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शुभमन गिल पर टिकी रही गौतम गंभीर की नजरें... जसप्रीत बुमराह से खतरनाक सामना, इन खिलाड़ियों ने भी बहाया पसीना

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भारतीय कप्तान शुभमन गिल इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं कि सीमित ओवरों के फॉर्मेट से लाल गेंद वाले क्रिकेट में बदलाव में समय लगता है और इसलिए उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच से पूर्व अपनी तकनीक को दुरुस्त करने के लिए मंगलवार को यहां नेट्स पर करीब डेढ़ घंटा बिताया। दक्षिण अफ्रीका की टीम आत्मविश्वास से भरी हुई है क्योंकि पिछले महीने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उसने पाकिस्तान के खिलाफ दो मैच की सीरीज 1-1 से ड्रॉ कराई थी।

वाइट बॉल सीरीज में नहीं चला बल्लाशुभमन गिल ने पिछले महीने वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों में अर्धशतक और नाबाद शतक लगाया था लेकिन इसके बाद सीमित ओवरों की क्रिकेट में वह रन बनाने के लिए जूझते रहे। वह ऑस्ट्रेलिया में वनडे और टी-20 मैचों की 8 पारियों में एक भी अर्धशतक नहीं लगा पाए और उनका उच्चतम स्कोर 46 रन रहा। लेकिन टेस्ट टीम की कमान संभालने के बाद वह प्रतिबद्ध दिखे और उन्होंने अपनी फॉर्म हासिल करने के लिए अभ्यास सत्र में कड़ी मेहनत की।



गौतम गंभीर से की लंबी बातचीतनेट अभ्यास से पहले मुख्य कोच गौतम गंभीर और सहायक कोच सीतांशु कोटक को उनके साथ लंबी बातचीत करते हुए देखा गया, जिसमें संभवतः उनके खेलने के तरीके पर चर्चा की गई। गिल बाद में स्लिप में फील्डिंग के अभ्यास के लिए अपने साथियों के साथ शामिल हुए और फिर यशस्वी जायसवाल के साथ नेट पर अभ्यास करने के लिए चले गए।


स्पिन से शुरुआत करते हुए उन्होंने रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर का सामना किया। तेज गेंदबाजी की नेट पर गिल ने पहले जसप्रीत बुमराह का कुछ ओवरों तक सामना किया। इसके बाद उन्होंने नीतीश कुमार रेड्डी और कुछ स्थानीय क्लब गेंदबाजों का सामना भी किया। इसके बाद सहयोगी स्टाफ के एक सदस्य ने उनके लिए ऊंचाई से थ्रोडाउन करने के लिए साइडआर्म का इस्तेमाल किया, जिससे गिल को अतिरिक्त उछाल और तेज रफ्तार वाली गेंदों पर अभ्यास करने का मौका मिला।

गिल नेट पर एक घंटे से अधिक समय बिताने के बाद गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्केल की निगरानी में 30 मिनट तक थ्रोडाउन पर अभ्यास करने के लिए पिच पर चले गए। गेंदबाजी कोच ने यहां पर उनके लिए करीब से खुद गेंदबाजी की। रणजी ट्रॉफी में राजस्थान के लिए 67 और 156 रन की पारी खेलने वाले जायसवाल ने भी लंबे समय तक विकेट पर मोर्केल और थ्रोडाउन का सामना किया। बाएं हाथ का यह बल्लेबाज सहज लय में दिख रहा था और आत्मविश्वास के साथ ड्राइव और पुल कर रहा था।
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