Mumbai , 11 अगस्त . शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व Chief Minister उद्धव ठाकरे ने Monday को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और भारत निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि क्या चुनाव आयोग Supreme court से भी ऊपर है?
उद्धव ठाकरे ने कहा कि दो जगह पर आंदोलन हुए. महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ जन आंदोलन हुआ, जिसमें शिवसेना के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ जनता ने भी हिस्सा लिया. कई बार हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई, राज्यपाल को भी सबूत दिए, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ. New Delhi में इंडिया गठबंधन के सभी सांसद चुनाव आयोग को मिलने जा रहे थे और उनके सामने आंदोलन करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया. हमारा आंदोलन चुनाव आयोग के खिलाफ है, लेकिन बीच में सरकार और भाजपा क्यों आ रही है, हमें नहीं पता. इसका मतलब साफ है कि जो चोरी हुई है, वो उसे छिपाना चाहते हैं.
उन्होंने एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार के बयान पर कहा कि जब भी चुनाव आते हैं तो ऐसे लोग मिलते रहते हैं. इस तरीके से हमें जीतना मंजूर नहीं है. जो लोग मिले थे, उनकी बातों को हमने गंभीरता से नहीं लिया. अब मुझमें उत्सुकता है कि वे लोग कहां गए? उन्हें ढूंढने की कोशिश करेंगे. अगर मिल जाएं तो समझने की कोशिश करेंगे कि यह कैसे होता है.
उन्होंने आगे कहा कि वोट की चोरी तो हुई है. मेरी अपेक्षा थी कि भाजपा नहीं तो कम से कम सरकार की ओर से कोई मंत्री या कोई रिटायर्ड जज आते और राहुल गांधी ने जो बातें कही हैं, उसमें कितनी सच्चाई है, उसे समझते. चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को कहा कि एफिडेविट दो या कोर्ट जाओ. ईसीआई ने कहा कि वोटर लिस्ट से जितने भी नाम हटाए गए, उसके बारे में जानकारी देने के लिए हम बाध्य नहीं हैं. क्या चुनाव आयोग Supreme court से भी ऊपर है?
उद्धव ने आगे कहा कि एक बात तो स्पष्ट है कि महाराष्ट्र में Lok Sabha चुनाव का जो परिणाम आया, उसके ठीक विपरीत विधानसभा चुनाव का नतीजा आया है. दोनों चुनावों के बीच 5 से 6 महीने थे, उस बीच लगभग 45 लाख वोटर बढ़ गए. वह कहां से आए? कौन हैं ये लोग? इसीलिए राहुल गांधी ने जो सवाल उठाए हैं, उसे समझने की आवश्यकता है. कहीं एक पते पर 30-30 वोटर मिलते हैं तो कहीं पर 200 वोटर.
उन्होंने कहा कि अब मतदाताओं का काम है कि अपना नाम मतदाता सूची में है या नहीं, उसे चेक करें. क्या आपके एड्रेस पर कुछ और लोगों के नाम तो नहीं जोड़े गए हैं, उसे देखने की जरूरत है. साथ ही, मैं अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि आप मतदाता सूची लेकर घर-घर जाएं और चेक करें.
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डीकेपी/
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