अखिल भारतीय किसान सभा, राज्य कमेटी, राजस्थान का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को राज्य के कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा से मिला। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सांसद अमराराम के नेतृत्व में पहुँचे इस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यभर में हाल की भारी बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई खरीफ फसलों के लिए किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को सौंपे ज्ञापन में कहा कि खरीफ 2025 की फसलें — जिनमें मुख्य रूप से बाजरा, मूंग, उड़द, तिल, कपास और ग्वार जैसी फसलें शामिल हैं — लगातार हुई अनियमित और अत्यधिक बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। कई जिलों में जलभराव और फसल गलने के कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। कुछ क्षेत्रों में खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं।
अमराराम ने बताया कि राज्य के पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों — जैसे नागौर, सीकर, चूरू, जोधपुर, बाड़मेर और बीकानेर जिलों — में स्थिति बेहद गंभीर है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में किसानों ने अपनी सालभर की मेहनत से फसलें बोई थीं, लेकिन असामान्य बारिश ने सारी उम्मीदें तोड़ दीं। किसान कर्ज और नुकसान के बोझ से दबे हुए हैं।
ज्ञापन में किसान सभा ने मांग की कि सरकार तत्काल गिरदावरी करवाकर फसलों की सही-सही नुकसान का आकलन करे, प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर पर्याप्त मुआवजा दिया जाए, और कर्ज माफी या स्थगन की नीति लागू की जाए ताकि किसानों को राहत मिल सके। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा कंपनियों को किसानों के दावे समय पर निपटाने के सख्त निर्देश दिए जाएँ।
अमराराम ने यह भी कहा कि सरकार को चाहिए कि फसल नुकसान का सर्वेक्षण पंचायत स्तर पर पारदर्शी तरीके से किया जाए और किसी भी जिले या ब्लॉक को इससे वंचित न रखा जाए। उन्होंने कहा, “किसान पहले से ही बढ़ती लागत और गिरते फसल भावों से परेशान हैं। अगर सरकार समय पर मदद नहीं करेगी तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा।”
कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि सरकार किसानों के साथ है और उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जहां-जहां फसलें नष्ट हुई हैं, वहां तुरंत विशेष गिरदावरी शुरू की जाए। मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार केंद्र से भी सहयोग की अपेक्षा रखती है ताकि प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द राहत मिल सके।
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