यमुनानगर: हरियाणा के यमुनानगर जिले में लगभग 70 साल पुराना बाडी माजरा का पुल मंगलवार शाम करीब 5 बजे पश्चिमी यमुना नहर में गिर गया। यह पुल जिंदल पार्क के पीछे स्थित था और नहर के दोनों किनारों को जोड़ने का एक अहम रास्ता था। गनीमत रही कि पुल टूटने के समय उस पर कोई नहीं था, क्योंकि प्रशासन ने इसे पहले ही खतरनाक घोषित कर दिया था और कुछ घंटे पहले ही मिट्टी डालकर आवाजाही बंद कर दी थी। पुल के पिलरों में दरारें आ गई थीं और सोमवार को यह थोड़ा धंस भी गया था, जिसके बाद इस पर आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई थी।   
   
   
पुल को पहले ही असुरक्षित घोषित कर दिया था
यह पुल यमुनानगर के लोगों के लिए बहुत ज़रूरी था। यह पश्चिमी यमुना नहर पर बना था और जिंदल पार्क के पीछे था। मंगलवार शाम को अचानक पुल का एक बड़ा हिस्सा टूटकर नहर में गिर गया। यह घटना शाम करीब 5 बजे हुई। अच्छी बात यह रही कि उस वक्त पुल पर कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था। प्रशासन ने इस पुल को पहले ही असुरक्षित घोषित कर दिया था। उन्होंने पुल पर एक बोर्ड भी लगाया था, जिसमें लिखा था कि यह पुल खतरनाक है। इसके बावजूद, लोग इसका इस्तेमाल कर रहे थे।
   
     
पुल के पिलरों में देखी गई थीं दरारें
सोमवार को पुल के पिलरों में दरारें देखी गई थीं और यह थोड़ा धंस भी गया था। इसी वजह से, लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, मंगलवार सुबह करीब 10 बजे पुल पर मिट्टी डालकर आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई थी। छठ पर्व के दौरान भी लोग इसी पुल से होकर नहर में जा रहे थे। यह पुल नहर के दोनों किनारों को जोड़ने का एक मुख्य रास्ता था, इसलिए स्थानीय लोगों के लिए इसका इस्तेमाल करना ज़रूरी था। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की, ताकि किसी को कोई नुकसान न हो।
  
पुल को पहले ही असुरक्षित घोषित कर दिया था
यह पुल यमुनानगर के लोगों के लिए बहुत ज़रूरी था। यह पश्चिमी यमुना नहर पर बना था और जिंदल पार्क के पीछे था। मंगलवार शाम को अचानक पुल का एक बड़ा हिस्सा टूटकर नहर में गिर गया। यह घटना शाम करीब 5 बजे हुई। अच्छी बात यह रही कि उस वक्त पुल पर कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था। प्रशासन ने इस पुल को पहले ही असुरक्षित घोषित कर दिया था। उन्होंने पुल पर एक बोर्ड भी लगाया था, जिसमें लिखा था कि यह पुल खतरनाक है। इसके बावजूद, लोग इसका इस्तेमाल कर रहे थे।
पुल के पिलरों में देखी गई थीं दरारें
सोमवार को पुल के पिलरों में दरारें देखी गई थीं और यह थोड़ा धंस भी गया था। इसी वजह से, लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, मंगलवार सुबह करीब 10 बजे पुल पर मिट्टी डालकर आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई थी। छठ पर्व के दौरान भी लोग इसी पुल से होकर नहर में जा रहे थे। यह पुल नहर के दोनों किनारों को जोड़ने का एक मुख्य रास्ता था, इसलिए स्थानीय लोगों के लिए इसका इस्तेमाल करना ज़रूरी था। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की, ताकि किसी को कोई नुकसान न हो।
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