बांसवाड़ा के गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय (जीजीटीयू) में राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि आज जो पीओके है, वह नेहरू की गलत नीति और अंग्रेजों के कुकर्मों का नतीजा है। अगर 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिलने के समय अंग्रेज अफसरों को यहां से बाहर भेज दिया जाता तो आज पीओके नहीं होता।
आने वाले समय में पौधों पर लगेंगे प्लास्टिक बार कोड- कुलपति राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े यहां 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों की भूमिका' विषय पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति ऐसे ही नहीं बन गई, इसे बनने में कई साल लग गए। 400 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और 1000 शिक्षाविदों ने 2 साल तक मंथन किया। नए भारत के निर्माण का एक ही रास्ता है और वह है शिक्षा में बदलाव। राज्यपाल के विश्वविद्यालय पहुंचने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। राज्यपाल ने गुलाब व वनस्पति उद्यान का निरीक्षण किया। कुलपति डॉ. के.एस. ठाकुर ने कहा कि आने वाले समय में सभी पौधों पर प्लास्टिक बार कोड लगाए जाएंगे।
हमें शिक्षा नीति का पालन करना होगा...
कार्यशाला का संचालन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्याय के प्रदेश संयोजक व संगठन सचिव नितिन कुमार जैन ने किया। वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने शिक्षा नीति बनाई है। इसका पालन करना हमारी जिम्मेदारी है। करीब 60 पेज की प्रस्तावना है, इसे सभी को पढ़ना चाहिए। जिले में यह पहला अवसर था, जब राज्यपाल प्रतापगढ़ जिले से सड़क मार्ग से आए। दो दिवसीय दौरे व कार्यक्रम के समापन के बाद वे सड़क मार्ग से बांसवाड़ा से उदयपुर के लिए रवाना हुए।
राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन आयुक्तालय व शिक्षा संस्कृति उत्थान न्याय द्वारा किया जा रहा है। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए न्याय के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाना है, तो सबसे ज्यादा जिम्मेदारी शिक्षकों को लेनी होगी। शिक्षकों का व्यवहार अनुशासित व दूसरों को प्रेरणा देने वाला होना चाहिए। देश में 70 साल बाद ऐसी शिक्षा नीति बनी है जो भारतीयता को समर्पित है। इससे पहले 1968 और 1986 में शिक्षा नीति बनी थी, लेकिन उससे मैकाले की शिक्षा नीति में थोड़ा बहुत ही सुधार हो सका था। लेकिन अब जो शिक्षा नीति बनी है, वह शिक्षकों और विद्यार्थियों के बौद्धिक स्तर को सुधारने के लिए है।
अपनी भाषा में शिक्षा
स्वागत कुलपति ठाकुर ने कहा कि दूसरी भाषाएं सीखने में कोई बुराई नहीं है और उन्हें सीखना चाहिए। लेकिन शिक्षा अपनी भाषा में ही मिलनी चाहिए।
कार्यक्रम में ये लोग भी मौजूद रहे
कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत सिंह यादव, एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला सहित एडीएम, एसडीएम, पुलिस के आला अधिकारियों के साथ ही भाजपा जिला अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी विश्वविद्यालय पहुंचे।
You may also like
घर में सांप घुस जाए तो घबराएं नहीं, रसोई में रखी इस चीज का छिड़काव करें, तुरंत भाग जाएगा 〥
चेन्नई से कोलंबो जा रही उड़ान में आतंकियों की आशंका पर तलाशी, कोई संदिग्ध नहीं मिला
दुधाखेड़ी माता मंदिर परिसर को भव्य देवी लोक के रूप में किया जाएगा विकसित: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
आयुर्विज्ञान विवि का नाम शल्य चिकित्सा के जनक महर्षि सुश्रुत के नाम पर रखा जाएगा: राज्यपाल
ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं बेहतर बनाना सरकार की प्राथमिकताः उप मुख्यमंत्री शुक्ल