कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों वोट चोरी के मुद्दे पर लगातार हमलावर हैं। उनका आरोप है कि बीजेपी और चुनाव आयोग की मिलीभगत से मतदाता सूची में गड़बड़ियां की जा रही हैं। इसी संदर्भ में उन्होंने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और कहा कि हजारों वोट फर्जी तरीके से काटे जा रहे हैं। राहुल गांधी ने कुछ दस्तावेज भी मीडिया के सामने रखे और दावा किया कि यह सब चुनाव आयोग की निगरानी में हो रहा है। राहुल गांधी की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन पर सीधा प्रहार किया। फडणवीस ने विपक्ष के नेता पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका चर्चित “हाइड्रोजन बम” असल में “फुसकी बम” साबित हुआ।
“खोदा पहाड़, निकली चुहिया” – फडणवीस
फडणवीस ने कटाक्ष करते हुए कहा, “राहुल गांधी का हाइड्रोजन बम न आवाज करता है और न असर। यह कोई बम नहीं था, बल्कि खोदा पहाड़ और निकली चुहिया जैसी स्थिति थी। राहुल गांधी एक सीरियल लायर हैं। राष्ट्रीय मीडिया के सामने बार-बार इतनी सहजता से झूठ बोलना भी एक कला है, जो शायद केवल उनके पास बची है।” सीएम ने आगे कहा कि देशभर में यह प्रचार किया गया कि राहुल गांधी बड़ा धमाका करने वाले हैं। लोग उत्सुक थे कि आखिरकार वह कौन सा “हाइड्रोजन बम” फोड़ेंगे, लेकिन जब प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई तो सारा मामला ढह गया। फडणवीस के अनुसार, राहुल गांधी बिना सबूत के झूठ बोलने में माहिर हैं और इसे बार-बार सच की तरह पेश करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने इसे हिटलर के मंत्री जोसेफ गोएबल्स की रणनीति से तुलना करते हुए कहा कि यह तरीका भारत में सफल नहीं होगा।
संवैधानिक संस्थाओं पर निशाना – फडणवीस का आरोप
फडणवीस ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी रोज़ नए आरोप गढ़कर संविधान, न्यायपालिका और चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं की छवि धूमिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल को लगता है कि इस तरह के आरोपों से वह बिहार जैसे राज्यों में समर्थन हासिल कर लेंगे, लेकिन सच्चाई यह है कि बिहार की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ी है।
राहुल गांधी के ताज़ा आरोप
प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने दावा किया कि कर्नाटक के आलंद क्षेत्र में मतदाता सूची से 6,018 नाम हटाने की कोशिश की गई। उन्होंने सीधे मुख्य चुनाव आयुक्त ग्यानेश कुमार पर उंगली उठाई और कहा कि वे “वोट चोरों” को बचा रहे हैं। राहुल का कहना था कि उनके पास इस बात के करीब 10% प्रमाण मौजूद हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ने उनके आरोपों को पूरी तरह आधारहीन बताया और कहा कि वोटों को ऑनलाइन हटाना संभव ही नहीं है।
चुनाव आयोग की सफाई
कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि दिसंबर 2022 में आलंद क्षेत्र से मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए 6,018 आवेदन (Form-7) प्राप्त हुए थे। संदेह के बाद जब इनकी जांच की गई तो सिर्फ 24 आवेदन सही पाए गए, जबकि बाकी 5,994 गलत निकले। नतीजतन केवल उन्हीं 24 नामों को सूची से हटाया गया और अन्य सभी को खारिज कर दिया गया। राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि इस पूरे मामले की जांच जानबूझकर अटकी हुई है। उनके अनुसार, चुनाव आयोग दो साल से सीआईडी की चिट्ठियों का जवाब नहीं दे रहा, और यही इस बात का सबूत है कि मुख्य चुनाव आयुक्त खुद कथित वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं।
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