राजस्थान समेत चार राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में लड़ाकू विमान और ड्रोन हमलों से पहले सायरन गूंजने, ब्लैकआउट, घायलों को बचाने के लिए वालंटियर और मेडिकल टीमों के दौड़ने और सेना की तैनाती का अभ्यास (मॉक ड्रिल) शनिवार शाम को फिर होगा। युद्ध की इन आपातकालीन स्थितियों को लेकर 7 मई को मॉक ड्रिल की गई थी, लेकिन तैयारियों में कमजोरी सामने आई है। इस स्थिति को सुधारने के लिए चार राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में फिर से मॉक ड्रिल की जाएगी, जिसे ऑपरेशन शील्ड नाम दिया गया है।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को राजस्थान, पंजाब, गुजरात, हरियाणा, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर सरकारों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए। शुक्रवार को राज्य में संभागीय आयुक्तों-कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी होने की संभावना है। सभी जिलों से मॉक ड्रिल अभ्यास की रिपोर्ट ली जाएगी। इसके आधार पर अभ्यास की तैयारियों को परखा जाएगा, ताकि युद्ध की स्थिति में किसी तरह की कमजोरी का सामना न करना पड़े। मॉक ड्रिल के दौरान इसका अभ्यास किया जाएगा।सिविल डिफेंस वार्डन, स्थानीय प्रशासन, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट-गाइड और अन्य स्वयंसेवक घायलों को बचाने के लिए दौड़ेंगे।दुश्मन के हवाई हमलों (विमान, ड्रोन और मिसाइल) का जवाब देंगे।
सायरन का परीक्षण करेंगे।
अति संवेदनशील क्षेत्रों में करीब 15 मिनट तक पूर्ण ब्लैकआउट रहेगा, आवश्यक सेवाएं बंद रहेंगी।
सैन्य क्षेत्र पर ड्रोन हमले को विफल करने का अभ्यास करेंगे।
स्थानीय प्रशासन 20 घायलों को तत्काल सुरक्षित स्थान पर ले जाएगा।
बड़ी संख्या में घायलों को अस्पताल पहुंचाया जाएगा और वहां रक्त की उपलब्धता की जांच की जाएगी।
सीमा क्षेत्र में सेना के साथ होमगार्ड दलों की तेजी से तैनाती की जाएगी।
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