इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने चीन को बेहद भरोसेमंद और आजमाया हुआ सच्चा दोस्त कहा है। मुनीर ने कहा कि कई तरह की परिस्थितियां आईं लेकिन दोनों देशों की दोस्ती अटूट रही है। मुनीर का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब पाकिस्तान की अमेरिका से नजदीकी बढ़ी है। मुनीर ने खुद जून में वॉशिंगटन पहुंचकर डोनाल्ड ट्रंप के साथ लंच किया था और उनको 'शांति का मसीहा' बताया था। इसके बाद कहा गया कि पाकिस्तान चीन की बजाय अमेरिका को तरजीह दे रहा है। ऐसे में ट्रंप की प्रशंसा के बाद मुनीर ने अब चीन की तारीफों के पुल बांधकर उसको खुश करने की कोशिश की है।
असीम मुनीर ने शुक्रवार को रावलपिंडी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की स्थापना की 98वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में बोलते हुए बीजिंग-इस्लामाबाद के रिश्ते पर बात की। मुनीर ने इस दौरान अपने भाषण में कहा कि क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों के बीच पाकिस्तान-चीन के संबंध शानदार, समय की कसौटी पर खरे और असाधारण रूप से लचीले रहे हैं।
चीनी अधिकारियों के सामने तारीफमुनीर ने कहा, 'पाकिस्तान-चीन के रणनीतिक संबंध आपसी विश्वास, समर्थन और साझा प्रतिबद्धता का अच्छा उदाहरण है। दोनों देशों की साझेदारी क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने और साझा रणनीतिक हितों को सुरक्षित करने के लिए अहम है।' मुनीर ने चीनी राजदूत जियांग जैदोंग, रक्षा अताशे मेजर जनरल वांग झोंग और चीनी दूतावास के अधिकारियों के सामने यह बातें कहीं हैं। यह उनकी चीन से नाराजगी से बचने की कोशिश हो सकती है।
चीन और पाकिस्तान के रिश्ते में बीते कई वर्षों से तनातनी रही है। दोनों देश प्रतिद्वंद्वी हैं लेकिन पाकिस्तान दोनों से समय-समय पर सैन्य और आर्थिक मदद हासिल करता रहा है। भारत से हालिया संघर्ष के बाद भी पाकिस्तान ने चीन और अमेरिका दोनों से करीबी रखी है, जिस पर कई सवाल उठे। इन सवालों के बाद पाक के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार को सफाई देनी पड़ी है।
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चीन-अमेरिका दोनों से संबंधइशाक डार ने कहा है कि इस्लामाबाद चीन और अमेरिका दोनों के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। डार ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका के साथ उसकी साझेदारी को चीन के साथ उसके घनिष्ठ संबंधों में कमी आने की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। डार ने कहा कि पाकिस्तान के लिए चीन और अमेरिका दोनों सहयोगी हैं और वह दोनों से अपने संबंधों को बेहतर बनाने पर काम करेगा।
असीम मुनीर ने शुक्रवार को रावलपिंडी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की स्थापना की 98वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में बोलते हुए बीजिंग-इस्लामाबाद के रिश्ते पर बात की। मुनीर ने इस दौरान अपने भाषण में कहा कि क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों के बीच पाकिस्तान-चीन के संबंध शानदार, समय की कसौटी पर खरे और असाधारण रूप से लचीले रहे हैं।
चीनी अधिकारियों के सामने तारीफमुनीर ने कहा, 'पाकिस्तान-चीन के रणनीतिक संबंध आपसी विश्वास, समर्थन और साझा प्रतिबद्धता का अच्छा उदाहरण है। दोनों देशों की साझेदारी क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने और साझा रणनीतिक हितों को सुरक्षित करने के लिए अहम है।' मुनीर ने चीनी राजदूत जियांग जैदोंग, रक्षा अताशे मेजर जनरल वांग झोंग और चीनी दूतावास के अधिकारियों के सामने यह बातें कहीं हैं। यह उनकी चीन से नाराजगी से बचने की कोशिश हो सकती है।
चीन और पाकिस्तान के रिश्ते में बीते कई वर्षों से तनातनी रही है। दोनों देश प्रतिद्वंद्वी हैं लेकिन पाकिस्तान दोनों से समय-समय पर सैन्य और आर्थिक मदद हासिल करता रहा है। भारत से हालिया संघर्ष के बाद भी पाकिस्तान ने चीन और अमेरिका दोनों से करीबी रखी है, जिस पर कई सवाल उठे। इन सवालों के बाद पाक के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार को सफाई देनी पड़ी है।
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चीन-अमेरिका दोनों से संबंधइशाक डार ने कहा है कि इस्लामाबाद चीन और अमेरिका दोनों के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। डार ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका के साथ उसकी साझेदारी को चीन के साथ उसके घनिष्ठ संबंधों में कमी आने की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। डार ने कहा कि पाकिस्तान के लिए चीन और अमेरिका दोनों सहयोगी हैं और वह दोनों से अपने संबंधों को बेहतर बनाने पर काम करेगा।
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