New Delhi, 14 अक्टूबर . भृंगराज एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसे बालों से लेकर लिवर, किडनी और त्वचा तक की कई समस्याओं के इलाज में उपयोग किया जाता है. इसे आयुर्वेद में केसराज कहा जाता है और यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है.
India में भृंगराज को अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे भांगड़ा, माका, बाबरी, केसुती आदि. भृंगराज में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स, फ्लैवोनॉयड्स और अल्कलॉइड्स शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालते हैं और कोशिकाओं को स्वस्थ बनाए रखते हैं.
भृंगराज एक बहुउपयोगी औषधि है, जो न सिर्फ बालों की सेहत को सुधारती है बल्कि शरीर के अंदरूनी अंगों जैसे लिवर, किडनी और पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाती है. यदि इसे सही तरीके और मात्रा में इस्तेमाल किया जाए, तो यह शरीर को अनेक रोगों से बचाने में मददगार साबित हो सकती है.
इसका सबसे अधिक उपयोग बालों के झड़ने, सफेद होने और गंजेपन को रोकने के लिए किया जाता है. इसके साथ ही यह लिवर को डिटॉक्स कर उसे वायरल संक्रमण जैसे हेपेटाइटिस सी से भी बचाता है.
भृंगराज का सेवन पाउडर, जूस, कैप्सूल या तेल के रूप में किया जा सकता है. आप डॉक्टर की सलाह से दिन में दो बार 2-3 ग्राम भृंगराज पाउडर शहद के साथ ले सकते हैं. बालों की समस्याओं में इसके तेल को सिर में लगाना काफी फायदेमंद होता है. त्वचा रोगों में इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर लगाना लाभकारी होता है. यह पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे अपच, कब्ज, गैस और भूख न लगने में भी असरदार होता है. इसके सेवन से शरीर की सूजन कम होती है और इम्युनिटी बढ़ती है.
भृंगराज भले ही एक सुरक्षित जड़ी-बूटी मानी जाती है, फिर भी अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से पेट दर्द या अन्य परेशानियां हो सकती हैं. गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं और मधुमेह रोगी इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें.
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पीआईएम/एबीएम
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