इंडोनेशिया में एक इस्लामिक स्कूल की इमारत गिरने की घटना ने स्थानीय समुदाय में सनसनी मचा दी है। AP की रिपोर्ट के अनुसार, इस दुर्घटना में कम से कम 65 छात्र मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि यह निर्माणाधीन इमारत सोमवार (29 सितंबर, 2025) को नमाज अदा कर रहे छात्रों पर अचानक गिर गई। इस हादसे में अब तक एक छात्र की मौत हो चुकी है, कई अन्य घायल हुए हैं, और कई छात्र अभी भी मलबे के नीचे फंसे हुए हैं। इन छात्रों की उम्र मुख्यतः 12 से 17 साल के बीच बताई जा रही है।
मलबे में दबे बच्चों की तलाश और अफरातफरी
इमारत गिरते ही स्कूल परिसर में हाहाकार मच गया। माता-पिता और रिश्तेदार बच्चों की तलाश में स्कूल और नजदीकी अस्पतालों में जमा हो गए। सभी बच्चों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थनाओं में जुटे हुए हैं। कमांड पोस्ट पर लगाए गए नोटिस बोर्ड के अनुसार अब तक 65 छात्रों का कोई पता नहीं चल पाया है। कई माता-पिता ने अपने बच्चों का नाम लापता सूची में देखकर फूट-फूट कर रोना शुरू कर दिया।
बचाव कार्य में मुश्किलें
रातभर बचावकर्मी, पुलिस और सेना के जवान मलबे में फंसे छात्रों तक पहुंचने के लिए अभियान चलाते रहे। अब तक 8 घायल छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। रेस्क्यू टीम ऑक्सीजन सिलेंडर और पानी की बोतलें मलबे में फंसे छात्रों तक पहुंचा रही है ताकि उनकी जान बच सके।
हालांकि, बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण है क्योंकि भारी कंक्रीट स्लैब और ढही हुई इमारत के अस्थिर हिस्से किसी भी वक्त और गिर सकते हैं। यही कारण है कि भारी मशीनों का इस्तेमाल सीमित रखा गया। खोज और बचाव अधिकारी नानंग सिगिट ने बताया, “हम मशीन का इस्तेमाल करने में हिचक रहे हैं, क्योंकि इससे और अधिक ढहाव हो सकता है और छात्रों की जान खतरे में पड़ सकती है।”
पीड़ित परिवारों का दर्द और प्रशासन की कार्रवाई
हादसे के बाद छात्रों के परिवार स्कूल परिसर और अस्पतालों में बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। एक मां ने रोते हुए कहा, “हे भगवान, मेरा बेटा अभी भी मलबे में है, कृपया मदद करो।”
स्थानीय प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की निर्माणाधीन इमारतों में अक्सर निर्माण मानकों की अनदेखी और रखरखाव की कमी पाई जाती है, जो इस तरह के हादसों का प्रमुख कारण बन सकती है।
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