नई दिल्ली: झारखंड की राजधानी रांची के पास एक अनोखा गांव है, जिसे भूत गांव के नाम से जाना जाता है। यहां के निवासी भूतों को अपने देवता मानते हैं, जो सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है। इस गांव में किसी भी शुभ कार्य से पहले भूत की पूजा करना अनिवार्य है। चाहे दुल्हन का आगमन हो या कोई अन्य समारोह, सबसे पहले भूतों की पूजा की जाती है।
पूर्वजों का आशीर्वाद
यह गांव रांची से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित है, जहां आदिवासी समुदाय के लोग कई परंपराओं का पालन करते हैं। हर घर के बाहर कब्रें होती हैं, जो उनके पूर्वजों की होती हैं। ये लोग अपने पूर्वजों का बहुत सम्मान करते हैं और दिन की शुरुआत उनकी पूजा से होती है। गांव के मुखिया मनीष का कहना है कि यह पूर्वजों का आशीर्वाद है, जिसके कारण गांव सुरक्षित और खुशहाल है।
भूत की पूजा का महत्व
यहां भूतों को पूर्वज माना जाता है और उन्हें भगवान के समान पूजा जाता है। स्थानीय भाषा में पूर्वजों को भूत कहा जाता है। गांव के लोग बताते हैं कि कोई भी उनसे डरता नहीं है, बल्कि ये भूत आशीर्वाद देते हैं। शादी के समय सबसे पहले भूत की पूजा की जाती है, यानी कब्र की पूजा की जाती है। मान्यता है कि भूतों के आशीर्वाद के बिना कोई शुभ कार्य संपन्न नहीं होता।
खुशहाली का वातावरण
गांव के लोग बताते हैं कि यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और वे इसे श्रद्धा के साथ निभाते हैं। ऐसा माना जाता है कि पूर्वजों की प्रसन्नता से ही सुख और समृद्धि आती है। शादी के बाद दुल्हन सबसे पहले कब्र की पूजा करती है, उसके बाद ही अन्य रस्में होती हैं। पूर्वजों की पूजा के कारण यहां हर घर में खुशहाली का माहौल है। कई लोग गांव के नाम से डर जाते हैं, लेकिन जब सच्चाई का पता चलता है, तो उनका डर समाप्त हो जाता है।
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