आम भारत की नकदी फसलों में शामिल है। जिसकी मार्केट में भारी डिमांड रहती है। लेकिन इस समय कई राज्यों में भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण अन्य फसलों के साथ ही आम की फसल को भी काफी नुकसान हो रहा है। अत्यधिक बारिश के कारण आम के पेड़ों में लगे फूलों का झड़ना, फलों का सड़ना, किट और रोगों का प्रकोप जैसे कई समस्याएं आती हैं। बारिश से आम की फसल को होने वाले नुकसान1. भारी बारिश के कारण आम के पेड़ों पर लगने वाले फूल झड़ जाते हैं जिससे किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ता है क्योंकि उत्पादन में भारी कमी हो जाती है। 2. बारिश के कारण नमी बढ़ जाती है और नमी के कारण फल सड़ने लगते हैं। यदि खेतों में जल निकासी की व्यवस्था अच्छी नहीं है तो यह समस्या ज्यादा बढ़ सकती है। 3. भारी बारिश के कारण फफूंद जनित रोग बढ़ जाते हैं जैसेएन्थ्रेक्नोज और पाउडरी मिल्ड्यू आदि। 4. यदि खेतों में जल निकासी की व्यवस्था सही नहीं है तो इससे पेड़ों की जड़ें कमजोर हो सकती है, जिससे पेड़ों के गिरने का खतरा बढ़ जाता है। 5. बारिश के कारण परागण की प्रक्रिया भी प्रभावित होती है जिससे कम फल लगते हैं और उत्पादन घटता है। ऐसे में किसानों का नुकसान बढ़ सकता है। भारी बारिश में आम की फसलों की कैसे करें सुरक्षा1. किसानों के लिए यह सबसे ज्यादा जरूरी है कि खेतों में जल निकासी की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए। पेड़ों के आसपास पानी के ठहराव को रोकने के लिए नालियां बना सकते हैं। आप पेड़ों के चारों ओर गोलाकार गड्ढे बनाकर भी पानी को जड़ों से दूर रख सकते हैं। ढलान वाली जमीन पर आम की खेती अच्छे से हो सकती है। 2. फलों को फफूद जनित रोगों से बचने के लिए कॉपर ऑक्सिक्लोराइड या मैनकोज़ेब जैसे फफूंदनाशकों का इस्तेमाल करें। 3. पेड़ों पर फूल लगने से पहले ही हल्की सी छटिंग कर ले ताकि हवा और धूप पेड़ के अंदर तक अच्छे से पहुंच सके। इसे नमी और फफूंद का खतरा भी कम होता है। 4. पेड़ों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बारिश से पहले पोटेशियम और फास्फोरस युक्त खाद जरूर दें। इसके अलावा आप चाहे तो नीम के तेल का छिड़काव भी कर सकते हैं जिससे कि कीटों का प्रभाव कम हो। 5. पेड़ों के चारों ओर सूखी घास या प्लास्टिक शीट से मल्चिंग कर सकते हैं। यह मिट्टी में नमी को नियंत्रित करता है और जड़ों को अतिरिक्त पानी से बचाता है। 6. इस बात का खास ध्यान रखें कि बारिश में मक्खी और अन्य कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है। कीटों से रक्षा के लिए फेरोमोन ट्रैप और कीटनाशकों का इस्तेमाल करें। यदि फल पक गए हैं तो उन्हें जल्दी तोड़ ले ताकि किट उन पर हमला न कर सके।.7. अपने मोबाइल में मेघदूत या किसान सुविधा जैसी ऐप डाउनलोड करके रखें ताकि आपको मौसम विभाग से बारिश की जानकारी प्राप्त हो सके। ताकि पूर्वानुमान के आधार पर आप खेती की योजनाएं बना सके। 8. प्राकृतिक आपदा या भारी बारिश से होने वाले फसलों के नुकसान के लिए अपनी फसलों का बीमा जरूर करवाएं। फलों को बारिश से पहले या मौसम साफ होने पर तोड़ें ताकि सड़न का खतरा कम हो।
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