेन्द्र शर्मा कार्रवाई की धमकी देकर रिश्वत ले रहे थे।
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