इस्लामाबाद: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने काबुल की तालिबान सरकार को खुली धमकी दी है, जिसमें अफगानिस्तान के खिलाफ संभावित सैन्य धमकी की बात कही गई है। आसिफ की यह भड़काऊ टिप्पणी पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रतिनिधिमंडल की इस्तांबुल में होने जा रही बैठक से कुछ घंटे पहले ही आई है। इस बयान ने तनाव को नाटकीय रूप से बढ़ा दिया है और घातक सीमा झड़पों और ड्रोन हमलों को समाप्त करने के प्रयासों पर काले बादल मंडराने लगे हैं। पाकिस्तान और अफगान प्रतिनिधिमंडल 6 नवम्बर गुरुवार को तीसरे दौर की बैठक के लिए इस्तांबुल में मिलेगा।
तालिबान से युद्ध की कही बात
बुधवार को जब टेलीविजन इंटरव्यू के दौरान जब आसिफ से पूछा गया कि अफगानिस्तान तालिबान के साथ बैठक में कामयाबी नहीं होती है तो क्या होगा। इस पर आसिफ ने कहा, 'अगर बैठक में कामयाबी नहीं होती है तो जंग ही होगी।' आसिफ ने काबुल की तालिबान सरकार पर आतंकवादियों को पनाह देने और सीमा पार होने वाले हमलों पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। अफगान तालिबान ने इन आरोपों का खंडन किया है और पाकिस्तान के अफगान नागरिकों पर ड्रोन हमले की निंदा की है। तालिबान ने पाकिस्तान पर ISIS आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया है।
इस्तांबुल में बैठक से पहले बढ़ा तनाव
गुरुवार को इस्तांबुल में हो रही वार्ता से कुछ घंटे पहले आए आसिफ के बयान ने एक बार फिर तनाव बढ़ा दिया है। इस्तांबुल में हुई पिछली बातचीत का दौरा तीखी बहस के साथ खत्म हो गया था। हालांकि, बाद में 30 अक्टूबर दोनों ने संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें युद्धविराम को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई गई। अफगान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व तालिबान के खुफिया प्रमुख अब्दुल हक वसीक कर रहे हैं। वहीं, इसमें अनस हक्कानी, कतर में कार्यवाहक राजदूत सुहैल शाहीन, उप-गृह मंत्री रहमतुल्लाह नजीब और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खी शामिल हैं। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और ISI चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद असीम कर रहे हैं।
गुरुवार को होने जा रही शांति वार्ता में बार-बार होने वाली सीमा झड़पें, ड्रोन हमलों और पाकिस्तान के व्यापार क्रॉसिंग बंद होने के मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार ठप हो गया है। अफगान मीडिया आउटलेट टोलो न्यूज ने बताया है कि 8000 से ज्यादा अफगान कंटेनर पाकिस्तान में फंसे हुए हैं और 4000 कंटेनर पाकिस्तान में आने का इंतजार कर रहे हैं। क्रॉसिंग बंद होने से दोनों पक्षों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
तालिबान से युद्ध की कही बात
बुधवार को जब टेलीविजन इंटरव्यू के दौरान जब आसिफ से पूछा गया कि अफगानिस्तान तालिबान के साथ बैठक में कामयाबी नहीं होती है तो क्या होगा। इस पर आसिफ ने कहा, 'अगर बैठक में कामयाबी नहीं होती है तो जंग ही होगी।' आसिफ ने काबुल की तालिबान सरकार पर आतंकवादियों को पनाह देने और सीमा पार होने वाले हमलों पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। अफगान तालिबान ने इन आरोपों का खंडन किया है और पाकिस्तान के अफगान नागरिकों पर ड्रोन हमले की निंदा की है। तालिबान ने पाकिस्तान पर ISIS आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया है।
इस्तांबुल में बैठक से पहले बढ़ा तनाव
गुरुवार को इस्तांबुल में हो रही वार्ता से कुछ घंटे पहले आए आसिफ के बयान ने एक बार फिर तनाव बढ़ा दिया है। इस्तांबुल में हुई पिछली बातचीत का दौरा तीखी बहस के साथ खत्म हो गया था। हालांकि, बाद में 30 अक्टूबर दोनों ने संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें युद्धविराम को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई गई। अफगान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व तालिबान के खुफिया प्रमुख अब्दुल हक वसीक कर रहे हैं। वहीं, इसमें अनस हक्कानी, कतर में कार्यवाहक राजदूत सुहैल शाहीन, उप-गृह मंत्री रहमतुल्लाह नजीब और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खी शामिल हैं। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और ISI चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद असीम कर रहे हैं।
गुरुवार को होने जा रही शांति वार्ता में बार-बार होने वाली सीमा झड़पें, ड्रोन हमलों और पाकिस्तान के व्यापार क्रॉसिंग बंद होने के मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार ठप हो गया है। अफगान मीडिया आउटलेट टोलो न्यूज ने बताया है कि 8000 से ज्यादा अफगान कंटेनर पाकिस्तान में फंसे हुए हैं और 4000 कंटेनर पाकिस्तान में आने का इंतजार कर रहे हैं। क्रॉसिंग बंद होने से दोनों पक्षों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
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