NBT रिपोर्ट, नई दिल्ली : नैशनल करियर सर्विस (NCS) को रोजगार के लिए देश के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें छोटे शहरों, कस्बों और ग्रामीण इलाकों और MSME क्लस्टर्स के प्रतिभाशाली लोगों को रोजगार के अवसरों से बेहतर तरीके से जोड़ने पर फोकस होगा। श्रम शक्ति नीति 2025 के मसौदे में यह बात कही गई है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने यह ड्राफ्ट जारी करते हुए इस पर 27 अक्टूबर तक सभी संबंधित पक्षों से राय मांगी है।
इसमें EPFO, ESIC, e-श्रम और NCS जैसे प्रमुख नैशनल डेटाबेस को जोड़कर एक यूनिफाइड लेबर स्टैक बनाने की बात कही गई है, जिससे सोशल प्रोटेक्शन और इनकम सिक्योरिटी बढ़ सके। सभी वर्कर्स के लिए यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी के साथ वर्कप्लेस पर कामकाज से जुड़ी सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी इंतजाम पर ज्यादा जोर होगा। ड्राफ्ट के मुताबिक, लेबर एंड एंप्लॉयमेंट मिनस्ट्री को एंप्लॉयमेंट फैसिलिटेटर के रूप में स्थापित किया जाएगा, जो वर्कर्स, एंप्लॉयर्स और ट्रेनिंग इंस्टिट्यूशंस के बीच सहयोग बढ़ाएगी।
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