राजस्थान के भीलवाड़ा में गुरुवार को आयोजित रियायती आवासीय भूखंड योजना की लॉटरी के दौरान भारी हंगामा देखने को मिला। नगर निगम टाउन हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एसटी (अनुसूचित जनजाति) कोटे में कुछ अन्य लोगों के नाम घोषित होने पर आवेदकों ने विरोध शुरू कर दिया। स्थिति कुछ समय के लिए इतनी गर्म हो गई कि पुलिस और प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा।
यह लॉटरी समारोह शहरी विकास एवं आवासन (यूडीएच) मंत्री झाबर सिंह खर्रा की मौजूदगी में आयोजित किया गया था। मंत्री खुद भी इस दौरान मंच पर मौजूद थे जब आवेदक अपनी नाराज़गी व्यक्त करने लगे। कई लोगों ने आरोप लगाया कि लॉटरी प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रखी गई और एसटी कोटे के पात्र आवेदकों को नज़रअंदाज़ किया गया है।यूआईटी (अर्बन इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट) द्वारा आयोजित इस लॉटरी में कुल 3081 आवासीय भूखंडों का वितरण किया जाना था। इसके लिए 88,239 आवेदन प्राप्त हुए थे — जो इस योजना की लोकप्रियता और लोगों की उम्मीदों का स्पष्ट संकेत है। योजना का उद्देश्य आम जनता, विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों को सस्ते दरों पर आवासीय भूखंड उपलब्ध कराना है।
कार्यक्रम की शुरुआत शांतिपूर्ण माहौल में हुई थी। जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की तीन सदस्यीय टीम भी लॉटरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए मौजूद थी, ताकि संपूर्ण प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी रखा जा सके। लेकिन जैसे ही एसटी कोटे से संबंधित नामों की घोषणा हुई, कुछ आवेदकों ने आपत्ति जताते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामा इतना बढ़ गया कि कुछ देर के लिए लॉटरी की प्रक्रिया रोकनी पड़ी।सूत्रों के अनुसार, विवाद इस बात को लेकर था कि एसटी श्रेणी में जिन लोगों के नाम निकले, वे वास्तविक पात्र नहीं थे। कुछ आवेदकों ने आरोप लगाया कि यह "पूर्व नियोजित" तरीके से किया गया है और संबंधित विभाग ने पारदर्शिता की अनदेखी की है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि पूरी प्रक्रिया कंप्यूटराइज्ड है और इसमें किसी तरह की मानवीय दखल की संभावना नहीं है।
हंगामे के बाद सुरक्षा के मद्देनज़र पुलिस बल को बुलाया गया और लोगों को शांत कराने का प्रयास किया गया। मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने स्थिति को संभालने की कोशिश करते हुए उपस्थित लोगों को आश्वासन दिया कि यदि किसी कोटे या नाम को लेकर कोई त्रुटि हुई है, तो उसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा पात्र लोगों को सस्ते आवास उपलब्ध कराने की है, किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।हंगामे के बावजूद बाद में लॉटरी प्रक्रिया को पुनः शुरू किया गया और शाम तक पूरी कर ली गई। अब सभी विजेताओं की सूची नगर विकास प्राधिकरण की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी की जाएगी।स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के कार्यक्रमों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रशासन को पहले से अधिक सख्त निगरानी करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो।
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