अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: देशभर में आवारा कुत्तों से जुड़ी घटनाओं पर बढ़ती चिंताओं के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आदेश दिया कि स्कूलों, अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड, खेल परिसरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को हटाया जाए और उन्हें शेल्टर होम में शिफ्ट किया जाए। कोर्ट के फैसले पर बीजेपी नेता और यूपी महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव के पति प्रतीक यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रतीक यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से आया फैसला ऑनरेबल फैसला नहीं है। बता दे प्रतीक यादव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के छोटे भाई हैं।
प्रतीक यादव ने कहा कि यह फैसला ऑनरेबल नहीं है। सुप्रीम कोर्ट को ऑनरेबल कहकर एड्रेस किया जाता है लेकिन ये फैसला ऑनरेबल नहीं है। क्योंकि इन्होंने फिर से एक बहुत ही गलत फैसला दे दिया है। प्रतीक ने कहा कि कोर्ट ने फैसला दिया है कि जितने भी हाई एंड लोकेशन हैं वहां से स्ट्रे डॉग्स को उठाकर न्यूट्रल करें और उन्हें शेल्टर में डाल दिया जाए। अगर शेल्टर नहीं है तो वहां तो किसी लोकल एरिया में ऐसे ही छोड़ दीजिये। उन्होंने कहा कि जैसा कि मैं बता चुका हूं कि कुत्ते टेरिटोरियल एनिमल होते हैं। जिस एरिया में भी आप इन्हें छोडेंगे, वहां ये एग्जिस्टिंग डॉग्स जो हैं उनका ये पैक होता हैं।
प्रतीक यादव ने कहा कि गूगल सर्च करेंगे कि ये कुत्ते पैक में रहते हैं इनका पैक होता है, अगर वो अपनी जगह पर किसी भी बाहरी कुत्ते को देखेंगे तो दौड़ा-दौड़ाकर मार डालेंगे। ये फैसला एक बार फिर इंसानियत के खिलाफ हैं, ये एक क्रूर फैसला है। ये एक ऐसा फैसला है जिसके बारे में इन्होंने कुछ सोचा ही नहीं। प्रतीक ने नसीहत देते हुए कहा कि इन्हें थोड़ी सी रिसर्च कर लेनी चाहिए कि डॉग्स किस तरह से रहते हैं। आप उन्हें न्यूट्रल करिए लेकिन वहीं छोड़िए जहां से आपने उठाया है। आप उनको नई जगह पर छोड़ेंगे तो उनकी जान जानी तय है।
इसके साथ ही प्रतीक यादव ने लोगों से अपील की कि आप प्लीज मेरी आवाज उन लोगों तक पहुंचाइये शेयर कीजिए। इस फैसले को रिवर्स करवा दीजिए, जैसे पिछला फैसला रिवर्स हुआ है। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि स्कूलों, अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड, खेल परिसरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को हटाया जाए और उन्हें शेल्टर होम में शिफ्ट किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया कि इन इलाकों में सुरक्षा के लिए बाउंड्री वॉल, बाड़ या गेट लगाए जाएं ताकि कुत्ते दोबारा इन परिसरों में न घुस सकें।
प्रतीक यादव ने कहा कि यह फैसला ऑनरेबल नहीं है। सुप्रीम कोर्ट को ऑनरेबल कहकर एड्रेस किया जाता है लेकिन ये फैसला ऑनरेबल नहीं है। क्योंकि इन्होंने फिर से एक बहुत ही गलत फैसला दे दिया है। प्रतीक ने कहा कि कोर्ट ने फैसला दिया है कि जितने भी हाई एंड लोकेशन हैं वहां से स्ट्रे डॉग्स को उठाकर न्यूट्रल करें और उन्हें शेल्टर में डाल दिया जाए। अगर शेल्टर नहीं है तो वहां तो किसी लोकल एरिया में ऐसे ही छोड़ दीजिये। उन्होंने कहा कि जैसा कि मैं बता चुका हूं कि कुत्ते टेरिटोरियल एनिमल होते हैं। जिस एरिया में भी आप इन्हें छोडेंगे, वहां ये एग्जिस्टिंग डॉग्स जो हैं उनका ये पैक होता हैं।
प्रतीक यादव ने कहा कि गूगल सर्च करेंगे कि ये कुत्ते पैक में रहते हैं इनका पैक होता है, अगर वो अपनी जगह पर किसी भी बाहरी कुत्ते को देखेंगे तो दौड़ा-दौड़ाकर मार डालेंगे। ये फैसला एक बार फिर इंसानियत के खिलाफ हैं, ये एक क्रूर फैसला है। ये एक ऐसा फैसला है जिसके बारे में इन्होंने कुछ सोचा ही नहीं। प्रतीक ने नसीहत देते हुए कहा कि इन्हें थोड़ी सी रिसर्च कर लेनी चाहिए कि डॉग्स किस तरह से रहते हैं। आप उन्हें न्यूट्रल करिए लेकिन वहीं छोड़िए जहां से आपने उठाया है। आप उनको नई जगह पर छोड़ेंगे तो उनकी जान जानी तय है।
इसके साथ ही प्रतीक यादव ने लोगों से अपील की कि आप प्लीज मेरी आवाज उन लोगों तक पहुंचाइये शेयर कीजिए। इस फैसले को रिवर्स करवा दीजिए, जैसे पिछला फैसला रिवर्स हुआ है। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि स्कूलों, अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड, खेल परिसरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को हटाया जाए और उन्हें शेल्टर होम में शिफ्ट किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया कि इन इलाकों में सुरक्षा के लिए बाउंड्री वॉल, बाड़ या गेट लगाए जाएं ताकि कुत्ते दोबारा इन परिसरों में न घुस सकें।
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