नई दिल्ली: जब बात वैक्सीन (Vaccine) की होती है तो इसके उत्पादन में भारत दुनिया भर में काफी आगे है। लेकिन यह सिर्फ मानवों के वैक्सीन में है। जब पशुओं को लगाए जाने वाले वैक्सीन (Veterinary vaccine) की बात होती है तो हम दुनिया के अन्य देशों की तरफ मुंह ताकते हैं। अब नरेंद्र मोदी सरकार चाहती है कि भारत को पशु टीका के रिसर्च एंड डेवलपमेंट और प्रोडक्शन का वैश्विक केंद्र बनाया जाए। इसके लिए इस सेक्टर की अग्रणी कंपनियों ने वेटरनरी वैक्सीन इंडिया मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (VVIMA) का गठन किया है।
2000 करोड़ रुपये का है बाजार
एक अनुमान के मुताबिक भारत का पशु चिकित्सा टीका बाजार करीब 2,000 करोड़ रुपये का है। जबकि विश्व पशु चिकित्सा टीका बाजार करीब एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का है। फिलहाल भारत में आठ निजी क्षेत्र के पशु चिकित्सा टीका निर्माता और कई सरकारी स्वामित्व वाली पशु चिकित्सा टीका निर्माण इकाइयां कार्यरत हैं। भारत में पशु चिकित्सा टीके मुर्गी, मवेशी, भेड़, बकरी, सूअर और पालतू जानवरों की बीमारियों के लिए निर्मित किए जाते हैं। सरकार इसे और बढ़ाना चाहती है।
इसी सप्ताह हुई है बैठक
इसी सप्ताह, 25 सितंबर, को दिल्ली में वीवीआईएमए के संस्थापक सदस्यों और पशुपालन एवं डेयरी विभाग के बीच बैठक हुई है। इसमें केंद्रीय पशुपालन एवं डेरी राज्यमंत्री प्रोफेसर एस. पी. सिंह बघेल, विभागीय सचिव नरेश पाल गंगवार, पशुपालन आयुक्त डॉ. प्रवीण मलिक और अपर सचिव वर्षा जोशी ने वीवीआईएमए की प्रतिबद्धता व्यक्त की। यह संगठन पशु टीका निर्माताओं की सामूहिक आवाज के रूप में काम करता है। यह संगठन नीतिकारो, नियामकों और हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करता है ताकि पशु टीका के क्षेत्र में नवाचार, उच्च गुणवत्ता वाले निर्माण और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जा सके।
क्या करेगा VVIMA
बताया जा रहा है कि VVIMA प्रभावी टीकाकरण रणनीतियों के माध्यम से पशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे पशुओं में बीमारियों के जोखिम, पशुओं और मनुष्यों के बीच रोग संचरण के जोखिम को कम करने के साथ-साथ ग्रामीण भारत में पशुपालन में शामिल लोगों की आय में सुधार होगा। हाल में इसके सदस्यों की नियुक्ति हुई है। इसमें बायोवेट प्राइवेट लिमिटेड(Biovet), ब्रिलियंट बायो फार्मा , ग्लोबियन इंडिया, हेस्टर बायोसाइंसेज लिमिटेड (Hester Biosciences), इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (Indian Immunologicals), इंडोवैक्स प्राइवेट लिमिटेड और वेंकटेश्वर हैचरीज़ प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इसके अध्यक्ष हेस्टर बायोसाइंसेज के एमडी राजीव गांधी और उपाध्यक्ष इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स के एमडी डॉ. के. आनंद कुमार हैं।
2000 करोड़ रुपये का है बाजार
एक अनुमान के मुताबिक भारत का पशु चिकित्सा टीका बाजार करीब 2,000 करोड़ रुपये का है। जबकि विश्व पशु चिकित्सा टीका बाजार करीब एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का है। फिलहाल भारत में आठ निजी क्षेत्र के पशु चिकित्सा टीका निर्माता और कई सरकारी स्वामित्व वाली पशु चिकित्सा टीका निर्माण इकाइयां कार्यरत हैं। भारत में पशु चिकित्सा टीके मुर्गी, मवेशी, भेड़, बकरी, सूअर और पालतू जानवरों की बीमारियों के लिए निर्मित किए जाते हैं। सरकार इसे और बढ़ाना चाहती है।
इसी सप्ताह हुई है बैठक
इसी सप्ताह, 25 सितंबर, को दिल्ली में वीवीआईएमए के संस्थापक सदस्यों और पशुपालन एवं डेयरी विभाग के बीच बैठक हुई है। इसमें केंद्रीय पशुपालन एवं डेरी राज्यमंत्री प्रोफेसर एस. पी. सिंह बघेल, विभागीय सचिव नरेश पाल गंगवार, पशुपालन आयुक्त डॉ. प्रवीण मलिक और अपर सचिव वर्षा जोशी ने वीवीआईएमए की प्रतिबद्धता व्यक्त की। यह संगठन पशु टीका निर्माताओं की सामूहिक आवाज के रूप में काम करता है। यह संगठन नीतिकारो, नियामकों और हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करता है ताकि पशु टीका के क्षेत्र में नवाचार, उच्च गुणवत्ता वाले निर्माण और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जा सके।
क्या करेगा VVIMA
बताया जा रहा है कि VVIMA प्रभावी टीकाकरण रणनीतियों के माध्यम से पशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे पशुओं में बीमारियों के जोखिम, पशुओं और मनुष्यों के बीच रोग संचरण के जोखिम को कम करने के साथ-साथ ग्रामीण भारत में पशुपालन में शामिल लोगों की आय में सुधार होगा। हाल में इसके सदस्यों की नियुक्ति हुई है। इसमें बायोवेट प्राइवेट लिमिटेड(Biovet), ब्रिलियंट बायो फार्मा , ग्लोबियन इंडिया, हेस्टर बायोसाइंसेज लिमिटेड (Hester Biosciences), इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (Indian Immunologicals), इंडोवैक्स प्राइवेट लिमिटेड और वेंकटेश्वर हैचरीज़ प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इसके अध्यक्ष हेस्टर बायोसाइंसेज के एमडी राजीव गांधी और उपाध्यक्ष इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स के एमडी डॉ. के. आनंद कुमार हैं।
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