New Delhi, 11 सितंबर . Supreme court ने महाराष्ट्र के अकोला में 2023 में हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच में लापरवाही और निष्क्रियता को लेकर महाराष्ट्र पुलिस पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
कोर्ट ने इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का आदेश दिया है. यह फैसला उस याचिका पर आया है, जिसमें मई 2023 के दंगों की जांच में पुलिस की लापरवाही और पक्षपातपूर्ण रवैये की शिकायत की गई थी. याचिकाकर्ताओं ने दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सिविल और आपराधिक कार्रवाई की मांग की थी.
Supreme court ने महाराष्ट्र के गृह सचिव को निर्देश दिया है कि वे हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के वरिष्ठ और निष्पक्ष अधिकारियों की एक एसआईटी टीम बनाएं. कोर्ट ने साफ कहा कि पुलिस की वर्दी पहनने के बाद हर अधिकारी को धर्म, जाति या किसी भी तरह के पूर्वाग्रह से ऊपर उठकर कर्तव्य निभाना चाहिए. न्यायालय ने जोर देकर कहा कि कानून के मुताबिक हर मामले में निष्पक्षता और जवाबदेही जरूरी है.
अकोला में मई 2023 में हुई हिंसा के बाद से इस घटना की जांच को लेकर कई सवाल उठ रहे थे. याचिका में दावा किया गया कि पुलिस ने हिंसा की सही जांच नहीं की और कुछ अधिकारियों ने पक्षपात किया. इस पर कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं में पुलिस की भूमिका बेहद संवेदनशील होती है और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती.
एसआईटी के गठन के आदेश के साथ कोर्ट ने State government से जल्द से जल्द टीम बनाकर जांच शुरू करने को कहा है. साथ ही, जांच की प्रगति पर नियमित रिपोर्ट पेश करने का निर्देश भी दिया गया है. महाराष्ट्र सरकार और पुलिस अब कोर्ट के आदेशों को लागू करने में जुट गई है, ताकि निष्पक्ष जांच हो सके और दोषियों को सजा मिले.
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एसएचके/जीकेटी
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