राजस्थान में मानसून आने से पहले जर्जर मकानों को गिराने का आदेश जारी किया गया है। क्योंकि जर्जर मकान बारिश में खतरनाक होते हैं और इनके कभी भी गिरने की आशंका बनी रहती है। ऐसे में किसी भी अनहोनी दुर्घटना से पहले ऐसे मकानों को गिराने का काम किया जा रहा है। इसी के तहत अजमेर शहर में मानसून के आगमन को देखते हुए नगर निगम ने जर्जर भवनों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है।
अजमेर में मकान गिराए गए
बारिश के दौरान किसी भी संभावित हादसे को रोकने के लिए निगम प्रशासन अलर्ट मोड पर है। शुक्रवार को मालूसर रोड बावड़ी के पास स्थित जी+1 श्रेणी के एक पुराने और जर्जर भवन को गिराया गया। यह भवन कई वर्षों से खतरनाक स्थिति में था। नगर निगम ने एक माह पहले भवन मालिक को नोटिस जारी किया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने पर स्वयं ही कार्रवाई की गई।
जर्जर मकानों को चिन्हित किया जा रहा है
नगर निगम के कनिष्ठ अभियंता अरविंद दायमा ने बताया कि यह भवन काफी समय से जर्जर स्थिति में था और इससे आसपास के नागरिकों को खतरा बना हुआ था। भवन स्वामी के न आने पर निगम ने अपने स्तर पर ही कार्रवाई को अंजाम दिया। शहर में ही नहीं, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी कई ऐसे भवन हैं, जो जर्जर हो चुके हैं और जान-माल के लिए खतरा बन सकते हैं। निगम अधिकारियों ने बताया कि ऐसे भवनों को चिन्हित कर उनकी सूची तैयार कर ली गई है। जल्द ही उनके खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जाएगी। मानसून से पहले संभावित हादसों को रोकने के लिए यह अभियान बेहद जरूरी है।
नगर निगम की ओर से ऐसे सभी भवनों को चिन्हित कर नोटिस जारी किए जा रहे हैं। अगर भवन स्वामी तय समय में जवाब नहीं देते हैं, तो निगम खुद ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रहा है। यह कदम शहरवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में सकारात्मक प्रयास है।
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