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डॉ. मंजूषा ने बताया मां बनने के बाद खुद का ख्याल कैसे रखें, पुरानी बीमारी भी कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी

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मां बनना एक अद्भुत अनुभव है। लेकिन क्रॉनिक डिजीज से जूझ रही महिलाओं के लिए यह सफर इतना आसान नहीं होता। आजकल कई महिलाएं हाई ब्‍लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग, क्रॉनिक किडनी डिजीज, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर यहां तक की कैंसर जैसी क्रॉनिक हेल्‍थ कंडीशन के बावजूद गर्भधारण कर रही हैं। लेकिन प्रेग्नेंसी से लेकर बच्‍चे के जन्‍म के बाद तक मां की सेहत एक चुनौती बन जाती है।दिल्‍ली की सीके बिड़ला हॉस्पिटल की ऑब्‍स्‍ट्रेटिक्‍स एंड गायनाकोलॉजी विभाग की लीड कंसल्‍टेंट डॉ. मंजुषा गोयल बताती हैं कि न्‍यूबॉर्न की देखभाल में व्‍यस्‍त मां अक्‍सर अपने स्‍वास्‍थ्‍य को नजरअंदाज करती हैं। यह न सिर्फ एक मां की हेल्‍थ के लिए बल्कि बच्‍चे की देखभाल करने की क्षमता के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है। यहां दिए गए टिप्‍स पुरानी बीमारी से जूझ रही मांओं को अपने स्‍वास्‍थ्‍य को ठीक रखने में मदद कर सकते हैं। डॉक्‍टर्स से संपर्क बनाए रखेंडॉक्‍टर के अनुसार, क्रॉनिक हेल्‍थ कंडीशन से जूझ रही महिलाओं को नियमित रूप से अपने डॉक्‍टर से संपर्क बनाए रखना चाहिए। रेगुलर दवाएं लें। अक्सर माएं दवा खत्म होने के बाद इसे लेने में देरी करती हैं। लेकिन यह गलत है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए अपने पास एक या दो महीने का पर्याप्‍त स्‍टॉक रखना चाहिए। भरपूर नींद लेंडॉक्‍टर का मानना है कि क्रॉनिक बीमारियों को मैनेज करने के लिए मां को भरपूर नींद लेनी चाहिए। वे बच्‍चे के रूटीन के साथ अपना स्‍लीप शेड्यूल भी बनाएं, क्‍योंकि अच्‍छी नींद फिजिकल और मेंटल हेल्‍थ के लिए बहुत फायदेमंद है। योग करेंमां बनने के बाद क्रॉनिक डिजीज तनाव बढ़ा सकती है। ऐसे में डॉक्‍टर महिलाओं को योग और मेडिटेशन करने की सलाह देती हैं। इससे मेंटल हेल्‍थ कंडीशन में सुधार होता है और आप स्‍वस्‍थ बनी रहती हैं। मेंटल हेल्‍थ पर ध्‍यान देंपुरानी बीमारी से गुजर रही मांओं को अक्‍सर अपनी जान गंवाने का डर बना रहता है। यह बच्‍चे को भावनात्‍मक रूप से प्रभावित करता है। इससे बचने के लिए डॉक्‍टर से बात करें और जरूरत पड़ने पर दवा भी लें। स्‍तनपान कराने से बचेंडॉक्टर बताती हैं कि अगर मां एंटीसाइकोटिक दवा या फिर कीमोथेरेपी से गुजर रही हो, तो उन्‍हें शिशु को स्तनपान कराने से बचना चाहिए। खासतौर से डायबिटीज वाली महिलाएं, जिनके खाने पीने पर रोक है, उन्‍हें स्‍तनाप कराने से पहले डॉक्टर से बात करनी चाहिए। सेनेटरी पैड का इस्‍तेमाल ना करेंडिलीवरी के बाद सेनेटरी पेड का लंबे समय तक इस्‍तेमाल करने से बचना चाहिए। खासतौर से महिला को डायबिटीज है, तो यह बहुत जरूरी है। दरअसल, ज्‍यादा दिनों तक पैड के इस्‍तेमाल से फंगल वैजिनाइटिस जैसी समस्‍या हो सकती है। क्रॉनिक किडनी रोग वाले लोग ध्‍यान देंजिन मांओं को पहले से किडनी से जुड़ी समस्या है और वे डायलिसिस पर हैं, तो डिलीवरी के बाद इलाज जारी रखें। इसके अलावा जो लोग कैंसर के बाद कीमोथेरेपी ले रहे हैं, उन्‍हें खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से थका देने वाले कामों से दूर रखना चाहिए।डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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