चूरू: राजस्थान के चूरू में सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डीबी हॉस्पिटल में शुक्रवार सुबह जन्म के कुछ घंटे बाद ही एक नवजात की मौत ने सनसनी फैला दी। डॉक्टरों ने शिशु की गर्दन पर निशान मिलने की बात कही है, जिससे हत्या की आशंका गहराती जा रही है। फिलहाल बच्चे का शव मोर्चरी में रखवाया गया है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
रात में हुआ प्रसव, सुबह मिला मृत नवजात
पुलिस के अनुसार, गुरुवार रात करीब 12:30 बजे गांव अजीतसर निवासी गुड्डी देवी (40) ने सामान्य प्रसव के जरिए एक बेटे को जन्म दिया था। डिलीवरी के बाद मां और बच्चे को लेबर रूम से वार्ड में शिफ्ट किया गया था।
रातभर सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन सुबह करीब 5 बजे नवजात की तबीयत बिगड़ गई। परिजन जब बच्चे को बेहोशी की हालत में वार्ड लेकर पहुंचे, तो डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टरों ने जताई हत्या की आशंका
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में नवजात की गर्दन पर दबाव के निशान मिले हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह मामला गला घोंटने जैसा प्रतीत होता है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के असली कारण का खुलासा होगा।
मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और सबूत एकत्र किए।
परिवार के व्यवहार पर भी उठे सवाल
अस्पताल स्टाफ के अनुसार, बच्चे के जन्म के बाद परिजनों को तुरंत सूचना दे दी गई थी, लेकिन काफी देर तक किसी ने नवजात को लेने नहीं आया। इस बात से अस्पताल प्रशासन को भी शक हुआ।
लेबर रूम स्टाफ ने बताया कि प्रसूता को जब परिजन अस्पताल लेकर आए थे, तब उनके पास गर्भावस्था के दौरान कराई गई कोई जांच रिपोर्ट या पर्ची नहीं थी। जब इस बारे में सवाल किए गए, तो परिवार के सदस्य कोई जवाब नहीं दे पाए।
पोस्टमॉर्टम के बाद सच्चाई आएगी सामने
फिलहाल पुलिस ने नवजात का शव मॉर्च्यूरी में सुरक्षित रखवाया है। अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा। अस्पताल और पुलिस दोनों ही सभी पहलुओं से जांच में जुटे हैं। इस घटना से अस्पताल परिसर में सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं।
रात में हुआ प्रसव, सुबह मिला मृत नवजात
पुलिस के अनुसार, गुरुवार रात करीब 12:30 बजे गांव अजीतसर निवासी गुड्डी देवी (40) ने सामान्य प्रसव के जरिए एक बेटे को जन्म दिया था। डिलीवरी के बाद मां और बच्चे को लेबर रूम से वार्ड में शिफ्ट किया गया था।
रातभर सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन सुबह करीब 5 बजे नवजात की तबीयत बिगड़ गई। परिजन जब बच्चे को बेहोशी की हालत में वार्ड लेकर पहुंचे, तो डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टरों ने जताई हत्या की आशंका
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में नवजात की गर्दन पर दबाव के निशान मिले हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह मामला गला घोंटने जैसा प्रतीत होता है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के असली कारण का खुलासा होगा।
मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और सबूत एकत्र किए।
परिवार के व्यवहार पर भी उठे सवाल
अस्पताल स्टाफ के अनुसार, बच्चे के जन्म के बाद परिजनों को तुरंत सूचना दे दी गई थी, लेकिन काफी देर तक किसी ने नवजात को लेने नहीं आया। इस बात से अस्पताल प्रशासन को भी शक हुआ।
लेबर रूम स्टाफ ने बताया कि प्रसूता को जब परिजन अस्पताल लेकर आए थे, तब उनके पास गर्भावस्था के दौरान कराई गई कोई जांच रिपोर्ट या पर्ची नहीं थी। जब इस बारे में सवाल किए गए, तो परिवार के सदस्य कोई जवाब नहीं दे पाए।
पोस्टमॉर्टम के बाद सच्चाई आएगी सामने
फिलहाल पुलिस ने नवजात का शव मॉर्च्यूरी में सुरक्षित रखवाया है। अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा। अस्पताल और पुलिस दोनों ही सभी पहलुओं से जांच में जुटे हैं। इस घटना से अस्पताल परिसर में सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं।
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