कानपुर: फरीदाबाद से गिरफ्तार की गई लखनऊ की रहने वाली डॉ. शाहीन शाहिद के आतंकी कनेक्शन ने जांच एजेंसियों से लेकर परिवार तक सभी को हैरान कर दिया है। शाहीन पर आरोप है कि वह प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की महिला इकाई जमात-उल-मोमिनात से जुड़ी हुई थी और भारत में इसके महिला विंग को सक्रिय करने की जिम्मेदारी संभाल रही थी। अब इस मामले में उनके पूर्व पति का बयान सामने आया है। इसमें वे तलाक के कारणों की जानकारी सही प्रकार से नहीं होने की बात कही है।
पूर्व पति डॉ. जफर हयात का आया बयानकानपुर के एक सरकारी अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत डॉ. जफर हयात ने फरीदाबाद मॉड्यूल में शामिल शाहीन पर बड़ा बयान दिया है। दरअसल, डॉ. जफर जैश कमांडर शाहीन के पूर्व पति हैं। अपनी पत्नी को लेकर हुए खुलासे से वे स्तब्ध हैं। उन्होंने बताया कि डॉ. शाहीन से हमारी शादी 2003 में हुई थी, लेकिन 2012 के आखिर में तलाक हो गया। मुझे आज तक नहीं मालूम कि हमारी शादी क्यों टूटी। तलाक के बाद उसने कभी संपर्क नहीं किया।
डॉ. जफर ने बताया कि उनके दो बेटे हैं जो वर्तमान में उनके पास रहते हैं। शाहीन ने तलाक के बाद कभी बच्चों से मिलने या बात करने की भी कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि शाहीन को बुर्का पहनना पसंद नहीं था। वह रिश्तेदारों और दोस्तों से दूरी बनाए रखती थी, लेकिन घर की जिम्मेदारी अच्छे से निभाती थी। उसका ज्यादातर समय लैपटॉप के साथ गुजरता था।
विदेश में बसने का प्लानडॉ. शाहीन को लेकर पूर्व पति नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. जफर हयात ने पूर्व पत्नी को लेकर बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि डॉ. शाहीन यूरोप या ऑस्ट्रेलिया में बसना चाहती थी। हालांकि, परिवार में वह एक बेहतर पत्नी और बेहतर मां की भूमिका में थी। इसी बीच उसने 2012 के आखिर में तलाक का फैसला ले लिया। अब उनके बयान ने सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या इसी दौरान वह पाकिस्तानी हैंडलर के सपंर्क में आई थी? दरअसल, तलाक के बाद ही वह कानपुर मेडिकल कॉलेज से अचानक गायब हो गई थी।
कानपुर मेडिकल कॉलेज में थी प्रोफेसरडॉ. शाहीन ने कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में बतौर फार्माकोलॉजी प्रोफेसर सात वर्षों तक कार्य किया। मंगलवार को उत्तर प्रदेश एटीएस की एक टीम कॉलेज पहुंची। प्रबंधन से उसकी नियुक्ति, गतिविधियों और संपर्कों के बारे में जानकारी जुटाई। कॉलेज प्रशासन ने बताया कि शाहीन अपने काम में दक्ष थी, लेकिन ज्यादा मेलजोल नहीं रखती थी। एटीएस को अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है, जिसके चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि एनआईए (NIA) की टीम जल्द ही कानपुर पहुंच सकती है।
कानपुर के पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने कहा कि एटीएस अधिकारी शाहीन से जुड़ी जानकारियां जुटाने आए थे। पुलिस और जांच एजेंसियों के बीच लगातार समन्वय बना हुआ है। सुरक्षा से जुड़ी हर जानकारी साझा की जा रही है।
पाकिस्तानी हैंडलर से संपर्क की आशंकाखुफिया एजेंसियों का कहना है कि शाहीन पाकिस्तान में बैठे हैंडलर के संपर्क में थी। तलाक के बाद उसने फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में नौकरी शुरू की, जहां से हाल ही में उसे गिरफ्तार किया गया। शाहीन के पिता सईद अहमद अंसारी का कहना है कि जब हमें पता चला कि शाहीन इस तरह की गतिविधियों में शामिल है, तो हमारे पैरों तले जमीन खिसक गई। एक महीने पहले ही उससे बात हुई थी।
पिता का दावा है कि डॉ. शाहीन ने कभी इस तरह के संकेत नहीं दिए। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कभी किसी डॉ. मुज्जमिल का नाम नहीं सुना था, जिनसे शाहीन के संपर्क में रहने की बात सामने आई है।
अब जांच एजेंसियों की निगाहेंखुफिया सूत्रों के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद अब आईएसआई की रणनीति के तहत महिलाओं को भी आतंकी नेटवर्क में शामिल कर रहा है।
जैश के सरगना मसूद अजहर के नाम से जारी एक पत्र में "जमात-उल-मोमिनात" नामक महिला विंग की घोषणा की गई थी। इसका नेतृत्व सादिया अजहर को सौंपा गया। एटीएस और एनआईए दोनों एजेंसियां डॉ. शाहीन के नेटवर्क, ऑनलाइन गतिविधियों और विदेशी संपर्कों की गहराई से जांच कर रही हैं।
संभावना है कि आने वाले दिनों में शाहीन के डिजिटल डिवाइस और विदेश यात्राओं की भी विस्तृत जांच की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने भारत में किस तरह का नेटवर्क तैयार किया था। फिलहाल शाहीन पुलिस हिरासत में है, और जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि उसके कबूलनामे से आतंकी संगठन की महिला इकाई के कामकाज पर बड़ा पर्दाफाश हो सकता है।
पूर्व पति डॉ. जफर हयात का आया बयानकानपुर के एक सरकारी अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत डॉ. जफर हयात ने फरीदाबाद मॉड्यूल में शामिल शाहीन पर बड़ा बयान दिया है। दरअसल, डॉ. जफर जैश कमांडर शाहीन के पूर्व पति हैं। अपनी पत्नी को लेकर हुए खुलासे से वे स्तब्ध हैं। उन्होंने बताया कि डॉ. शाहीन से हमारी शादी 2003 में हुई थी, लेकिन 2012 के आखिर में तलाक हो गया। मुझे आज तक नहीं मालूम कि हमारी शादी क्यों टूटी। तलाक के बाद उसने कभी संपर्क नहीं किया।
डॉ. जफर ने बताया कि उनके दो बेटे हैं जो वर्तमान में उनके पास रहते हैं। शाहीन ने तलाक के बाद कभी बच्चों से मिलने या बात करने की भी कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि शाहीन को बुर्का पहनना पसंद नहीं था। वह रिश्तेदारों और दोस्तों से दूरी बनाए रखती थी, लेकिन घर की जिम्मेदारी अच्छे से निभाती थी। उसका ज्यादातर समय लैपटॉप के साथ गुजरता था।
विदेश में बसने का प्लानडॉ. शाहीन को लेकर पूर्व पति नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. जफर हयात ने पूर्व पत्नी को लेकर बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि डॉ. शाहीन यूरोप या ऑस्ट्रेलिया में बसना चाहती थी। हालांकि, परिवार में वह एक बेहतर पत्नी और बेहतर मां की भूमिका में थी। इसी बीच उसने 2012 के आखिर में तलाक का फैसला ले लिया। अब उनके बयान ने सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या इसी दौरान वह पाकिस्तानी हैंडलर के सपंर्क में आई थी? दरअसल, तलाक के बाद ही वह कानपुर मेडिकल कॉलेज से अचानक गायब हो गई थी।
कानपुर मेडिकल कॉलेज में थी प्रोफेसरडॉ. शाहीन ने कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में बतौर फार्माकोलॉजी प्रोफेसर सात वर्षों तक कार्य किया। मंगलवार को उत्तर प्रदेश एटीएस की एक टीम कॉलेज पहुंची। प्रबंधन से उसकी नियुक्ति, गतिविधियों और संपर्कों के बारे में जानकारी जुटाई। कॉलेज प्रशासन ने बताया कि शाहीन अपने काम में दक्ष थी, लेकिन ज्यादा मेलजोल नहीं रखती थी। एटीएस को अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है, जिसके चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि एनआईए (NIA) की टीम जल्द ही कानपुर पहुंच सकती है।
कानपुर के पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने कहा कि एटीएस अधिकारी शाहीन से जुड़ी जानकारियां जुटाने आए थे। पुलिस और जांच एजेंसियों के बीच लगातार समन्वय बना हुआ है। सुरक्षा से जुड़ी हर जानकारी साझा की जा रही है।
पाकिस्तानी हैंडलर से संपर्क की आशंकाखुफिया एजेंसियों का कहना है कि शाहीन पाकिस्तान में बैठे हैंडलर के संपर्क में थी। तलाक के बाद उसने फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में नौकरी शुरू की, जहां से हाल ही में उसे गिरफ्तार किया गया। शाहीन के पिता सईद अहमद अंसारी का कहना है कि जब हमें पता चला कि शाहीन इस तरह की गतिविधियों में शामिल है, तो हमारे पैरों तले जमीन खिसक गई। एक महीने पहले ही उससे बात हुई थी।
पिता का दावा है कि डॉ. शाहीन ने कभी इस तरह के संकेत नहीं दिए। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कभी किसी डॉ. मुज्जमिल का नाम नहीं सुना था, जिनसे शाहीन के संपर्क में रहने की बात सामने आई है।
अब जांच एजेंसियों की निगाहेंखुफिया सूत्रों के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद अब आईएसआई की रणनीति के तहत महिलाओं को भी आतंकी नेटवर्क में शामिल कर रहा है।
जैश के सरगना मसूद अजहर के नाम से जारी एक पत्र में "जमात-उल-मोमिनात" नामक महिला विंग की घोषणा की गई थी। इसका नेतृत्व सादिया अजहर को सौंपा गया। एटीएस और एनआईए दोनों एजेंसियां डॉ. शाहीन के नेटवर्क, ऑनलाइन गतिविधियों और विदेशी संपर्कों की गहराई से जांच कर रही हैं।
संभावना है कि आने वाले दिनों में शाहीन के डिजिटल डिवाइस और विदेश यात्राओं की भी विस्तृत जांच की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने भारत में किस तरह का नेटवर्क तैयार किया था। फिलहाल शाहीन पुलिस हिरासत में है, और जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि उसके कबूलनामे से आतंकी संगठन की महिला इकाई के कामकाज पर बड़ा पर्दाफाश हो सकता है।
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