पूर्व भारतीय ऑफ़-स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में अपने यूट्यूब चैनल पर कहा था, "मैं एक बात खुलकर कहूँगा, भारतीय क्रिकेट में सब कुछ 'अप्रत्यक्ष बातचीत' पर चलता है. मैं सच में चाहता हूँ कि यह बदले."
कुछ लोगों को लगता है कि इसका सबसे हालिया और स्पष्ट उदाहरण 28 वर्षीय सरफ़राज़ ख़ान हैं.
पिछले पाँच सालों में घरेलू सर्किट के सबसे निरंतर स्कोरर होने के बावजूद, सरफ़राज़ ख़ान को दक्षिण अफ्रीका ए की मेज़बान टीम के ख़िलाफ़ होने वाले दो 'चार दिवसीय मैचों' के लिए सोमवार को घोषित इंडिया ए टीम में जगह नहीं दी गई है.
इससे पहले सरफ़राज़ चोट से उबरने के बाद भी दलीप ट्रॉफ़ी और ईरानी ट्रॉफ़ी के लिए नहीं चुने गए थे.
बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
सरफ़राज़ ख़ान को इंडिया ए टीम में शामिल करना एक समझदारी भरा कदम हो सकता था. इससे उन्हें मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ के रूप में अपनी स्थिति मज़बूत करने का मौक़ा मिलता.
2025-26 सीज़न के पहले रणजी मैच में जम्मू-कश्मीर के ख़िलाफ़, सरफ़राज़ ने पहली पारी में 42 और दूसरी में 32 रन बनाकर अच्छा प्रदर्शन किया.
हालांकि वह अपनी शुरुआत को बड़े स्कोर में नहीं बदल पाए.
- अभिषेक शर्मा को विदेशी लग्ज़री कार मिली, लेकिन भारत में क्यों नहीं चला पाएँगे
- गौतम गंभीर ने आने के बाद टीम इंडिया को कितना बदल दिया?

मई 2025 में, इंग्लैंड की कठिन परिस्थितियों में खेलते हुए सरफ़राज़ ख़ान ने शानदार बल्लेबाज़ी की और इंग्लैंड लायन्स के ख़िलाफ़ 92 रन बनाए थे.
फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में सरफ़राज़ ने 56 मैचों में 16 शतकों और 15 अर्धशतकों की मदद से 65.19 की औसत से रन बनाए हैं. यह काफ़ी अच्छा प्रदर्शन कहा जा सकता है.
अपनी कुशलता, संयम और रनों की भूख के साथ सरफ़राज़ ख़ान पिछले कई सालों से मुंबई की बल्लेबाज़ी की रीढ़ रहे हैं.
उन्होंने लगातार यह साबित किया है कि तेज़ और स्पिन दोनों गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ विकेट के चारों ओर रन बनाने में वे कदमों के उपयोग और क्रीज़ की गहराई का बेहतरीन इस्तेमाल करते हैं.
सरफ़राज़ की बल्लेबाज़ी पर कम ही सवाल उठते हैं. लेकिन उनकी फिटनेस अक्सर आलोचना का विषय रही है.
सरफ़राज़ ने इस समस्या को सुलझाने के लिए गंभीर प्रयास किया. रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने खाने-पीने में संयम और जिम में कड़ी मेहनत के ज़रिए 17 किलो वज़न घटाया है.
- क्रिकेटर प्रतिका रावल, जिन्होंने तोड़ा 28 साल पुराना रिकॉर्ड
- एलिसा हीली ने ऐसा क्या किया कि भारत रिकॉर्ड लक्ष्य के बावजूद ऑस्ट्रेलिया से हारा

पूर्व भारतीय बल्लेबाज प्रवीण आमरे कहते हैं, "पिछले कुछ वर्षों में घरेलू क्रिकेट में उनके प्रदर्शन को देखते हुए, मुझे लगता है कि उन्हें दक्षिण अफ़्रीका ए के ख़िलाफ़ होने वाली सिरीज़ के लिए इंडिया ए टीम में होना चाहिए था."
पूर्व भारतीय विकेटकीपर और चयनकर्ता सबा करीम ने कहा, "मुझे समझ नहीं आता कि सरफ़राज़ को इंडिया ए टीम से बाहर क्यों किया गया. वह मुंबई के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. लोग कह रहे थे कि वह फिट नहीं हैं, लेकिन उन्होंने जम्मू-कश्मीर के ख़िलाफ़ पिछला रणजी मैच खेला, जो दर्शाता है कि वह पूरी तरह फिट हैं."
"मुझे नहीं पता कि चयनकर्ताओं ने सरफ़राज़ को टीम के बाहर रखने से पहले किन बातों पर ग़ौर किया गया. मैं उम्मीद करता हूँ कि उनके पास कोई ठोस वजह होगी या शायद वे बाद में उन्हें फिर से टीम में शामिल करेंगे."
अक्तूबर 2024 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ बेंगलुरु टेस्ट में सरफ़राज़ ने टिम साउदी और मैट हेनरी जैसे गेंदबाज़ों के विरुद्ध 150 रन की पारी खेली थी.
इस पारी ने संकेत दिए थे कि वे भारतीय मध्यक्रम को संभालने की क्षमता रखते हैं. इसके बावजूद ऑस्ट्रेलिया में 2024-25 की पांच मैचों की टेस्ट सिरीज़ के लिए प्लेइंग इलेवन में उन्हें जगह नहीं मिली.
सबा करीम कहते हैं, "न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ घरेलू सिरीज़ हारने के बाद चयनकर्ताओं पर भी भारी दबाव था. मुझे यक़ीन है कि वे ऑस्ट्रेलिया सिरीज़ के लिए कुछ अन्य खिलाड़ियों को आज़माना चाहते थे, क्योंकि उन्हें लगा होगा कि सरफ़राज़ न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके जितना उन्होंने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खेली गई पिछली सिरीज़ में किया था."
- जय शाह पर पाकिस्तान क्यों लगा रहा क्रिकेट को नुक़सान पहुंचाने का आरोप
- ऑस्ट्रेलिया ने पहले वनडे में भारत को हराया, नहीं चला रोहित-कोहली का बल्ला

भारतीय क्रिकेट में चयन प्रक्रिया में निरंतरता और पारदर्शिता की कमी पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं.
हाल ही में कुछ अन्य खिलाड़ियों के चयन न होने पर भी सवाल उठे हैं.
श्रेयस अय्यर पिछली गर्मियों में इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम का हिस्सा नहीं थे, हालांकि वह अब ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेल रही मौजूदा भारतीय टीम में वापस आ गए हैं.
उधर मोहम्मद शमी अब भी टीम से बाहर हैं. चयनकर्ताओं और खिलाड़ियों के बीच सीधी बातचीत की खामियों को लेकर आलोचना तब और खुलकर सामने आई जब हाल ही में शमी ने कहा कि चयनकर्ताओं को अपनी फिटनेस रिपोर्ट देना उनका काम नहीं है.
प्रवीण आमरे कहते हैं, "मेरा मानना है कि जब सरफ़राज, श्रेयस अय्यर या मोहम्मद शमी जैसे खिलाड़ी को टीम से बाहर किया जाता है या आराम दिया जाता है, तो उन्हें स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए. मेरा मानना है कि निष्पक्षता और अच्छे संवाद की एक संस्कृति होनी चाहिए. यह न केवल खिलाड़ियों की मदद करेगा बल्कि भविष्य के चयनकर्ताओं के लिए भी एक अच्छी मिसाल बनेगा."
उन्होंने कहा, "लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि सरफ़राज़ के लिए दरवाज़े बंद नहीं हुए हैं. उन्हें निराश नहीं होना चाहिए और रणजी में लगातार रन बनाते रहना चाहिए. मुझे यक़ीन है कि वह जल्द ही भारतीय टीम में वापसी करेंगे."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम, और व्हॉट्सऐप पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
You may also like
Bihar Election 2025: आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट को मल्लाह वोट मिलेंगे? बिहार चुनाव में VIP की सबसे बड़ी चुनौती
High Security Number Plate: हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने में पुणे RTO सबसे आगे, क्या है लास्ट डेट? जुर्माने का खाका तैयार
प्रेमानंद महाराज के लिए दुआ: सूफियान इलाहाबादी का वीडियो विवाद
सुबह उठते ही लार के लाभ: आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
सस्ता लोन लेने के लिए अपनाएं ये टिप्स झटपट होगा पास,` क्लिक करके जाने पूरी खबर