हनुमानगढ़ में प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया और डीएसपी करण सिंह के बीच थाने के सामने कहासुनी हो गई। इस दौरान दोनों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। मामला 2 दिन पहले (शुक्रवार) का है, इसका वीडियो अब सामने आया है। पूरा विवाद मजदूर की मौत को लेकर प्रदर्शन के दौरान हुआ। कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया शुक्रवार को मजदूर अजय के परिजनों के साथ थाने के बाहर धरने पर बैठे थे। उन्होंने संगरिया पुलिस पर लापरवाही और फैक्ट्री संचालकों से मिलीभगत का आरोप लगाया था। विधायक ने थानाधिकारी को निलंबित करने, मृतक के परिजनों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की थी।
संगरिया सीओ और विधायक के बीच तीखी बहस
प्रदर्शन के दौरान संगरिया सीओ करण सिंह मौके पर पहुंचे और विधायक से बात करने की कोशिश की। इस दौरान उनकी विधायक से बहस हो गई। विधायक ने डीएसपी से पूछा- आप कौन हैं? इस पर डीएसपी ने जवाब दिया- मैं डिप्टी एसपी, सर्किल ऑफिसर हूं। इस पर विधायक ने कहा- तो क्या करें? दोनों के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि हाथापाई की नौबत आ गई। मौके पर मौजूद लोगों ने बीच-बचाव कर स्थिति को संभाला।
ठेकेदार पर धमकाने और लापरवाही का आरोप
मृतक अजय के पिता जोगेंद्र सिंह ने बताया कि उनका बेटा जीसीएस फैक्ट्री में मजदूरी करता था। ठेकेदार बलजीत सिंह ने अजय को 30 फीट ऊंचे शेड पर काम करने को कहा, जहां कोई सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए थे। अजय के मना करने के बावजूद उसे धमकाकर ऊपर भेज दिया गया। शेड टूटने से वह नीचे गिर गया। उसे गंभीर हालत में संगरिया के निजी अस्पताल, फिर हनुमानगढ़ जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
दो दिन तक थाने के बाहर धरना जारी रहा
मजदूर की मौत के बाद परिजनों ने शुक्रवार को थाने के बाहर धरना दिया और जिला अस्पताल में रखे मजदूर के शव को लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद भी जब बात नहीं बनी तो शुक्रवार देर रात धरना समाप्त कर दिया गया। मामले में कोई सुनवाई न होते देख शनिवार को तीन युवक धरना स्थल से उठकर संगरिया थाने के पास ओवरहेड टंकी पर चढ़ गए। युवकों के ओवरहेड टंकी पर चढ़ने के बाद पुलिस व प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। इसके बाद वार्ता का दौर चला। कई दौर की वार्ता के बाद प्रशासन व परिजनों के बीच समझौता हो गया। मृतक के परिजनों को 12 लाख 50 हजार रुपए मुआवजा, उसकी बहन को संविदा पर कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी व थानाधिकारी की जांच का आश्वासन दिए जाने के बाद धरना समाप्त किया गया।
भाजपा ने कहा- विधायक लोगों को हिंसा के लिए भड़का रहे हैं
इस मामले को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विधायक के खिलाफ नारेबाजी की और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में लिखा- विधायक ने अधिकारियों के साथ अभद्रता व हिंसात्मक व्यवहार किया। विधायक इस मामले को राजनीतिक रंग देकर शांति भंग करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने थाने के बाहर भाषण देकर लोगों को थानाधिकारी की गाड़ी तोड़ने व उन पर हमला करने के लिए उकसाया तथा वार्ता के दौरान डीएसपी करण सिंह पर हमला करने का प्रयास किया। वे दंगा भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। विधायक की हिंसक और शांतिभंग करने वाली गतिविधियों का संज्ञान लेते हुए उन्होंने मामला दर्ज करने की मांग की।
बातचीत के लिए गए तो विधायक भड़के
संगरिया सीओ करण सिंह ने बताया- हादसे के बाद से ही पुलिस लगातार पीड़ित से संपर्क कर रही थी। पीड़ित ने बताया था कि फैक्ट्री मालिक और ठेकेदार से बातचीत चल रही है। इसके बाद पीड़ित परिवार, स्थानीय विधायक और अन्य लोग धरने पर बैठ गए। जब हम बातचीत के लिए धरना स्थल पर गए तो विधायक भड़क गए। वे एसएचओ को हटाने की मांग पर अड़ गए। पुलिस पहले दिन से ही पीड़ित की एफआईआर दर्ज करने को तैयार थी। दरअसल, पुलिस खुद पीड़ित से बार-बार आवेदन देने को कह रही थी। डीग के कुम्हेर में बदमाशों ने दुकान में घुसकर नगर पालिका चेयरमैन के भाई और पार्षद से मारपीट की। 7 से 8 नकाबपोश बदमाशों ने दुकान में घुसकर गाली-गलौज की, फिर पार्षद, उनके बेटे, भाई और स्टाफ से मारपीट की और फरार हो गए। पूरी वारदात दुकान में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई।
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