जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर गुरुवार 4 सितंबर से गौ भक्तों के एक भव्य राष्ट्रीय आयोजन का केंद्र बन गई है। विद्याधर नगर स्टेडियम में शुरू हुआ चार दिवसीय राष्ट्रीय गौ महाकुंभ न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष है, बल्कि विज्ञान, व्यवसाय और कृषि के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है। देवरिया बाबा एवं गौ सेवा परिवार के तत्वावधान में आयोजित इस सम्मेलन में देश–विदेश से संत–महात्मा, वैज्ञानिक, उद्योगपति और हजारों गौ भक्त शामिल हो रहे हैं।
उद्घाटन और राजनीतिक उपस्थिति
गौ महाकुंभ का शुभारंभ गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर समेत चार मंत्रियों ने भी भाग लिया। आने वाले दिनों में राज्यपाल दिया सिंह, वित्त मंत्री और कई अन्य मंत्री इसमें सम्मिलित होंगे।
6 सितंबर को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जयंत चौधरी सम्मेलन को संबोधित करेंगे। वहीं, 7 सितंबर को केंद्रीय आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव और सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ समेत कई नेता मौजूद रहेंगे।
संत–महात्माओं का समागम
प्रतिदिन शाम 6 से 8 बजे तक संत–समागम का आयोजन होगा, जिसमें शंकराचार्यजी, स्वामी अवधेशानंदजी सहित देशभर के मठों और धामों के प्रमुख संत विचार रखेंगे। गौ संरक्षण, वेदांत और सामाजिक कर्तव्यों पर विशेष चर्चा होगी।
गौ विज्ञान और व्यवसाय का संगम
सम्मेलन में गौ विज्ञान और गौ उत्पादों पर लगभग 150 प्रशिक्षण सत्र होंगे। विभिन्न विश्वविद्यालयों, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं द्वारा गोबर, गौमूत्र और उससे बने उत्पादों पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। आयुर्वेद के वैद्य और विद्यार्थी गौमूत्र आधारित औषधियों के अध्ययन में भाग लेंगे।
देश की कई प्रमुख गौशालाएं, कॉलेज और संस्थान इस आयोजन का हिस्सा हैं। उद्योग जगत से भी उत्साह देखने को मिल रहा है। देश के जाने-माने उद्योगपति और फोर्टी ग्रुप गौमूत्र और गोबर पर आधारित उद्योगों की संभावनाओं का आकलन करने के लिए उपस्थित हैं।
किसानों और गौपालकों के लिए अवसर
इस महाकुंभ में स्टार्टअप्स और गौ उत्पाद आधारित व्यवसाय की जानकारी भी दी जा रही है। हजारों किसान और गौपालक यहां से नई तकनीक और व्यापार के अवसर जानेंगे, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बल मिलेगा।
जयपुर का यह गौ महाकुंभ न केवल धार्मिक श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि विज्ञान, शिक्षा और व्यवसाय को जोड़ने वाला सेतु भी साबित हो रहा है। इसमें भाग लेने वाले आगंतुक न सिर्फ गौ सेवा के नए आयामों से परिचित होंगे, बल्कि आने वाले समय में भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था में गौ आधारित उत्पादों की संभावनाओं को भी नजदीक से समझ पाएंगे।
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