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जोधपुर : रेजिडेंट डॉक्टरों का अनिश्चितकालीन प्रदर्शन, कहा- हमारी मांगों पर सरकार नहीं दे रही ध्यान

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जोधपुर, 20 अक्टूबर . राजस्थान के जोधपुर में रेजिडेंट डॉक्टर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का दो टूक कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा.

डॉक्टरों ने आक्रोश जताते हुए कहा, “हम पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन, सरकार ने अब तक हमारी किसी भी मांग पर विचार नहीं किया है. सवाल यह है कि सरकार कब तक खामोश रहेगी? अब हमारे सब्र का बांध टूट रहा है. बीते दिनों सरकार ने हमें वार्ता के लिए बुलाया था. तब हमारी कई मुद्दों पर सरकार से बातचीत हुई थी. हमें हमारी मांगों को पूरा करने का आश्वासन भी दिया गया था. लेकिन, अफसोस यह आश्वासन महज आश्वासन ही रह गया. इसे लेकर अब तक धरातल पर किसी भी प्रकार का कदम नहीं उठाया गया है.”

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा, “हम सब जानते हैं कि कैसे पश्चिम बंगाल में आर.जी. कर प्रकरण ने डॉक्टरों की सुरक्षा व्यवस्था की कलई खोलकर रख दी थी. देश भर में इसे लेकर डॉक्टरों के बीच आक्रोश देखा गया. लेकिन, मौजूदा व्यवस्था को देखकर ऐसा लगता है कि सरकार इसे लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है. अगर होती तो अब तक कोई न कोई कदम जरूर उठाती.”

मथुरा दास माथुर अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंद्र चारण ने कहा, “दो महीने पहले कोलकाता की घटना प्रकाश में आने के बाद प्रदेश के सभी डॉक्टरों ने व्यापक स्तर पर विरोध-प्रदर्शन किया था, ताकि कोलकाता जैसी घटना राजस्थान में न हो. इसके बाद हमने सरकार के साथ इस संबंध में समझौता किया था. सरकार ने हमें आश्वस्त किया था कि रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा के संबंध में कड़े कदम उठाए जाएंगे. लेकिन, अफसोस यह धरातल पर लागू होता नजर नहीं आ रहा है, जिसे लेकर हम जैसे डॉक्टरों में रोष है.”

रेजिडेंट डॉक्टर दिव्या ने कहा, “हमने सरकार से सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग की थी और बुनियादी सुरक्षाओं की मांग की थी. लेकिन, अभी तक हमारी मांगों पर विचार नहीं किया गया. यह सभी काम महज फाइलों में ही नजर आ रहे हैं, जिसे देखते हुए हमने अपने विरोध-प्रदर्शन को व्यापक रूप से देने का मन बनाया है.”

उन्होंने आगे कहा, “मौजूदा समय में कई प्रकार की बीमारियां भी चल रही हैं. अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में हम हड़ताल पर हैं. मरीजों को भी समस्याएं हो रही हैं. लेकिन, सरकार इस दिशा में कोई भी ध्यान नहीं दे रही है. सरकार को लग रहा है कि ये मांगें बिल्कुल बेकार हैं. इन मांगों का कोई औचित्य नहीं बनता है. हम खुद हड़ताल खत्म करना चाहते हैं. लेकिन, सरकार इस दिशा में कोई भी कदम उठाती नजर नहीं आ रही है.”

एसएचके/एकेजे

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