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कम नमक नहीं, अधिक पोटेशियम, ब्लड प्रेशर कम करने काहै सही तरीका, डॉक्टर संजीव की सलाह

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आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी और बदलते खानपान के कारण ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप की समस्या आम होती जा रही है। ज़्यादातर लोग इसे नियंत्रित करने के लिए केवल नमक कम करने पर ज़ोर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस समस्या के समाधान में पोटैशियम की अहम भूमिका है?

हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन (Ref) में सामने आया है कि पोटैशियम की मात्रा बढ़ाकर भी ब्लड प्रेशर को काफ़ी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। पोटैशियम शरीर में सोडियम के प्रभाव को संतुलित करता है, जिससे रक्त धमनियां स्वस्थ बनी रहती हैं और रक्तचाप सामान्य रहता है। मतलब साफ है—सिर्फ नमक कम करना काफी नहीं, सही पोषण संतुलन भी ज़रूरी है।

सही मात्रा में पोटैशियम लेना, नमक की मात्रा घटाने से भी अधिक असरदार हो सकता है। इसलिए अब समय आ गया है कि हम सिर्फ परहेज़ नहीं, पोषण पर भी ध्यान दें। आइए, आगे जानें ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए किन चीज़ों को अपनाना चाहिए और पोटैशियम का सही स्रोत क्या है।(Photo credit):Canva


पोटैशियम और सोडियम का संतुलन क्यों है ज़रूरी image

डॉ संजीव चौधरी ,चेयरमैन कार्डियोलॉजी, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम, के मुताबिक हमारे शरीर में पोटैशियम और सोडियम एक-दूसरे के पूरक की तरह काम करते हैं। जहां सोडियम शरीर में पानी रोकने का काम करता है, वहीं पोटैशियम अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकालकर ब्लड प्रेशर को संतुलित करता है। अगर सोडियम अधिक हो और पोटैशियम कम, तो रक्तचाप बढ़ने लगता है। इसलिए यह ज़रूरी है कि हम सिर्फ नमक कम करने पर ध्यान न दें, बल्कि पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थों को भी अपने आहार में शामिल करें। संतुलन बनाए रखना ही स्वस्थ हृदय और बेहतर रक्तचाप का मूलमंत्र है।


कौन-कौन से फूड्स हैं पोटैशियम के बेहतरीन स्रोत image

पोटैशियम को डाइट में शामिल करना मुश्किल नहीं है। केले, शकरकंद, पालक, एवोकाडो, टमाटर, नारियल पानी, दही, बीन्स और मछली जैसे खाद्य पदार्थ इसमें भरपूर पाए जाते हैं। दिन की शुरुआत एक केले से करें या लंच में पालक-सब्ज़ी शामिल करें—ये आसान बदलाव ब्लड प्रेशर पर बड़ा असर डाल सकते हैं। साथ ही ये इम्युनिटी बढ़ाने, मांसपेशियों को मजबूत रखने और हार्ट हेल्थ सुधारने में भी मदद करते हैं।


सिर्फ नमक कम करने से क्यों नहीं मिलता पूरा फायदा image

बहुत से लोग मानते हैं कि ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने का एकमात्र उपाय है—नमक कम करना। लेकिन ऐसा करना अधूरी रणनीति है। अगर डाइट में पोटैशियम नहीं है, तो नमक कम करने के बावजूद असर उतना मजबूत नहीं होता। क्योंकि पोटैशियम ही वह तत्व है जो सोडियम के दुष्प्रभाव को संतुलित करता है। मतलब, अगर आप पोटैशियम युक्त आहार नहीं लेते, तो नमक घटाने से सीमित लाभ ही मिलेगा।


पोटैशियम की कमी से शरीर में क्या हो सकता है असर image

अगर शरीर में पोटैशियम की मात्रा कम हो जाए, तो मांसपेशियों में थकान, कमजोरी, दिल की धड़कन अनियमित होना, ब्लड प्रेशर बढ़ना और थकावट जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं। लंबे समय तक इसकी कमी से हृदय रोगों का जोखिम भी बढ़ जाता है। इसलिए यह जानना ज़रूरी है कि पोटैशियम कोई सप्लिमेंट नहीं, बल्कि एक ज़रूरी पोषक तत्व है, जो हर दिन की डाइट में शामिल होना चाहिए।


कितना पोटैशियम लेना है सेफ और असरदार image

वयस्कों के लिए रोज़ाना 3,500–4,700 mg पोटैशियम की आवश्यकता होती है, जो कि संतुलित आहार से आसानी से पूरी की जा सकती है। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति किडनी की बीमारी से जूझ रहा हो, तो पोटैशियम की मात्रा डॉक्टर की सलाह पर तय की जानी चाहिए। बिना जांच के पोटैशियम सप्लिमेंट्स लेना हानिकारक हो सकता है। इसलिए हमेशा नेचुरल फूड्स से इसकी पूर्ति करना ही बेहतर होता है।


ब्लड प्रेशर कंट्रोल के लिए भरपूर पोटैशियम डाइट प्लान image

अगर आप ब्लड प्रेशर कंट्रोल करना चाहते हैं, तो दिन की शुरुआत फल जैसे केला या संतरे से करें। नाश्ते में दही और नट्स लें, दोपहर के खाने में हरी सब्जियां और दालें शामिल करें, और रात के खाने में उबली हुई शकरकंद या मछली जैसी पोटैशियम-समृद्ध चीजें लें। साथ ही पर्याप्त पानी पिएं और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं। इस तरह का संतुलित डाइट प्लान न केवल ब्लड प्रेशर कम करेगा, बल्कि आपको एनर्जी से भी भरपूर रखेगा।



डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है । यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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