कई फिल्मों में कुछ सीन्स ऐसे होते हैं, जिनका कोई लॉजिक या तर्क नहीं होता। जैसे बंदूक से निकली गोली को हाथ से पकड़ लेना, साइकिल के पीछे छिपकर दुश्मन से लड़ना... कई फिल्मों में तो मेडिकल साइंस से जुड़े ऐसे बिना सिर-पैर वाले सीन्स भी होते हैं, जिन्हें देखकर आप अपना माथा पीट लें। कुछ ऐसा हाल माधुरी दीक्षित के पति डॉक्टर श्रीराम नेने का हुआ है। जिन्होंने 'राजा की आएगी बारात' का एक सीन देखा, जिसमें रानी मुखर्जी हीरो के पैर से सांप का जहर चूस कर निकाल रही हैं। Madhuri Dixit के पति डॉक्टर श्रीराम माधव नेने अमेरिका में टॉप हार्ट सर्जन हैं। साथ ही एक्टिव व्लॉगर भी हैं। उन्होंने फिल्मों में दिखाए जाने वाले बिना सिर-पैर वाले (बिना लॉजिक वाले) मेडिकल सेगमेंट पर अपना रिएक्शन दिया है। उन्होंने 'राजा की आएगी बारात' फिल्म की एक क्लिप को शेयर किया। पहले क्लिप देखी और फिर अपनी आंखें गोल-गोल घुमाई। फिर उनके अंदर के डॉक्टर ने कहा, 'मुझे इसका कॉन्टैक्स्ट नहीं पता, लेकिन मुझे लगता है कि हम जो देख रहे हैं, उसमें पुरानी बीवियों को कहा गया था कि अगर सांप तुम्हें काट ले तो उसका जहर चूस लो, मरीज ठीक हो जाएगा।' माधुरी के पति का वीडियो माधुरी के पति ने तोड़ा मिथ, बताई सच्चाईडॉक्टर श्रीराम नेने ने इस तरह की मिथ्या को तोड़ते हुए कहा, 'सुनो, जब तक आप न्यूरोलॉजिक इफेक्ट्स या अन्य प्रभाव दिखाना शुरू करते हैं, तब तक उसे जहर की एक खुराक मिल चुकी होती है। इसलिए मुझे नहीं पता कि इससे कुछ बदलने वाला है। हालांकि, अगर आप घटनास्थल पर हैं, तो आप एक टूर्निकेट (बैंड) लगा सकते हैं और फिर मरीज की मदद करिए, जहां वे उसे एंटीवेनम दे सकें।' माधुरी के पति ने फिल्म के सीन को लेकर ये भी कहा कि इसके ज्यादातर सीन प्योर (शुद्ध) सिनेमा है। पर उन्हें नहीं लगता कि ये रियलस्टिक है। 28 साल पहले रिलीज हुई थी फिल्म 'राजा की आएगी बारात' फिल्म साल 1997 में रिलीज हुई थी, जिससे रानी मुखर्जी ने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था। इस फिल्म की कहानी से लेकर गाने और सीन्स तक खूब पॉपुलर हुए थे। इस सांप काटने वाले सीन पर भी खूब चर्चा हुई थी। नेवले और कुत्तों को पालते थे घरवाले उन्होंने ये भी याद किया कि कैसे उस जमाने में उनका परिवार सांपों से खुद को बचाने के लिए नेवले और कुत्ते को पालता था। उन्होंने कहा, 'भारत के कई हिस्सों में... याद रखें कि भारत एक भारत नहीं है। यह 30% मेट्रो और 70% ग्रामीण है। और कोंकण जैसे ग्रामीण इलाकों में जहां मेरा परिवार दो पीढ़ियों पहले रहता था, उनके पास कोबरा और दूसरे सांप थे और उनके पास हमेशा एंटीवेनम आसानी से उपलब्ध नहीं होते थे। लोग इनके काटने से मर जाते थे। वे आपकी सुरक्षा के लिए नेवले और कुत्ते पालते थे।'
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