Ivy League Admission Tips: अमेरिका भारतीयों के बीच हायर एजुकेशन के लिए एक पॉपुलर डेस्टिनेशन है। यहां पढ़ने जाने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स आईवी लीग यूनिवर्सिटीज में पढ़ना चाहते हैं। उनका मानना है कि आईवी लीग में शामिल यूनिवर्सिटीज से मिली डिग्री उनके लिए अच्छे करियर के दरवाजे खोल देगी। हार्वर्ड, येल, प्रिंसटन, कोलंबिया, ब्राउन, कॉर्नेल, डार्टमाउथ और पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी आईवी लीग का हिस्सा हैं। ये अमेरिका में स्थित आठ टॉप लेवल वाली प्राइवेट यूनिवर्सिटी हैं।
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आईवी लीग यूनिवर्सिटीज अपनी शानदार पढ़ाई, टॉप फैकल्टी और बेहतरीन रिसर्च के लिए जानी जाती हैं। मगर इनमें एडमिशन पाना अपने आप में ही एक चुनौती है, क्योंकि इन सभी में एक्सेप्टेंस रेट काफी कम है। दाखिल के दौरान स्टूडेंट्स के सिर्फ नंबर ही नहीं देखे जाते हैं, बल्कि उनका ओवरऑल परफॉर्मेंस भी मापा जाता है। तभी स्टूडेंट्स को स्कूल से ही आईवी लीग में एडमिशन की तैयारी करनी पड़ती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि भारतीय स्टूडेंट्स किस तरह आईवी लीग में एडमिशन पा सकते हैं।
आईवी लीग का एडमिशन कैसे अलग है?
भारत में जहां एडमिशन के लिए सिर्फ नंबरों पर फोकस किया जाता है। मगर आईवी लीग का एडमिशन प्रोसेस कई फैक्टर्स पर ध्यान देता है। इसका मतलब है कि सिर्फ अच्छे नंबर ही एडमिशन के दरवाजे नहीं खोलते हैं, बल्कि छात्रों को बढ़िया निबंध लिखकर बताना होता है कि वे क्यों यहां पढ़ना चाहते हैं। उन्हें एक्स्ट्राकरिकुलर एक्टिविटी के बारे में बताना होता है, कम्युनिटी वर्क की जानकारी देनी होती है और उनके लिए लिखे गए रिकमेंडेशन लेटर दिखाने होते हैं। तब जाकर एडमिशन मिल पाता है।
किस तरह करें एडमिशन की तैयारी?
9वीं-10वीं क्लास से ही आपको ये तय करना होगा कि आप किस कोर्स की पढ़ाई करना चाहते हैं। इस दौरान आपको स्पोर्ट्स, डिबेट, कोडिंग या म्यूजिक जैसी किसी भी फील्ड में हिस्सा लेना चाहिए और अपनी एक्स्ट्राकरिकुलर प्रोफाइल तैयार करनी चाहिए। जितना ज्यादा हो सकता है, उतना वॉलंटियर का काम करें। ये दिखाएगा कि आप समाज में सकारात्मक प्रभाव डालने पर यकीन रखते हैं। आपको इस दौरान अपनी सभी उपलब्धियों, अवार्ड और एक्सपीरियंस की लिस्ट भी बना लेनी चाहिए।
11वीं क्लास में आने के बाद आपको SAT या ACT जैसे टेस्ट की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। बहुत से स्टूडेंट्स 11वीं क्लास में रहते हुए मार्च और जून के बीच पहली बार ये एग्जाम देते हैं। ये एक तरह का एंट्रेंस टेस्ट माना जा सकता है। आईवी लीग में एडमिशन के दौरान स्टूडेंट्स के किसी एक एरिया में पकड़ को देखा जाता है। वो STEM रिसर्च से लेकर कम्युनिटी लीडरशिप में से कुछ भी हो सकता है। इसी समय आपको उस यूनिवर्सिटी को भी शॉर्टलिस्ट करना होगा, जहां आप एडमिशन लेना चाहते हैं।
12वीं क्लास में आने के बाद अब आपको एडमिशन की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। कॉमन एप्स अगस्त में खुल जाते हैं, जहां से अमेरिकी कॉलेजों में दाखिले के लिए अप्लाई किया जाता है। जल्दी आवेदन करना सही रहता है। नवंबर तक आपको आवेदन कर देना चाहिए, भले ही अभी आपकी 12वीं पूरी ही क्यों ना हुई हो। इस दौरान आपको निबंध, लेटर ऑफ रिकमेंडेशन और फाइनेंशियल एड फॉर्म्स भी भरने होंगे। इनके आधार पर तय होगा कि आपको एडमिशन मिलेगा या नहीं। एक बार एडमिशन ऑफर लेटर मिल जाए तो फिर आप 12वीं पास कर आगे का प्रोसेस पूरा कर सकते हैं। आपकी क्लास वैसे भी सितंबर से शुरू होंगी।
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आईवी लीग यूनिवर्सिटीज अपनी शानदार पढ़ाई, टॉप फैकल्टी और बेहतरीन रिसर्च के लिए जानी जाती हैं। मगर इनमें एडमिशन पाना अपने आप में ही एक चुनौती है, क्योंकि इन सभी में एक्सेप्टेंस रेट काफी कम है। दाखिल के दौरान स्टूडेंट्स के सिर्फ नंबर ही नहीं देखे जाते हैं, बल्कि उनका ओवरऑल परफॉर्मेंस भी मापा जाता है। तभी स्टूडेंट्स को स्कूल से ही आईवी लीग में एडमिशन की तैयारी करनी पड़ती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि भारतीय स्टूडेंट्स किस तरह आईवी लीग में एडमिशन पा सकते हैं।
आईवी लीग का एडमिशन कैसे अलग है?
भारत में जहां एडमिशन के लिए सिर्फ नंबरों पर फोकस किया जाता है। मगर आईवी लीग का एडमिशन प्रोसेस कई फैक्टर्स पर ध्यान देता है। इसका मतलब है कि सिर्फ अच्छे नंबर ही एडमिशन के दरवाजे नहीं खोलते हैं, बल्कि छात्रों को बढ़िया निबंध लिखकर बताना होता है कि वे क्यों यहां पढ़ना चाहते हैं। उन्हें एक्स्ट्राकरिकुलर एक्टिविटी के बारे में बताना होता है, कम्युनिटी वर्क की जानकारी देनी होती है और उनके लिए लिखे गए रिकमेंडेशन लेटर दिखाने होते हैं। तब जाकर एडमिशन मिल पाता है।
किस तरह करें एडमिशन की तैयारी?
9वीं-10वीं क्लास से ही आपको ये तय करना होगा कि आप किस कोर्स की पढ़ाई करना चाहते हैं। इस दौरान आपको स्पोर्ट्स, डिबेट, कोडिंग या म्यूजिक जैसी किसी भी फील्ड में हिस्सा लेना चाहिए और अपनी एक्स्ट्राकरिकुलर प्रोफाइल तैयार करनी चाहिए। जितना ज्यादा हो सकता है, उतना वॉलंटियर का काम करें। ये दिखाएगा कि आप समाज में सकारात्मक प्रभाव डालने पर यकीन रखते हैं। आपको इस दौरान अपनी सभी उपलब्धियों, अवार्ड और एक्सपीरियंस की लिस्ट भी बना लेनी चाहिए।
11वीं क्लास में आने के बाद आपको SAT या ACT जैसे टेस्ट की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। बहुत से स्टूडेंट्स 11वीं क्लास में रहते हुए मार्च और जून के बीच पहली बार ये एग्जाम देते हैं। ये एक तरह का एंट्रेंस टेस्ट माना जा सकता है। आईवी लीग में एडमिशन के दौरान स्टूडेंट्स के किसी एक एरिया में पकड़ को देखा जाता है। वो STEM रिसर्च से लेकर कम्युनिटी लीडरशिप में से कुछ भी हो सकता है। इसी समय आपको उस यूनिवर्सिटी को भी शॉर्टलिस्ट करना होगा, जहां आप एडमिशन लेना चाहते हैं।
12वीं क्लास में आने के बाद अब आपको एडमिशन की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। कॉमन एप्स अगस्त में खुल जाते हैं, जहां से अमेरिकी कॉलेजों में दाखिले के लिए अप्लाई किया जाता है। जल्दी आवेदन करना सही रहता है। नवंबर तक आपको आवेदन कर देना चाहिए, भले ही अभी आपकी 12वीं पूरी ही क्यों ना हुई हो। इस दौरान आपको निबंध, लेटर ऑफ रिकमेंडेशन और फाइनेंशियल एड फॉर्म्स भी भरने होंगे। इनके आधार पर तय होगा कि आपको एडमिशन मिलेगा या नहीं। एक बार एडमिशन ऑफर लेटर मिल जाए तो फिर आप 12वीं पास कर आगे का प्रोसेस पूरा कर सकते हैं। आपकी क्लास वैसे भी सितंबर से शुरू होंगी।
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