फरीदाबाद: दिल्ली के लाल किला विस्फोट मामले की जांच अब हरियाणा तक पहुंच गई है, जहां इसकी कड़ियां फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ती नजर आ रही हैं। जांच एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी से जुड़े 17 लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें 7 डॉक्टर शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, यूनिवर्सिटी में कार्यरत करीब 40 प्रतिशत डॉक्टर कश्मीर से हैं। एजेंसियों ने अब तक इस यूनिवर्सिटी के 52 से अधिक लोगों से पूछताछ की है और कुछ से पूछताछ अभी भी जारी है। फरीदाबाद जिले के धौज गांव में स्थित यह यूनिवर्सिटी 76 एकड़ में फैली है। बताया जा रहा है कि यहां जनरल फिजिशियन के रूप में कार्यरत डॉ. मुजम्मिल कई वर्षों से कैंपस के अंदर डॉक्टर क्वार्टर में रह रहा था। वो पिछले तकरीबन साढ़े 3 साल से यहां रह रहा था। डॉ मुजम्मिल के जैश ए मोहम्मद से जुड़े होने के लिंक और पक्के सबूत पुलिस को मिले है।
इंजीनियरिंग कॉलेज के तौर पर हुई थी शुरुआत
इस यूनिवर्सिटी की शुरुआत 1997 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में हुई थी। यूनिवर्सिटी की स्थापना हरियाणा विधानसभा की ओर से हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत की गई थी। यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट पर इसकी जानकारी दी गई। साल 2014 में हरियाणा सरकार ने 'अल-फलाह' को विश्वविद्यालय की श्रेणी प्रदान की। अल-फलाह मेडिकल कॉलेज भी यूनिवर्सिटी से ही अटैच है।
क्या है अल-फलाह का मतलब
अल-फलाह का अर्थ सफलता, मुक्ति या मोक्ष है। ये एक अरबी भाषा का शब्द है। इस शब्द का इस्तेमाल इस्लाम धर्म में अल्लाह के बताए गए मार्ग पर चलकर मुक्ति पाने वाले व्यक्ति के लिए किया जाता है। वहीं अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने अल्पसंख्यक छात्रों के लिए एएमयू अलीगढ़ और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एक बेहतरीन विकल्प के रूप में पेश किया था। खास बात यह है कि ये यूनिवर्सिटी दिल्ली जामिया मिल्लिया इस्लामिया से केवल 30 किमी की दूरी पर स्थित है।
छात्रों को सता रही ये चिंता
अल-फलाह यूनिवर्सिटी में वर्तमान में 150 से 200 छात्रों वाली पांच एमबीबीएस बैचें चल रही हैं। 2019 में मेडिकल कोर्स शुरू हुए और दो वर्ष पहले पीजी क्लासेस भी शुरू की गईं। यूनिवर्सिटी को NAAC से ‘A’ ग्रेड मान्यता प्राप्त है और इसका संचालन अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। अब छात्रों ने अपनी भविष्य की संभावनाओं को लेकर भी चिंता जताई है। छात्रों का कहना है कि अब इन गिरफ्तारियों के बाद हमें कौन नौकरी देगा? यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि कॉलेज में कश्मीर से कई डॉक्टर कार्यरत हैं।
इंजीनियरिंग कॉलेज के तौर पर हुई थी शुरुआत
इस यूनिवर्सिटी की शुरुआत 1997 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में हुई थी। यूनिवर्सिटी की स्थापना हरियाणा विधानसभा की ओर से हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत की गई थी। यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट पर इसकी जानकारी दी गई। साल 2014 में हरियाणा सरकार ने 'अल-फलाह' को विश्वविद्यालय की श्रेणी प्रदान की। अल-फलाह मेडिकल कॉलेज भी यूनिवर्सिटी से ही अटैच है।
क्या है अल-फलाह का मतलब
अल-फलाह का अर्थ सफलता, मुक्ति या मोक्ष है। ये एक अरबी भाषा का शब्द है। इस शब्द का इस्तेमाल इस्लाम धर्म में अल्लाह के बताए गए मार्ग पर चलकर मुक्ति पाने वाले व्यक्ति के लिए किया जाता है। वहीं अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने अल्पसंख्यक छात्रों के लिए एएमयू अलीगढ़ और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एक बेहतरीन विकल्प के रूप में पेश किया था। खास बात यह है कि ये यूनिवर्सिटी दिल्ली जामिया मिल्लिया इस्लामिया से केवल 30 किमी की दूरी पर स्थित है।
छात्रों को सता रही ये चिंता
अल-फलाह यूनिवर्सिटी में वर्तमान में 150 से 200 छात्रों वाली पांच एमबीबीएस बैचें चल रही हैं। 2019 में मेडिकल कोर्स शुरू हुए और दो वर्ष पहले पीजी क्लासेस भी शुरू की गईं। यूनिवर्सिटी को NAAC से ‘A’ ग्रेड मान्यता प्राप्त है और इसका संचालन अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। अब छात्रों ने अपनी भविष्य की संभावनाओं को लेकर भी चिंता जताई है। छात्रों का कहना है कि अब इन गिरफ्तारियों के बाद हमें कौन नौकरी देगा? यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि कॉलेज में कश्मीर से कई डॉक्टर कार्यरत हैं।
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