फैटी लिवर आजकल एक आम समस्या बन चुकी है, खासकर उन लोगों में जिनकी जीवनशैली में शारीरिक गतिविधि कम और जंक फूड ज्यादा है। इसमें लिवर की कोशिकाओं में चर्बी जमने लगती है, जो समय रहते कंट्रोल न हो तो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
अच्छी बात यह है कि आयुर्वेद और हेल्थ न्यूट्रिशन में कुछ ऐसे प्राकृतिक खाद्य पदार्थ बताए गए हैं, जो लिवर को डिटॉक्स करने और उसमें जमा फैट को धीरे-धीरे खत्म करने में मदद करते हैं। ऐसा ही एक विकल्प है ‘मिलेट्स से बना खास आटा’, जो लिवर की सफाई और हेल्दी फंक्शनिंग में बेहद असरदार है।
फैटी लिवर क्यों होता है?
- ज्यादा तैलीय और प्रोसेस्ड फूड का सेवन
- एल्कोहल का अत्यधिक उपयोग
- मोटापा और इंसुलिन रेजिस्टेंस
- लंबे समय तक बैठे रहना और कम शारीरिक गतिविधि
कौन सा है ये खास आटा?
यह आटा मुख्य रूप से ज्वार, बाजरा और रागी जैसे मिलेट्स के मिश्रण से बनाया जाता है। कई जगह इसमें थोड़ा सा चना आटा और अलसी पाउडर भी मिलाया जाता है, ताकि यह फाइबर और ओमेगा-3 से भरपूर हो जाए।
लिवर के लिए इस आटे के फायदे
- मिलेट्स में मौजूद हाई फाइबर और मिनरल्स लिवर की फैट प्रोसेस करने की क्षमता को बेहतर बनाते हैं।
- इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
- लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने के कारण यह शुगर लेवल को स्थिर रखता है, जिससे फैटी लिवर का खतरा कम होता है।
- फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा रखता है, जिससे अनावश्यक कैलोरी का सेवन कम होता है।
इस आटे का सेवन कैसे करें?
- रोजाना अपनी रोटी, पराठा या चीला इस आटे से बनाएं।
- चाहें तो इसे गेहूं के आटे में 50% मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- नाश्ते में इस आटे का दलिया या उपमा भी ले सकते हैं।
सावधानियां
- अगर आपको कोई पुरानी लिवर की बीमारी है तो सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- आटे के साथ ज्यादा तैलीय और मीठी चीजों का सेवन न करें।
- बेहतर परिणाम के लिए नियमित व्यायाम और हेल्दी डाइट अपनाएं।
यह खास आटा सिर्फ फैटी लिवर के मरीजों के लिए ही नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए फायदेमंद है जो लिवर को स्वस्थ रखना चाहता है। सही डाइट, व्यायाम और इस आटे का नियमित सेवन मिलकर लिवर से जिद्दी फैट को धीरे-धीरे साफ कर सकते हैं।
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