मुंबई, 3 जून . यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर एल्विश यादव ने हरियाणवी भाषा के साथ जुड़ी गलतफहमी पर बात की. समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि हरियाणवी बोलने वाला कितना भी पढ़ा-लिखा क्यों न हो, उसे अनपढ़ ही समझा जाता है.
एल्विश यादव ने बताया, “मेरे मन में ये चीजें चलती रहती हैं. मैंने कहीं पढ़ा था कि ज्यादातर लोग सोचते हैं कि हमारी जैसी भाषा होती है, वैसी ही इमेज बना ली जाती है. जैसे हरियाणवी, जो ‘खड़ी’ बोली है, कुछ लोगों को अनपढ़ लोगों की भाषा लगती है. उन्हें लगता है कि हम ठीक से बोलना नहीं जानते. लेकिन यह सच नहीं है.”
‘एल्विश यादव’ के रूप में लोकप्रिय सिद्धार्थ यादव हरियाणा से हैं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया है. 28 वर्षीय एल्विश ‘बिग बॉस ओटीटी 2’ और ‘एमटीवी रोडीज डबल क्रॉस’ जैसे शो के विजेता रहे हैं. उन्होंने खुलासा किया कि वह कड़ी मेहनत करते थे और टॉपर रहे हैं.
उन्होंने बताया, “सच तो यह है कि मैंने बहुत पढ़ाई की है. मैं कड़ी मेहनत करता था. मैं टॉपर रह चुका हूं. मैंने परीक्षाएं अच्छे नंबरों में पास की हैं. मेरा मानना है कि यदि कोई तमिलनाडु से है, तो उसकी भाषा तमिल है. ऐसे ही हरियाणा की भी अपनी भाषा है, लेकिन हमारी भाषा के बारे में गलतफहमी है.”
एल्विश का मानना है कि हरियाणवी बोलने वालों के बारे में एक गलत धारणा बन गई है. उन्होंने कहा, “एक स्टीरियोटाइप बना दिया गया है कि जो कोई भी हरियाणवी बोलता है-चाहे वह कितना भी शिक्षित क्यों न हो, वह अनपढ़ होगा. वह ठीक से बोलना नहीं जानता. लेकिन यह हमारी भाषा है. हर किसी की अपनी भाषा होती है. इसलिए मैं जिस तरह से बोलता हूं, वह बिल्कुल ठीक है. लेकिन लोग मानते हैं मैं अहंकार में रहता हूं. हो सकता है कि मुझमें थोड़ा अहंकार हो, लेकिन उतना नहीं जितना लोग सोचते हैं.”
उन्होंने आगे बताया, “लोग मुझे गलत समझते हैं? इतना कि इसके लिए मीम्स भी बनने लगे हैं. लेकिन मैं एक अच्छा इंसान हूं.”
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एमटी/एएस
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