दुख हर किसी की लाइफ में होते हैं। लेकिन असली हीरो वही होता है जो अपने दुख में भी खुशी ढूंढ लेता है। दुख के समय में हमे सहारा देती है प्रेरणादायक कहानियां। जब हम किसी और की सक्सेस स्टोरी सुनते हैं तो अपने आप मोटिवेट हो जाते हैं। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । आज हम आपको एक ऐसे ट्रांसजेंडर की कहानी सुनाने जा रहे हैं जिसने लाइफ में बहुत दुख देखे लेकिन फिर भी ज़िंदगी में खुश रहना सिख लिया। इस ट्रांसजेंडर का नाम है Jasmine Vine।
जैसमिन जब स्कूल जाया करती थी तो बच्चे उसे चिढ़ाते थे, उसका मजाक बनाते थे। उस दौरान जैसमिन को यह समझ में आया कि जब तक वह खुद को अच्छे से नहीं जान लेती तब तक एक खुशहाल ज़िंदगी नहीं जी सकती है। इंसान को लाइफ में क्या चाहिए वह उसे अच्छे से पता होना चाहिए। यदि वह अपनी चाहत को दबाकर रखता है तो कभी खुश नहीं रह पाता है।
जेसमिन का बचपन बहुत मुश्किलों भरा था। उनके माता पिता हमेशा लड़ते रहते थे। खाने से ज्यादा ड्रग्स लेते थे। इसका नतीजा ये हुआ कि जेसमिन को 7 वर्ष की उम्र में ही सुसाइड के ख्याल आने लगे। जेसमिन के परिवार में किसी की जॉब भी नहीं थी। घर जैसे तैसे चलता था। इस बीच जेसमिन खुद के निजी विचारों को लेकर भी संघर्ष कर रही थी।
जेसमिन का जन्म तो पुरुष के रूप में हुआ लेकिन उन्होंने हमेशा ऐसा ही फिल किया कि उनकी बॉडी मेल की तरह नहीं है। वे खुद को अंदर से फ़ीमेल मानती थी। जब वे 14 की हुई तो अपने आप को डॉक्यूमेंट कर यूट्यूब पर अपने बदलाव के वीडियोज डालने लगी। ये उनक लाइफ का टर्निंग पॉइंट बना। लोगों ने उन्हें न सिर्फ अपना फीडबैक बल्कि साहस और हिम्मत भी दी। इस चीज ने उन्हें बुरे समय में भी जिंदा रहने की प्रेरणा दी।

जैसमिन को नशे की आदत भी थी। वे बाइपोलर और पैनिक डिसआर्डर झेल चुकी थी। उन्होंने कई समय तक अपना इलाज करवाया। तब उनका दिमाग ही उनका दुश्मन बन जाता था। वे बहुत ज्यादा सोचती थी। फिर एक समय ऐसा भी आया जब उन्होंने अपने पेरेंट्स को खो दिया।
फिर जैसमिन ने खुद को जानने और बुरी चीजों से दूर होने का प्रयास किया। इस काम में मनोवैज्ञानिक से बातचीत करना काम आया। जल्द ही वे आध्यात्मिक रास्ते पर चल पड़ीं। फिर एक दिन उन्होंने फैसला किया कि वे अपनी लाइफ अपने लिए जीना शुरू करेंगी। लोग क्या सोचते हैं इस पर ध्यान नहीं देंगी।
वर्तमान में जैसमिन ने खुद को खोज लिया है। वे जान गई हैं कि उन्हें कौन सी चीज खुश रखती है। अब वे अपनी मर्जी के मुताबिक ही लाइफ जीती हैं। यह चीज उन्हें बहुत खुश रखती है।
इस कहानी से यही सिख मिलती है कि लाइफ में अपने हिसाब से बदलाव लाने हैं तो आपको मेहनत करनी होगी। लोग क्या कहेंगे इस चीज को इग्नोर करना होगा। यदि आप दिल की सुनेंगे तो जीवन में जरूर सफल होंगे।
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