अयोध्या: भव्य राम मंदिर में 25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वचालित प्रणाली से ध्वजारोहण करेंगे। इस दौरान वैदिक आचार्य समवेत स्वर में वैदिक मंत्रोच्चार करेंगे। मंदिर प्रांगण में करीब आठ हजार मेहमान उपस्थित रहेंगे। समारोह के लिए ऑटोमैटिक फ्लैग होइस्टिंग सिस्टम को उच्च सुरक्षा मानकों के साथ स्थापित किया गया है। यह प्रणाली कंप्यूटरीकृत कंट्रोल यूनिट से जुड़ी होगी। इससे एक बटन को दबाने मात्र से ध्वज फहराया जाएगा।
मंदिर प्रांगण में रखे विशाल मॉनिटर पर ध्वजारोहण की पूरी प्रक्रिया लाइव दिखाई जाएगी। जब तक ध्वज राम मंदिर के 119 फीट ऊंचे शिखर तक पहुंचेगा तब तक वैदिक मंत्रोच्चारों की ध्वनि माहौल को भक्तिमय करेगी। ध्वज के कपड़े को भी अंतिम रूप दे दिया गया है।
ध्वज पर रहेगा सूर्यवंश का चिह्नसेना के वरिष्ठ अफसरों से विचार-विमर्श के बाद ध्वज की गुणवत्ता तय की गई है। ध्वज विशेष पैराशूट फैब्रिक से तैयार किया जा रहा है जो धूप, बारिश और तेज हवा सभी परिस्थितियों से सुरक्षित रहेगा। इसमें नमी और तापमान के प्रभाव को कम करने के लिए डबल कोटेड सिंथेटिक परत दी जाने की योजना है। इस पर सूर्य वंश का चिह्न, ऊं, कोविदार वृक्ष का प्रतीक अंकित रहेगा।
क्यूआर कोड से लैस रहेगा निमंत्रण कार्डध्वजारोहण समारोह के लिए आमंत्रण कार्ड भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अतिथियों को भेजे जा रहे आमंत्रण पत्र पूरी तरह क्यूआर कोड आधारित होंगे। प्रत्येक कार्ड में विशिष्ट डिजिटल पहचान कोड जोड़ा गया है। इसे स्कैन करते ही अतिथि की पहचान, सीट नंबर और प्रवेश द्वार का विवरण आ जाएगा। सभी मेहमानों के लिए रामलला का विशेष प्रसाद भी ट्रस्ट तैयार करा रहा है।
मंदिर प्रांगण में रखे विशाल मॉनिटर पर ध्वजारोहण की पूरी प्रक्रिया लाइव दिखाई जाएगी। जब तक ध्वज राम मंदिर के 119 फीट ऊंचे शिखर तक पहुंचेगा तब तक वैदिक मंत्रोच्चारों की ध्वनि माहौल को भक्तिमय करेगी। ध्वज के कपड़े को भी अंतिम रूप दे दिया गया है।
ध्वज पर रहेगा सूर्यवंश का चिह्नसेना के वरिष्ठ अफसरों से विचार-विमर्श के बाद ध्वज की गुणवत्ता तय की गई है। ध्वज विशेष पैराशूट फैब्रिक से तैयार किया जा रहा है जो धूप, बारिश और तेज हवा सभी परिस्थितियों से सुरक्षित रहेगा। इसमें नमी और तापमान के प्रभाव को कम करने के लिए डबल कोटेड सिंथेटिक परत दी जाने की योजना है। इस पर सूर्य वंश का चिह्न, ऊं, कोविदार वृक्ष का प्रतीक अंकित रहेगा।
क्यूआर कोड से लैस रहेगा निमंत्रण कार्डध्वजारोहण समारोह के लिए आमंत्रण कार्ड भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अतिथियों को भेजे जा रहे आमंत्रण पत्र पूरी तरह क्यूआर कोड आधारित होंगे। प्रत्येक कार्ड में विशिष्ट डिजिटल पहचान कोड जोड़ा गया है। इसे स्कैन करते ही अतिथि की पहचान, सीट नंबर और प्रवेश द्वार का विवरण आ जाएगा। सभी मेहमानों के लिए रामलला का विशेष प्रसाद भी ट्रस्ट तैयार करा रहा है।
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