पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र, सैन्य छावनी क्षेत्र और सूरतगढ़ थर्मल क्षेत्र को रेड जोन में शामिल कर इस क्षेत्र में ड्रोन गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही जिले के अन्य संपूर्ण क्षेत्र को यलो जोन घोषित कर बिना अनुमति के ड्रोन संचालन पर रोक रहेगी। एसपी गौरव यादव ने बताया कि आतंकी हमले के बाद मानव रहित विमानों (ड्रोन) के संचालन को नियंत्रित करने के लिए एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 और मानव रहित विमान प्रणाली नियम 2021 के तहत नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
इसमें डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण कराए बिना किसी भी प्रकार के मानव रहित विमान (ड्रोन) का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा केंद्र सरकार के डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म को देशभर में मानव रहित विमान प्रणाली गतिविधियों के प्रबंधन से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया गया है। ड्रोन का प्रारूप बताना होगा एसपी के अनुसार मानव रहित विमानों (ड्रोन) को उनके वजन के हिसाब से वर्गीकृत किया गया है। नई गाइडलाइन के अनुसार, कोई भी व्यक्ति सक्षम स्तर से अनुमति के बिना नैनो ड्रोन को छोड़कर किसी भी श्रेणी के ड्रोन का उपयोग नहीं करेगा।
तीन जोन बनाए गए
गाइडलाइन में मानव रहित विमान (ड्रोन) के उपयोग के लिए अधिनियम के तहत तीन क्षेत्रों को वर्गीकृत किया गया है। इनमें रेड जोन (नो फ्लाइंग जोन), येलो जोन (नियंत्रित हवाई क्षेत्र) और ग्रीन जोन (नो परमिशन) शामिल हैं। रेड जोन नो फ्लाइंग जोन में कोई भी ड्रोन नहीं उड़ाया जा सकेगा। येलो जोन में उड़ान भरने से पहले अनुमति लेना जरूरी है।
कलेक्ट्रेट और स्टेशन क्षेत्र येलो जोन में
जिले के रेलवे स्टेशन, कलेक्टर कार्यालय, रिजर्व पुलिस लाइन को येलो जोन क्षेत्र घोषित किया गया है। इन क्षेत्रों में ड्रोन संचालन से पहले सक्षम स्तर से अनुमति लेना जरूरी है। विमान अधिनियम और नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त सजा और जुर्माना हो सकता है।
ये क्षेत्र होंगे रेड जोन
जिले के कुछ क्षेत्रों को रेड जोन (नो फ्लाइंग जोन) घोषित किया गया है। इसमें अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से 25 किलोमीटर का क्षेत्र, सूरतगढ़ व लालगढ़ हवाई पट्टी से तीन किलोमीटर का क्षेत्र, वायुसेना स्टेशन व छावनी क्षेत्र (आर्मी कैंट एरिया) से तीन किलोमीटर का क्षेत्र, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों (थर्मल पावर स्टेशन, सूरतगढ़) से दो किलोमीटर का क्षेत्र, समस्त बीएसएफ बटालियन मुख्यालय, आयुध डिपो निषिद्ध व प्रतिबंधित क्षेत्र हैं, जिन्हें रेड जोन घोषित किया गया है। इस प्रकार यह क्षेत्र नो-फ्लाइंग जोन है, जिसमें किसी भी प्रकार का ड्रोन संचालित नहीं किया जा सकेगा।
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