नई दिल्ली: सफलता के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती। कभी बहुत कम उम्र में सफलता पाई जा सकती है तो कभी रिटायरमेंट के पड़ाव पर भी सफलता का स्वाद चखा जा सकता है। कम उम्र में सफलता पाना कोई मायरा नीरज शर्मा से सीखे। मात्र 19 साल की उम्र में मायरा ने वो मुकाम हासिल कर लिया है, जिसे पाने में काफी लोगों की उम्र बीत जाती है। वह मल्टीफिट (Multifit) नाम की एक जिम चेन चलाती हैं। ये जिम न केवल भारत में बल्कि दूसरे देशों में भी हैं। आज इनके जिम का टर्नओवर करोड़ों रुपये है।
मायरा एक बिजनेस परिवार से आती हैं। उनके माता-पिता और बहनें लेक्सिकन ग्रुप के तहत विभिन्न व्यवसायों में शामिल हैं। इनमें लेक्सिकन इंटरनेशनल स्कूल, एक प्रीस्कूल चेन, एक मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, सिट्टा नाम का एक बेबी केयर ब्रांड और भी बहुत कुछ शामिल हैं।
चुनौती भरा रहा शुरुआती कदममायरा बेशक कारोबारी परिवार से थीं, लेकिन उनका खुद का कारोबारी अनुभव काफी चुनौती भरा रहा। मल्टीफिट की स्थापना मूल रूप से साल 2015 में यूके के समीर कपूर ने की थी। जब कंपनी वित्तीय संकट में फंस गई, तो कपूर ने लेक्सिकन ग्रुप को इसे खरीदने का प्रस्ताव दिया।
मायरा के माता-पिता नीरज शर्मा और दीप्ति शर्मा ने मल्टीफिट ब्रांड को कोविड के दौरान जब खरीदा था तो यह ब्रांड काफी बुरी स्थिति में था। यह कंपनी कर्ज में डूबी थी। इस ब्रांड को खरीदने और इसे फिर से खड़ा करने में इनके माता-पिता ने 25 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया था। लेकिन यह मायरा की ही मेहनत का नतीजा था कि निवेश की हुई यह रकम मात्र 4 साल में ही निकल गई।
कई परेशानियां आई सामनेमायरा बताती हैं, 'हमने कोविड के समय के आसपास मल्टीफिट को खरीदा। उस समय सबसे बड़ी चुनौती लोगों को वापस जिम में लाना था। सार्वजनिक स्थानों पर आने के डर को तोड़ने में समय लगा।' उन्होंने कहा, 'चूंकि कंपनी कर्ज में डूबी हुई थी, इसलिए लोन चुकाना किसी मुश्किल काम से कम नहीं था। एक और परेशानी कर्मचारियों को मैनेजमेंट में बदलाव स्वीकार करने के लिए राजी करना था। उन्हें यह समझने में समय लगा कि यह सेटअप-ओरिएंटेड बिजनेस नहीं है, यह एक गोल-ओरिएंटेड बिजनेस है।'
आज दुनिया के कई देशों में मौजूदगीमायरा का यह जिम मल्टीफिट वेलनेस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से पंजीकृत है। आज, मल्टीफिट के दुनियाभर में 30 सेंटर हैं। इनमें से एक यूके और यूएई में है। बाकी पूरे भारत में फैले हुए हैं। इनमें से दो मुंबई और पुणे में स्थित हैं। कुछ सेंटर कंपनी के स्वामित्व वाले हैं। वहीं कई सेंटर फ्रेंचाइजी मॉडल के तहत चलते हैं। इनका यह कारोबार लगातार बढ़ रहा है। इनका पिछले वित्तीय वर्ष का टर्नओवर 26 करोड़ रुपये था।
मायरा एक बिजनेस परिवार से आती हैं। उनके माता-पिता और बहनें लेक्सिकन ग्रुप के तहत विभिन्न व्यवसायों में शामिल हैं। इनमें लेक्सिकन इंटरनेशनल स्कूल, एक प्रीस्कूल चेन, एक मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, सिट्टा नाम का एक बेबी केयर ब्रांड और भी बहुत कुछ शामिल हैं।
चुनौती भरा रहा शुरुआती कदममायरा बेशक कारोबारी परिवार से थीं, लेकिन उनका खुद का कारोबारी अनुभव काफी चुनौती भरा रहा। मल्टीफिट की स्थापना मूल रूप से साल 2015 में यूके के समीर कपूर ने की थी। जब कंपनी वित्तीय संकट में फंस गई, तो कपूर ने लेक्सिकन ग्रुप को इसे खरीदने का प्रस्ताव दिया।
मायरा के माता-पिता नीरज शर्मा और दीप्ति शर्मा ने मल्टीफिट ब्रांड को कोविड के दौरान जब खरीदा था तो यह ब्रांड काफी बुरी स्थिति में था। यह कंपनी कर्ज में डूबी थी। इस ब्रांड को खरीदने और इसे फिर से खड़ा करने में इनके माता-पिता ने 25 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया था। लेकिन यह मायरा की ही मेहनत का नतीजा था कि निवेश की हुई यह रकम मात्र 4 साल में ही निकल गई।
कई परेशानियां आई सामनेमायरा बताती हैं, 'हमने कोविड के समय के आसपास मल्टीफिट को खरीदा। उस समय सबसे बड़ी चुनौती लोगों को वापस जिम में लाना था। सार्वजनिक स्थानों पर आने के डर को तोड़ने में समय लगा।' उन्होंने कहा, 'चूंकि कंपनी कर्ज में डूबी हुई थी, इसलिए लोन चुकाना किसी मुश्किल काम से कम नहीं था। एक और परेशानी कर्मचारियों को मैनेजमेंट में बदलाव स्वीकार करने के लिए राजी करना था। उन्हें यह समझने में समय लगा कि यह सेटअप-ओरिएंटेड बिजनेस नहीं है, यह एक गोल-ओरिएंटेड बिजनेस है।'
आज दुनिया के कई देशों में मौजूदगीमायरा का यह जिम मल्टीफिट वेलनेस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से पंजीकृत है। आज, मल्टीफिट के दुनियाभर में 30 सेंटर हैं। इनमें से एक यूके और यूएई में है। बाकी पूरे भारत में फैले हुए हैं। इनमें से दो मुंबई और पुणे में स्थित हैं। कुछ सेंटर कंपनी के स्वामित्व वाले हैं। वहीं कई सेंटर फ्रेंचाइजी मॉडल के तहत चलते हैं। इनका यह कारोबार लगातार बढ़ रहा है। इनका पिछले वित्तीय वर्ष का टर्नओवर 26 करोड़ रुपये था।
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