कौन करवाता है JEE एग्जाम?
ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) एग्जाम करवाने की जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) और IITs के पास होती है। ये इंजीनियरिंग एग्जाम दो हिस्सों में हर साल आयोजित होती है। जिसमें सबसे पहले JEE Main एग्जाम होता है और फिर JEE Advanced करवाया जाता है। Main एग्जाम NTA द्वारा आयोजित किया जाता है, जबकि JEE Advanced का आयोजन हर साल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में से एक द्वारा होता है। जो छात्र JEE Main एग्जाम क्लियर करते हैं, उन्हें ही JEE अडवांस्ड में बैठने की इजाजत होती है। (Google Gemini)
दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है JEE?

JEE एग्जाम कितना कठिन माना जाना जाता है। इसका अंदाजा कुछ यूं लगाया जा सकता है कि हर साल इस परीक्षा में बैठने वाले 25 से 30 फीसदी छात्र ही दोनों एग्जाम को पास कर पाते हैं। एरूडरा द्वारा इकट्ठा डाटा से पता चला है कि JEE परीक्षा दुनिया की दूसरी सबसे कठिन परीक्षा है और भारत में इसे सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है। यही वजह है कि बहुत से छात्र जिन्हें अच्छा स्कोर करने के बाद भी IIT में एडमिशन नहीं मिलता है, वो विदेशी यूनिवर्सिटीज का रुख करने लगते हैं। ऐसे में आइए उन यूनिवर्सिटीज के बारे में जानते हैं, जहां पर आप सिर्फ JEE के स्कोर के आधार पर एडमिशन पा सकते हैं। (Google Gemini)
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में JEE स्कोर किसी कोर्स में एडमिशन पाने का एकमात्र या मुख्य क्राइटीरिया नहीं है, लेकिन यूनिवर्सिटी उन उम्मीदवारों को प्राथमिकता देती है, जिनकी JEE में अच्छी रैंक हैं। यूनिवर्सिटी की गाइडलाइंस में कहा गया है, "अगर आपने एक्टिविटीज में हाई लेवल की चीजें या पॉजिशन हासिल की है, तो एडमिशन दिया जाएगा। इंटरनेशनल साइंस ओलंपियाड मेडल, टॉप नेशनल अवार्ड, नेशनल टीम के खिलाड़ी या टॉप यूनिवर्सिटीज के एंट्रेंस टेस्ट में अच्छी रैंक (जैसे IIT में एडमिशन के लिए JEE में रैंक, आदि) हासिल की है, तो एडमिशन मिलेगा।" (nusgs.nus.edu.sg)
क्वींस यूनिवर्सिटी, बेलफास्ट

नॉर्दर्न आयरलैंड के बेलफास्ट में स्थित क्वींस यूनिवर्सिटी भी एडमिशन के दौरान 12वीं क्लास के बाद के एंट्रेंस एग्जाम में अच्छा रैंक आने को एक क्राइटीरिया मानती है। यूनिवर्सिटी का कहना है कि अगर किसी छात्र ने JEE मेन या अडवांस्ड एग्जाम दिया है। फिर वह एडमिशन के लिए अप्लाई करता है, उसका JEE स्कोर दाखिले से पहले मूल्यांकन के लिए देखा जा सकता है। छात्र को एडमिशन के लिए 12वीं क्लास में कम से कम अच्छे नंबरों से पास भी होना होगा। एडमिशन के लिए प्रमुख विषयों में 60 फीसदी से ज्यादा नंबर होने चाहिए। (ncuk.ac.uk)
जर्मनी की यूनिवर्सिटी

जर्मनी में 10+2 वाला एजुकेशन सिस्टम नहीं है। यहां पर 13 साल तक फॉर्मल एजुकेशन होती है। इस वजह से छात्रों को जर्मनी में 12वीं के बाद एडमिशन लेने से पहले एक साल तक अतिरिक्त पढ़ाई करनी पड़ती है, जिसे 'स्टुडियनकोलेग' कहा जाता है। हालांकि, अगर किसी छात्र ने JEE अडवांस्ड परीक्षा पास की है, तो वह सीधे जर्मन यूनिवर्सिटीज में एडमिशन हासिल कर सकता है। ज्यादातर जर्मन यूनिवर्सिटीज इस सिस्टम पर काम करते हैं और भारतीय छात्र किसी कोर्स के लिए आवेदन करते समय यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से पूछ सकते हैं। (Google Gemini)
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