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भारत की लैटिन अमेरिका में बड़ी चाल, पेरू-चिली के साथ चल रही ट्रेड डील, मजबूत होगी आर्थिक पकड़

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नई दिल्ली: भारत ने लैटिन अमेरिकी देशों पेरू और चिली के साथ व्यापार समझौतों की दिशा में दो बड़े दौर की वार्ताएं पूरी कर ली हैं। इन बैठकों में भारत का फोकस इन देशों के साथ व्यापक आर्थिक सहयोग और गहरे व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देना है। वहीं भारत-पेरू के 10वें राउंड की वार्ता जनवरी में नई दिल्ली में प्रस्तावित की गई है।

भारत-पेरू के बीच 9वें दौर की ट्रेड एग्रीमेंट वार्ता 3 से 5 नवंबर तक लीमा (पेरू) में हुई। इस बैठक में वस्तु और सेवा व्यापार, तकनीकी अवरोध, सीमा शुल्क प्रक्रिया, विवाद समझौता और क्रिटिकल मिनरल्स (महत्वपूर्ण खनिज) जैसे अहम विषयों पर चर्चा हुई।

इस व्यापार वार्ता के समापन समारोह में पेरू की विदेश व्यापार और पर्यटन मंत्री तेरेसा स्टेला मेरा गोमेज और उपमंत्री सेजर ऑगस्टो ल्योना सिल्वा मौजूद रहीं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संयुक्त सचिव और मुख्य वार्ताकार विमल आनंद ने किया, जबकि भारत के पेरू में राजदूत विश्वास विदु सापकल ने भी भाग लिया।

व्यापार-निवेश को मिलेगा बढ़ावा
मंत्री गोमेज ने कहा कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं में गहरा तालमेल है और यह समझौता व्यापार व निवेश को बढ़ाएगा। वहीं राजदूत सापकल ने बताया कि यह समझौता खनिज, फार्मा, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में नए अवसर खोलेगा।

भारत-चिली की तीसरे दौर की वार्ता
भारत और चिली के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) की तीसरी वार्ता 27 से 30 अक्टूबर 2025 तक सैंटियागो में आयोजित की गई। बैठक में वस्तु और सेवा व्यापार, निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकार, तकनीकी मानक (TBT/SPS), आर्थिक सहयोग और क्रिटिकल मिनरल्स जैसे प्रमुख विषय शामिल रहे।

दोनों पक्षों ने इस वार्ता को समयबद्ध तरीके से निष्कर्ष तक पहुंचाने के संकल्प को दोहराया। यह समझौता बाजार पहुंच बढ़ाने, सप्लाई चेन को मजबूत करने और आर्थिक एकीकरण को गहरा करने का लक्ष्य रखता है।
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