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Bihar Exit Polls Result: बिहार के एग्जिट पोल में नीतीश-मोदी का जादू, कांग्रेस-जनसुराज के लिए क्या है मैसेज?

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पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले नीतीश कुमार और जदयू को कमतर आंका जा रहा था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य और निर्णय क्षमता को लेकर तरह-तरह की बातें कहीं गयी थीं। लेकिन इन नकारात्मक बातों की प्रतिक्रिया ये हुई कि वे पहले से बेहतर प्रदर्शन करते हुए दिख रहे हैं। नकारात्मक राजनीति ने नीतीश समर्थकों को गोलबंद कर दिया। 10 हजारी योजना भी कमाल करती हुई दिख रही है। अगर एग्जिट पोल ये अनुमान नतीजे में बदलते हैं तो एक बार फिर साबित हो जाएगा कि नीतीश कुमार ही अकेले बिहार का चुनावी चेहरा हैं। सर्वे के संकेत तो यही कह रहे हैं कि जनता कुछ असहमतियों के बावजूद आज भी उन्हीं पर भरोसा करती है।


लगभग सभी सर्वे में एनडीए को बहुमत का अनुमानजेवीसी, पी-मार्क, पीपुल्स पल्स सर्वे, पीपुल्स इनसाइट, मैट्राइज इन सभी एजेंसियों ने अपने-अपने एग्जिट पोल में एनडीए को बहुमत मिलता दिखाया है। सिर्फ आंकड़ों का फर्क है। सबसे अधिक मैट्राइज ने एनडीए के लिए 147 से लेकर 167 सीटों का अनुमान लगाया है। पीपुल्स इनसाइट ने 133 से 148 के बीच सीट मिलने की संभावना जतायी है। एनडीए के लिए सबसे कम अनुमान चाणक्य स्टैटेजीज ने लगाया है जिसमें 130 से 138 के बीच सीटें मिलने की संभावना जतायी गयी है। यह आंकड़ा भी 122 के मैजिक फिगर से अधिक है। सबसे चौंकाने वाला अनुमान जन सुराज पार्टी के लिए है। पी-मार्क एग्जिट पोल में जनसुराज को 1 से 4 के बीच सीट मिलने की संभावना जतायी गयी है।



सबसे बड़ी पार्टी के लिए भाजपा राजद में टक्करपीपुल्स इनसाइट एजेंसी ने दलों के निजी प्रदर्शनों के लेकर भी सर्वे किया है। इसके मुताबिक भाजपा और राजद में बराबर की टक्कर होती दिख रही है। भाजपा को 68 से 72 और राजद को 65 से 72 के बीच सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है। इस सर्वे में जदयू को भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए दिखाया गया है। जदयू को 55 से 60 सीटें मिलती हुई दिख रही हैं।


कांग्रेस के लिए प्रतिकूल अनुमानसबसे बड़ा धक्का कांग्रेस को लगता दिख रहा है। कांग्रेस के लिए जिस एजेंसी ने सबसे अधिक अनुमान लगया है वह है पीपुल्स इनसाइट। इसके सर्वे में कांग्रेस को 10 से 13 के बीच सीट मिलती दिख रही है।


एग्जिट पोल के सर्वे कितने सटीक?2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल सटीक नहीं रहे थे। एजेंसियों ने मतदान के तुरंत बाद जो सर्वे किया था उनमें अधिकांश के रुझान बाद में सही साबित नहीं हुए। जैसे 2015 में अधिकांश सर्वे ने एनडीए को जीत मिलती हुई दिखायी थी। लेकिन बाद में सत्ता जदयू-राजद के गठंबधन को मिली। इसी तरह 2020 में अधिकांश सर्वे ने महागठबंधन की जीत का रुझान दिखाया गया था। लेकिन जब नतीजे आये तो एनडीए की सरकार बनी।
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