मोतिहारी: बिहार के पूर्वीचंपारण से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। मुजफ्फरपुर रेल पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने चरस जब्त की है, लेकिन कोर्ट में जांच के दौरान वह चरस ईंट-पत्थर निकली। मामला सामने आने के बाद मुजफ्फरपुर रेल एसपी ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। इस घटना से सुगौली रेल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। 5 मार्च को जब्त की गई थी चरसदरअसल, सुगौली में RPF आउटपोस्ट और रेल थाने की संयुक्त टीम ने 5 मार्च को एक कार्रवाई की थी। टीम ने स्टेशन परिसर में तीन लावारिस बैग बरामद किए। पुलिस के अनुसार, इन बैगों में 24.390 किलोग्राम चरस थी। पुलिस ने चरस मिलने का दावा किया था। कार्यपालक दंडाधिकारी कुन्दन कुमार की मौजूदगी में मादक पदार्थ का वजन किया गया। कुन्दन कुमार सुगौली के अंचलाधिकारी भी हैं। कोर्ट में निकले ईंट पत्थरउन्होंने मादक पदार्थ को सीलबंद किया और सुगौली रेल पुलिस को सौंप दिया। रेल पुलिस ने FIR दर्ज की और मादक पदार्थ को न्यायालय में पेश किया। कोर्ट में जांच के दौरान पैकेट से ईंट-पत्थर मिले। अब मामले की गंभीरता को देखते हुए रेल एसपी वीणा कुमारी सुगौली रेल थाना पहुंचीं। उन्होंने वहां मामले की जांच की। इस घटना से सुगौली रेल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। लोग हैरान हैं कि जब्त की गई चरस ईंट-पत्थर में कैसे बदल गई। रेल एसपी ने दिए जांच के आदेशमुजफ्फरपुर की रेल एसपी वीणा कुमारी ने इस घटना पर कहा कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच हो रही है। जांच में जो भी पदाधिकारी व पुलिसकर्मी दोषी पाये जाएंगे, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में चरस ईंट-पत्थर में कैसे बदल गई। अब देखना यह है कि जांच में क्या निकलता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।
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