दरभंगा : 'दरभंगा के 20 साल से विधायक और मंत्री के गुंडों से बचकर अभी घर आकर बैठी हूं। यकीन ही नहीं हो रहा कि ये मेरा शहर दरभंगा है, मेरी माँ मिथिला की धरती! पूरे बिहार ने पाँच साल से सम्मान दिया है पर आज मेरी जन्मभूमि में ही राक्षसों ने ऐसा अपमान करने का दुस्साहस किया है। डरती नहीं मैं।' उपरोक्त बयान 'द प्लुरल्स पार्टी' की प्रमुख पुष्पम प्रिया चौधरी का है। उन्होंने दरभंगा में हुई एक घटना का जिक्र करते हुए एक्स पर पोस्ट किया है। उसके बाद हड़कंप मच गया है। ध्यान रहे कि पुष्पम प्रिया चौधरी बिहार विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े कर चुकी हैं। खुद भी वो चुनाव लड़ रही हैं।
संजय सरावगी पर आरोप
पुष्पम प्रिया चौधरी ने घटना का जिक्र करते हुए आरोप लगाया है। वीडियो शेयर किया है, और लिखा है कि स्थानीय विधायक संजय सरावगी के गुंडे हमारे कार्यकर्ताओं पर टूट पड़े और हार से डरे हुए विधायक के सामने ही बेखौफ मारपीट की। वे बैठ कर तमाशा देखते रहे और उल्टा कुतर्क करते रहे। यही मिथिला और उसकी बेटी का सम्मान है बिहार के गुंडाराज में। दरभंगा मिथिला का केंद्र है, जहां संजय सरावगी भाजपा से पांच बार विधायक रहे हैं और छठी बार चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। वहीं दूसरी ओर पुष्पम प्रिया भी फाइट कर रही हैं। इसी बीच विवाद हो गया है। जिसका वीडियो एक्स पर पुष्पम प्रिया ने शेयर किया है। लोगों की खूब प्रतिक्रिया आ रही है।
कौन हैं पुष्पम प्रिया चौधरी?
ब्रिटेन से लौटी एक पूर्व विधायक की बेटी, बिहार के पारंपरिक राजनीतिक परिदृश्य को बदलने की ख्वाहिश रखती हैं। 2020 में 'द प्लुरल्स पार्टी' की स्थापना करने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी राज्य को धर्म और जाति की सीमाओं से परे एक नए तरह की राजनीति से परिचित कराना चाहती हैं। विदेश में शिक्षा प्राप्त एक उभरती हुई युवा नेता, वह 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में नई ऊर्जा लेकर आ रही हैं और बदलाव की अपनी आकांक्षाओं के साथ अपने विचारों को जोड़ने की कोशिश कर रही हैं। वह दरभंगा से चुनाव लड़ रही हैं। 2020 में, उन्होंने एक बड़ी घोषणा के साथ राजनीति में प्रवेश की घोषणा की: कि वह अपनी पार्टी की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार हैं। केवल काले परिधान और मास्क में दिखाई देने वाली, उन्होंने अपनी प्रतिज्ञा दोहराई है कि वह चुनाव जीतने के बाद ही अपना मास्क उतारेंगी।
पूर्व विधायक की बेटी हैं पुष्पम
पुष्पम प्रिया चौधरी दरभंगा से पूर्व जदयू विधायक विनोद कुमार चौधरी की बेटी हैं। उनके दादा, प्रोफेसर उमाकांत चौधरी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी और समता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उनके चाचा, विनय कुमार चौधरी, जदयू नेता हैं, जिन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में बेनीपुर से जीत हासिल की थी। 13 जून, 1987 को जन्मी चौधरी ने अपनी स्कूली शिक्षा दरभंगा में पूरी की और फिर स्नातक की पढ़ाई के लिए पुणे चली गईं। इसके बाद उन्होंने ब्रिटेन में उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने ससेक्स विश्वविद्यालय से विकास अध्ययन में और 2019 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। राजनीति में प्रवेश करने से पहले, उन्होंने बिहार सरकार के पर्यटन और स्वास्थ्य विभागों में सलाहकार के रूप में काम किया।
पार्टी की स्थापना
पुष्पम प्रिया चौधरी ने 8 मार्च, 2020 को 'द प्लुरल्स पार्टी' की स्थापना की। उन्होंने जाति और सांप्रदायिक राजनीति से प्रभावित बिहार के पारंपरिक राजनीतिक परिदृश्य में, धर्म और जाति की सीमाओं से ऊपर उठकर, विकास के लिए लोगों को एकजुट करने का एक साहसिक कदम उठाया। अंग्रेजी और हिंदी के सभी प्रमुख अखबारों के पहले पन्ने पर दिए गए विज्ञापनों में, उन्होंने खुद को अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, वह शुरू में 2020 में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थीं, लेकिन उनकी पार्टी के पंजीकरण में देरी और अन्य कारणों से, उनकी पार्टी केवल 148 सीटों पर ही चुनाव लड़ सकी। इसमें कुछ निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल थे। किसी भी उम्मीदवार को जीत नहीं मिली। उन्होंने जाति और धर्म आधारित राजनीति का खुलकर विरोध किया और अपने उम्मीदवारों की जाति के स्थान पर उनकी नस्ल को उजागर किया तथा उनके नामांकन पत्रों में उनके धर्म के स्थान पर "बिहार" का उल्लेख किया।
संजय सरावगी पर आरोप
पुष्पम प्रिया चौधरी ने घटना का जिक्र करते हुए आरोप लगाया है। वीडियो शेयर किया है, और लिखा है कि स्थानीय विधायक संजय सरावगी के गुंडे हमारे कार्यकर्ताओं पर टूट पड़े और हार से डरे हुए विधायक के सामने ही बेखौफ मारपीट की। वे बैठ कर तमाशा देखते रहे और उल्टा कुतर्क करते रहे। यही मिथिला और उसकी बेटी का सम्मान है बिहार के गुंडाराज में। दरभंगा मिथिला का केंद्र है, जहां संजय सरावगी भाजपा से पांच बार विधायक रहे हैं और छठी बार चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। वहीं दूसरी ओर पुष्पम प्रिया भी फाइट कर रही हैं। इसी बीच विवाद हो गया है। जिसका वीडियो एक्स पर पुष्पम प्रिया ने शेयर किया है। लोगों की खूब प्रतिक्रिया आ रही है।
कौन हैं पुष्पम प्रिया चौधरी?
ब्रिटेन से लौटी एक पूर्व विधायक की बेटी, बिहार के पारंपरिक राजनीतिक परिदृश्य को बदलने की ख्वाहिश रखती हैं। 2020 में 'द प्लुरल्स पार्टी' की स्थापना करने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी राज्य को धर्म और जाति की सीमाओं से परे एक नए तरह की राजनीति से परिचित कराना चाहती हैं। विदेश में शिक्षा प्राप्त एक उभरती हुई युवा नेता, वह 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में नई ऊर्जा लेकर आ रही हैं और बदलाव की अपनी आकांक्षाओं के साथ अपने विचारों को जोड़ने की कोशिश कर रही हैं। वह दरभंगा से चुनाव लड़ रही हैं। 2020 में, उन्होंने एक बड़ी घोषणा के साथ राजनीति में प्रवेश की घोषणा की: कि वह अपनी पार्टी की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार हैं। केवल काले परिधान और मास्क में दिखाई देने वाली, उन्होंने अपनी प्रतिज्ञा दोहराई है कि वह चुनाव जीतने के बाद ही अपना मास्क उतारेंगी।
दरभंगा के 20 साल से विधायक और मंत्री के गुंडों से बचकर अभी घर आकर बैठी हूँ। यकीन ही नहीं हो रहा कि ये मेरा शहर दरभंगा है, मेरी माँ मिथिला की धरती! पूरे बिहार ने पाँच साल से सम्मान दिया है पर आज मेरी जन्मभूमि में ही राक्षसों ने ऐसा अपमान करने का दुस्साहस किया है। डरती नहीं मैं। pic.twitter.com/x5DJmEcqnr
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) November 1, 2025
पूर्व विधायक की बेटी हैं पुष्पम
पुष्पम प्रिया चौधरी दरभंगा से पूर्व जदयू विधायक विनोद कुमार चौधरी की बेटी हैं। उनके दादा, प्रोफेसर उमाकांत चौधरी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी और समता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उनके चाचा, विनय कुमार चौधरी, जदयू नेता हैं, जिन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में बेनीपुर से जीत हासिल की थी। 13 जून, 1987 को जन्मी चौधरी ने अपनी स्कूली शिक्षा दरभंगा में पूरी की और फिर स्नातक की पढ़ाई के लिए पुणे चली गईं। इसके बाद उन्होंने ब्रिटेन में उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने ससेक्स विश्वविद्यालय से विकास अध्ययन में और 2019 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। राजनीति में प्रवेश करने से पहले, उन्होंने बिहार सरकार के पर्यटन और स्वास्थ्य विभागों में सलाहकार के रूप में काम किया।
अभी-अभी दरभंगा में एक लाईव टीवी डिबेट में स्थानीय विधायक श्री संजय सरावगी के गुंडे हमारे कार्यकर्ताओं पर टूट पड़े और हार से डरे हुए विधायक के सामने ही बेखौफ मारपीट की। वे बैठ कर तमाशा देखते रहे और उल्टा कुतर्क करते रहे। यही मिथिला और उसकी बेटी का सम्मान है बिहार के गुंडाराज में। pic.twitter.com/85gflM4L0p
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) November 1, 2025
पार्टी की स्थापना
पुष्पम प्रिया चौधरी ने 8 मार्च, 2020 को 'द प्लुरल्स पार्टी' की स्थापना की। उन्होंने जाति और सांप्रदायिक राजनीति से प्रभावित बिहार के पारंपरिक राजनीतिक परिदृश्य में, धर्म और जाति की सीमाओं से ऊपर उठकर, विकास के लिए लोगों को एकजुट करने का एक साहसिक कदम उठाया। अंग्रेजी और हिंदी के सभी प्रमुख अखबारों के पहले पन्ने पर दिए गए विज्ञापनों में, उन्होंने खुद को अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, वह शुरू में 2020 में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थीं, लेकिन उनकी पार्टी के पंजीकरण में देरी और अन्य कारणों से, उनकी पार्टी केवल 148 सीटों पर ही चुनाव लड़ सकी। इसमें कुछ निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल थे। किसी भी उम्मीदवार को जीत नहीं मिली। उन्होंने जाति और धर्म आधारित राजनीति का खुलकर विरोध किया और अपने उम्मीदवारों की जाति के स्थान पर उनकी नस्ल को उजागर किया तथा उनके नामांकन पत्रों में उनके धर्म के स्थान पर "बिहार" का उल्लेख किया।
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