बिच्छू एक जहरीला कीड़ा है, जिसके काटने से अत्यधिक दर्द होता है। कभी-कभी यह दर्द इतना भयानक हो सकता है कि यह जानलेवा भी हो सकता है, हालांकि ऐसा बहुत कम होता है। बिच्छू के काटने के तुरंत बाद, सबसे पहले उस स्थान को ऊपर और नीचे से बांधना चाहिए ताकि जहर शरीर में फैल न सके।
लक्षण: बिच्छू के काटने से सूजन हो सकती है, लेकिन यह हमेशा स्पष्ट नहीं होती। आमतौर पर, काटने के बाद तेज दर्द और जलन होती है, जो बाद में झुनझुनी या सुन्नता में बदल सकती है।
- उल्टियाँ, पसीना आना, या मुँह से झाग आना
- अनैच्छिक मूत्र या मल त्याग
- मांसपेशियों में ऐंठन, जिसमें सिर, गर्दन या आँखों की अनैच्छिक गतिविधियाँ शामिल हैं
- अनियमित हृदय गति
- सांस लेने, निगलने, बोलने या देखने में कठिनाई
- एलर्जिक प्रतिक्रिया के कारण गंभीर सूजन
बिच्छू के काटने का दर्द केवल वही व्यक्ति समझ सकता है जिसे यह अनुभव हुआ है। इस स्थिति में, एक प्रभावी होम्योपैथिक दवा है, जिसका नाम है Silicea 200। इसे 5 मिलीलीटर की मात्रा में घर पर रखना चाहिए। बिच्छू के काटने पर, इस दवा की एक बूँद जीभ पर 10-10 मिनट के अंतराल पर तीन बार देनी चाहिए।
जब बिच्छू काटता है, तो उसका डंक अंदर रह जाता है, जिससे दर्द होता है। इस डंक को निकालना आसान नहीं होता; डॉक्टर इसे बाहर निकालने के लिए चीरा लगाते हैं, जिससे खून भी निकलता है। लेकिन यह दवा इतनी प्रभावी है कि तीन डोज देने पर, डंक अपने आप बाहर आ जाता है।

यह दवा अन्य स्थितियों में भी उपयोगी है। यदि आप सिलाई मशीन का उपयोग करते हैं और सुई अंदर टूट जाती है, तो यह दवा उसे भी बाहर निकालने में मदद करेगी।
आप इस दवा का उपयोग कई अन्य मामलों में भी कर सकते हैं, जैसे कांटा लगना, कांच का घुसना, ततैया या मधुमक्खी का काटना। यह तेज दर्द निवारक है और जो कुछ अंदर रह जाता है, उसे बाहर निकालने में मदद करती है। यह दवा बहुत सस्ती है, 5 मिलीलीटर की कीमत केवल 10 रुपये है, और इसे होम्योपैथिक स्टोर से खरीदा जा सकता है। इससे आप कई लोगों की मदद कर सकते हैं।
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