भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मुकाबलों को लेकर हमेशा रोमांच बना रहता है। लेकिन इस बार पाकिस्तान टीम की हालत पर भारत के पूर्व क्रिकेटर निखिल चोपड़ा ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि पाकिस्तान की टीम इतनी कमजोर हो चुकी है कि वहां के बच्चों तक को अपने खिलाड़ियों के नाम याद नहीं होंगे।
निखिल चोपड़ा ने रखा अपना पक्षचोपड़ा ने एनडीटीवी के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि पहले पाकिस्तान क्रिकेट अपनी ताकत और बड़े खिलाड़ियों की वजह से जानी जाती थी। वसीम अकरम, इमरान खान, शोएब अख्तर और वकार यूनुस जैसे दिग्गज जब मैदान पर उतरते थे, तो पूरी दुनिया उन्हें पहचानती थी। लेकिन आज उनकी टीम में ऐसे नाम नजर नहीं आते जिनसे लोग प्रेरणा लें या जिन्हें देखकर बच्चे क्रिकेट खेलने के लिए उत्साहित हों।
उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान की सबसे बड़ी कमजोरी उनकी निरंतरता की कमी है। बल्लेबाजी में कोई खिलाड़ी लंबी पारी खेलने के लिए जिम्मेदारी नहीं ले रहा और गेंदबाज भी उतना असरदार प्रदर्शन नहीं कर पा रहे। यही वजह है कि विरोधी टीमें आसानी से उन पर हावी हो जाती हैं।
निखिल चोपड़ा ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पीसीबी लगातार बदलाव करता रहता है, लेकिन खिलाड़ियों पर भरोसा दिखाने में असफल रहा है। युवा खिलाड़ियों को मौका देना जरूरी है, लेकिन उन्हें लंबे समय तक समर्थन और सही मार्गदर्शन भी चाहिए। बिना अनुभव और आत्मविश्वास के कोई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल नहीं हो सकता।
भारत के इस पूर्व क्रिकेटर का कहना है कि पाकिस्तान को अपनी क्रिकेट संरचना पर काम करना होगा। अगर देश के बच्चों को ही अपने खिलाड़ियों के नाम नहीं पता, तो यह चिंता की बात है। टीम को मजबूत बनाने के लिए बोर्ड को खिलाड़ियों में निवेश करना चाहिए और उन्हें तैयार करना चाहिए ताकि वे दुनिया की बड़ी टीमों को टक्कर दे सकें।
चोपड़ा का यह बयान पाकिस्तान क्रिकेट के लिए आईना दिखाने जैसा है। उन्होंने साफ संकेत दिए कि अगर हालात ऐसे ही रहे, तो पाकिस्तान की टीम और पीछे चली जाएगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान पूरी तरह खो देगी।
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