Next Story
Newszop

यूरोप के किस देश में पार्ट-टाइम जॉब नहीं कर पाएंगे स्टूडेंट्स? सरकार लाई नया फरमान

Send Push
Denmark Work Rules: अमेरिका से लेकर कनाडा तक और ऑस्ट्रेलिया से लेकर यूरोप तक के मुल्कों में पढ़ाई बहुत महंगी है। इस वजह से छात्रों को इन देशों में पार्ट-टाइम जॉब्स करने की इजाजत मिलती है। साथ ही उन्हें पढ़ाई खत्म करने के बाद नौकरी ढूंढने के लिए समय भी दिया जाता है, जो कुछ मामलों में दो से तीन साल तक होता है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और वे इंटरनेशनल जॉब मार्केट के हालात को भली-भांति समझ पाते हैं। इसे छात्रों के लिए जरूरी भी माना जाता है। हालांकि, यूरोप का एक ऐसा भी देश है, जिसने फैसला किया है कि वह कुछ खास कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को अपने यहां पार्ट-टाइम जॉब नहीं करने देगा, ना ही उन्हें ग्रेजुएशन के बाद नौकरी ढूंढने की इजाजत होगी। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि उन्हें अपने परिवार को भी साथ लाने की अनुमति नहीं मिलेगी। इस वजह से छात्रों के बीच खलबली मची हुई है। छात्रों को समझ नहीं आ रहा है कि वे इस फैसले के बाद किस मकसद से इस देश में पढ़ने जाएं, क्योंकि उन्हें जॉब तो मिलेगी ही नहीं। किस देश में लिया गया फैसला?दरअसल, डेनमार्क में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों के लिए कुछ नए नियम लाए गए हैं। ये नियम उन छात्रों पर लागू होंगे जो 2 मई से गैर-सरकारी मान्यता प्राप्त कॉलेजों में एडमिशन लेंगे। अब ऐसे छात्र पढ़ाई के दौरान काम नहीं कर पाएंगे। साथ ही पढ़ाई पूरी होने के बाद नौकरी ढूंढने के लिए भी उन्हें देश में रहने की इजाजत नहीं दी जाएगी। वे अपने परिवार को भी अपने साथ नहीं ला पाएंगे। डेनमार्क के इमिग्रेशन एंड इंटीग्रेशन मंत्रालय ने विदेशी छात्रों को लेकर ये अहम जानकारी शेयर की है। क्यों लिया गया फैसला?मंत्रालय के अनुसार, ये बदलाव इसलिए किए गए हैं ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि रेजिडेंस परमिट सिर्फ उन छात्रों को मिले जो वास्तव में डेनमार्क में पढ़ने के लिए आना चाहते हैं। नए नियम 2 मई के बाद किए गए आवेदनों पर ही लागू होंगे। इसका मतलब है कि जिन छात्रों ने 2 मई से पहले आवेदन किया है या परमिट हासिल कर लिया है, उन पर इन नियमों का कोई असर नहीं होगा। उन्हें पहले की तरह ही काम करने, पढ़ाई के बाद 6 महीने तक नौकरी ढूंढने और अपने परिवार को साथ लाने की इजाजत मिलती रहेगी।जो छात्र अपने परमिट को आगे बढ़ाना चाहते हैं, उन पर भी ये नियम लागू नहीं होंगे। अगर परिवार के सदस्यों को नए नियम लागू होने से पहले परमिट मिल गया था, तो वे भी अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर पाएंगे। मंत्रालय के अनुसार, यह बदलाव 'छात्रों को निवास और कार्य परमिट देने संबंधी कार्यकारी आदेश' में किया गया है।
Loving Newspoint? Download the app now