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इस तेल को बनाएं रोज़ाना की थाली का हिस्सा, दिल और कोलेस्ट्रॉल दोनों रहेंगे दुरुस्त

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आज के दौर में हृदय संबंधी बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। बदलती जीवनशैली, तनाव, और गलत खानपान इसका मुख्य कारण बन चुके हैं। खासकर कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना न केवल दिल के लिए खतरनाक है, बल्कि यह स्ट्रोक और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं को भी जन्म देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके किचन में रखा तेल भी इस जोखिम को बढ़ा या घटा सकता है?

विशेषज्ञों की राय में, अगर हम प्रतिदिन अपने भोजन में सरसों का तेल, जैतून का तेल (Olive Oil) या अलसी का तेल (Flaxseed Oil) जैसे हेल्दी फैट वाले तेलों का संतुलित सेवन करें, तो यह हमारे कोलेस्ट्रॉल और हार्ट हेल्थ को बेहतर बना सकता है।

क्यों खास है ये तेल?
1. जैतून का तेल (Olive Oil):

मेडिटेरेनियन डाइट का अहम हिस्सा, जैतून का तेल मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स से भरपूर होता है। यह HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाता है और LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करता है।

2. सरसों का तेल (Mustard Oil):

भारतीय रसोई में पारंपरिक रूप से इस्तेमाल होने वाला यह तेल ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड्स का अच्छा स्रोत है। यह सूजन को कम करता है और हृदय को स्वस्थ बनाए रखता है।

3. अलसी का तेल (Flaxseed Oil):

यह तेल शाकाहारी लोगों के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड का बेहतरीन स्रोत है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है और कोलेस्ट्रॉल घटाने में मददगार है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

“तेल पूरी तरह से बंद कर देना समाधान नहीं है। जरूरी है सही प्रकार के तेल का चयन और उसका सीमित मात्रा में प्रयोग। हेल्दी फैट्स शरीर के लिए आवश्यक होते हैं, खासकर हृदय की कार्यप्रणाली को बनाए रखने में,”

सावधानियाँ भी जरूरी हैं:

किसी भी तेल का अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है।

रोज़ाना तेल की मात्रा 3–4 छोटे चम्मच (15–20ml) से अधिक न हो।

डीप फ्राइंग से बचें, खासकर एक ही तेल को बार-बार गर्म न करें।

अलग-अलग तेलों को रोटेशन में प्रयोग करना बेहतर है — जैसे एक महीने सरसों का तेल, अगले महीने ऑलिव ऑयल।

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