नई दिल्ली: बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान इन दिनों जम्मू और कश्मीर गए हैं। यहां उन्होंने इस केंद्र शासित प्रदेश के राज्य का दर्जा बहाली को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि सब चाहते हैं कि जम्मू और कश्मीर को राज्य का दर्जा मिल जाए, लेकिन इसके लिए यहां हालात सामान्य होना जरूरी है। बता दें कि राज्य के दर्जा बहाली को लेकर यहां की गैर-बीजेपी पार्टियां कभी आक्रामक तो कभी निराशाजनक रुख अपना रही हैं। अदालतों का दरवाजा भी खटखटाने की कोशिशें हुई हैं।
'हालात सामान्य करने पड़ेंगे'
बिहार के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी इच्छा है कि जम्मू और कश्मीर को राज्य का दर्जा मिल जाए। लेकिन, उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि इस केंद्र शासित प्रदेश में हालात बिल्कुल सामान्य हो जाएं। उन्होंने बुधवार को श्रीनगर में कहा, 'हम सब फिक्रमंद हैं...हम सब चाहते हैं कि नॉर्मल हालात हों...सबकी ख्वाहिश ये है...पूरे हिंदुस्तान की ख्वाहिश ये है...प्रधानमंत्री की है कि कश्मीर एक राज्य की हैसियत से खुद अपना सबकुछ तय करे...लेकिन, ये हालात नॉर्मल पैदा करने पड़ेंगे। ये आप और हमारा काम है कि हम वो हालात पैदा कर सकें कि जिस तरह से नॉर्मल कानून सब जगह चल रहा है, उस तरह से कश्मीर में भी चले।'
पीएम मोदी भी दे चुके हैं भरोसा
बता दें कि केंद्र सरकार का संसद से लेकर सार्वजनिक स्तर पर और अदालत तक में इस मुद्दे पर यही रुख रहा है कि समय आने पर जम्मू और कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा। खुद प्रधानमंत्री मोदी श्रीनगर में सार्वजनिक तौर पर यह भरोसा दे चुके हैं। लेकिन, इसके लिए कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है। जबकि, प्रदेश में सत्ताधारी नेशनल कांफ्रेंस से लेकर अन्य राजनीतिक दल इसकी मांग को लेकर लगातार आवाज उठाते रहे हैं।
अब्दुल्ला लगातार कर रहे मांग
हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी यही वादा किया है कि जम्मू और कश्मीर में उचित समय पर राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा। 18 अक्टूबर, 2025 को पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस में जब गृहमंत्री से जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान की ओर इशारा किया गया कि उनकी सरकार बनने के एक साल बाद भी राज्य का दर्जा नहीं मिलने से जम्मू और कश्मीर और दिल्ली के बीच एक 'खाई'बनी हुई है। इसपर उन्होंने यूटी (UT) के लोगों से धैर्य रखने का आह्वान किया।
उचित समय के इंतजार में केंद्र
अमित शाह ने अपने जवाब में कहा, 'वे ( उमर अब्दुल्ला ) राजनीतिक वजहों की वजह से ऐसा कह रहे होंगे। लेकिन, उचित समय पर राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा। और यह उनके (मुख्यमंत्री) साथ चर्चा के बाद ही किया जाएगा।' 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के साथ ही इसे विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था और इससे अलग करके लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था।
'हालात सामान्य करने पड़ेंगे'
बिहार के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी इच्छा है कि जम्मू और कश्मीर को राज्य का दर्जा मिल जाए। लेकिन, उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि इस केंद्र शासित प्रदेश में हालात बिल्कुल सामान्य हो जाएं। उन्होंने बुधवार को श्रीनगर में कहा, 'हम सब फिक्रमंद हैं...हम सब चाहते हैं कि नॉर्मल हालात हों...सबकी ख्वाहिश ये है...पूरे हिंदुस्तान की ख्वाहिश ये है...प्रधानमंत्री की है कि कश्मीर एक राज्य की हैसियत से खुद अपना सबकुछ तय करे...लेकिन, ये हालात नॉर्मल पैदा करने पड़ेंगे। ये आप और हमारा काम है कि हम वो हालात पैदा कर सकें कि जिस तरह से नॉर्मल कानून सब जगह चल रहा है, उस तरह से कश्मीर में भी चले।'
VIDEO | Srinagar: Bihar Governor Arif Mohammad Khan says, "Statehood for Jammu and Kashmir requires normalcy, collective effort."
— Press Trust of India (@PTI_News) November 5, 2025
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/zSNpxv5ERs
पीएम मोदी भी दे चुके हैं भरोसा
बता दें कि केंद्र सरकार का संसद से लेकर सार्वजनिक स्तर पर और अदालत तक में इस मुद्दे पर यही रुख रहा है कि समय आने पर जम्मू और कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा। खुद प्रधानमंत्री मोदी श्रीनगर में सार्वजनिक तौर पर यह भरोसा दे चुके हैं। लेकिन, इसके लिए कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है। जबकि, प्रदेश में सत्ताधारी नेशनल कांफ्रेंस से लेकर अन्य राजनीतिक दल इसकी मांग को लेकर लगातार आवाज उठाते रहे हैं।
अब्दुल्ला लगातार कर रहे मांग
हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी यही वादा किया है कि जम्मू और कश्मीर में उचित समय पर राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा। 18 अक्टूबर, 2025 को पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस में जब गृहमंत्री से जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान की ओर इशारा किया गया कि उनकी सरकार बनने के एक साल बाद भी राज्य का दर्जा नहीं मिलने से जम्मू और कश्मीर और दिल्ली के बीच एक 'खाई'बनी हुई है। इसपर उन्होंने यूटी (UT) के लोगों से धैर्य रखने का आह्वान किया।
उचित समय के इंतजार में केंद्र
अमित शाह ने अपने जवाब में कहा, 'वे ( उमर अब्दुल्ला ) राजनीतिक वजहों की वजह से ऐसा कह रहे होंगे। लेकिन, उचित समय पर राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा। और यह उनके (मुख्यमंत्री) साथ चर्चा के बाद ही किया जाएगा।' 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के साथ ही इसे विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था और इससे अलग करके लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था।
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