नई दिल्ली: देश में अब महंगाई से थोड़ी राहत मिलने लगी है. अब आपको रोजमर्रा की चीजें, जैसे सब्जियाँ और दालें, थोड़ी सस्ती मिल रही हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा की एक नई रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल में खुदरा महंगाई दर (CPI) 3% से भी नीचे रह सकती है. ये आंकड़े 13 मई को जारी होंगे.महंगाई में गिरावट की सबसे बड़ी वजह है खाने-पीने की चीजों की कीमतों में गिरावट. सब्जियां और दालें सस्ती, तेल थोड़ा महंगाहाल के हफ्तों में सब्जिया 34% तक सस्ती हुईंदालों के दाम 15% तक घटेहालांकि, खाने के तेल, खासकर सूरजमुखी तेल के दाम 30% तक बढ़े हैं.सूरजमुखी तेल का CPI में हिस्सा 1% से भी कम है, इसलिए इसका असर ज्यादा नहीं होगा. सस्ती हुई थालीरेटिंग एजेंसी क्रिसिल की "रोटी राइस रिपोर्ट" बताती है कि अप्रैल में एक साधारण शाकाहारी थाली की कीमत 4% घटकर 26.3 रुपये रह गई. मार्च की तुलना में यह 1% सस्ती हो गई है.सब्जियां सस्ती होने से थाली पर खर्च कम हुआ है. ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदरिजर्व बैंक (RBI) की अगली बैठक जून में होगी. अगर महंगाई इसी तरह नीचे रहती है, तो रेपो रेट में और कटौती हो सकती है. इससे होम लोन, पर्सनल लोन जैसे कर्ज सस्ते हो सकते हैं. मार्च में महंगाई 5 साल के निचले स्तर परमार्च 2024 में खुदरा महंगाई दर 3.34% रही. यह अगस्त 2019 के बाद सबसे कम है, फरवरी में यह 3.61% थी.खाने-पीने की चीजों की महंगाई मार्च में घटकर 2.67% हो गई, जो पहले 3.75% थी.ग्रामीण इलाकों में महंगाई 3.79% से घटकर 3.25% हो गई है और शहरी इलाकों में थोड़ी बढ़कर 3.43% हो गई. महंगाई घटती-बढ़ती क्यों है?महंगाई का सीधा रिश्ता डिमांड और सप्लाई से होता है. अगर डिमांड ज्यादा और सप्लाई कम होगी, तो चीजें महंगी होंगी. अगर सप्लाई ज्यादा और डिमांड कम, तो चीजें सस्ती होंगी. CPI क्या है और क्यों जरूरी है?CPI (Consumer Price Index) से पता चलता है कि आम आदमी को रोजमर्रा की चीजों के लिए कितनी कीमत चुकानी पड़ रही है. इस इंडेक्स में करीब 300 चीजें शामिल होती हैं जैसे खाने-पीने का सामान, कपड़े, घर का किराया, ट्रांसपोर्ट आदि.
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