चिलचिलाती धूप, तपती धरती, बहता पसीना और गर्म हवाओं के थपेड़े में राहत देने वाली चीज है मुलेठी। आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडी तासीर वाली चीजें खाना जरूरी है। इसका बोहतरीन विकल्प है मुलेठी, यह न केवल शरीर बल्कि मन को भी ठंडा-ठंडा कूल-कूल रखता है।
छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं के साथ ही कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को दूर करने में भी मुलेठी का इस्तेमाल होता है। हांगकांग बैपटिस्ट यूनिवर्सिटी के एक नए अध्ययन से पता चला कि मुलेठी कैंसर के इलाज में कारगर है। इसमें मौजूद आइसोलिक्युरिटिजेनिन नामक तत्व अग्नाश्य कैंसर समेत कई बीमारियों के लक्षणों को दबाने में कारगर होता है।
भारतीय रसोईघर में पाए जाने वाली मुलेठी का आयुर्वेद में भी खासा स्थान है।
पंजाब स्थित 'बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल' के डॉ. प्रमोद आनंद तिवारी बताते हैं कि जिन लोगों को गर्मी बर्दाश्त नहीं होती या लू जल्दी लग जाती है, उन्हें इसका सेवन करना चाहिए। इससे शरीर को ठंडक मिलती है। यही नहीं, मुलेठी के पाउडर के साथ ही काढ़ा भी शरीर को ठंडक देने में मदद करता है। काढ़ा पीने से कई स्वास्थ्य समस्याओं में भी फायदे मिलते हैं।
उन्होंने बताया, “मुलेठी का काढ़ा शरीर और दिमाग के साथ ही पेट की गर्मी को भी शांत करता है। ठंडी तासीर के कारण यह पाचन संबंधित समस्याओं से राहत देता है। नियमित रूप से इसके सेवन से वात, अपच, कच्ची डकार, कब्ज जैसी समस्याएं भी खत्म होती हैं।
औषधीय गुणों से भरपूर मुलेठी हार्ट ब्लॉकेज रोकने में मददगार होती है। मुलेठी का सेवन रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जिससे हृदय तक रक्त का प्रवाह सुचारू रहता है और हार्ट ब्लॉकेज की आशंका कम हो जाती है। मुलेठी में एंटीऑक्सिडेंट और प्रोटीन जैसे तत्व हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और सूजन भी कम होती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है। मुलेठी का सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है।
हृदय रोग के मरीजों को तीन से पांच ग्राम मुलेठी के चूर्ण को 15 से 20 ग्राम मिश्री वाले पानी के साथ रोजाना सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिससे हृदय की सेहत में सुधार होता है और हार्ट ब्लॉकेज का खतरा भी कम होता है। मुलेठी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हृदय की सूजन और तनाव को कम करने में कारगर होते हैं, जो हृदय रोगों की रोकथाम में अहम भूमिका निभाते हैं।
हार्ट ब्लॉकेज के अलावा मुलेठी का सेवन मुंह के छाले, गला बैठने, गले की खराश और खांसी के लिए भी किया जाता है। पुरानी से पुरानी खांसी भी इसके रस के सेवन से खत्म हो जाती है।
डॉक्टर प्रमोद तिवारी ने यह भी बताया कि बिना डॉक्टर की सलाह के मुलेठी का सेवन नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को मुलेठी का सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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