वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 30 सालों के बाद परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने के फैसले का बचाव किया है। उन्होंने तर्क दिया है कि रूस, चीन और उत्तर कोरिया जैसे देश लगतार परमाणु बमों का जखीरा बढ़ा रहे हैं तो फिर आप अमेरिका से संयम बरतने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। हालांकि इस दौरान उन्होंने स्वीकार किया है कि अमेरिका के पास मौजूदा समय में इतने परमाणु हथियार हैं, जिससे दुनिया 150 बार पूरी तरह से तबाह हो जाए।
सीबीएस चैनल के खास कार्यक्रम '60 मिनट्स' को दिए गये एक इंटरव्यू के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि "अमेरिका अपने विशाल परमाणु भंडार के बावजूद एकमात्र ऐसा देश नहीं हो सकता जो परीक्षण न करे।" आपको बता दें कि पिछले हफ्ते दक्षिण कोरिया के वुसान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात से ठीक पहले डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी अधिकारियों को तत्काल परमाणु परीक्षण कार्यक्रम शुरू करने के आदेश दिए थे।
अमेरिका फिर करेगा परमाणु बमों का परीक्षण
डोनाल्ड ट्रंप ने इंटरव्यू के दौरान अपने फैसले का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि "हमारे पास किसी भी अन्य देश से ज्यादा परमाणु हथियार हैं। और मुझे लगता है कि हमें परमाणु निरस्त्रीकरण के बारे में कुछ करना चाहिए। मैंने राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दोनों के साथ इस पर चर्चा की। हमारे पास दुनिया को 150 बार उड़ाने के लिए पर्याप्त परमाणु हथियार हैं। रूस के पास बहुत सारे परमाणु हथियार हैं और चीन के पास भी बहुत सारे होंगे।" उन्होंने आगे कहा कि "अमेरिका अकेला ऐसा देश नहीं होना चाहिए जो परीक्षणों से परहेज करे।"
अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि "आप जानते हैं, आपको ऐसा करना ही होगा और मैं परीक्षण इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि रूस ने घोषणा की है कि वे परीक्षण करने जा रहे हैं। उत्तर कोरिया लगातार परीक्षण कर रहा है। दूसरे देश भी परीक्षण कर रहे हैं। हम अकेले ऐसे देश हैं जो परीक्षण नहीं करते और मैं अकेला ऐसा देश नहीं बनना चाहता जो परीक्षण न करे।" आपको बता दें कि ट्रंप ने करीब 30 सालों के बाद अमेरिका को फिर से परमाणु हथियारों की रेस में उस वक्त उतारा है, जब रूस ने अपनी "असीमित-दूरी" वाली बुरेवेस्टनिक मिसाइल का परीक्षण किया है। ये परमाणु ऊर्जा से चलने वाली मिसाइल है, जो 15 घंटे से ज्यादा वक्त तक उड़ान भर सकती है।
अमेरिका, चीन और रूस की परमाणु क्षमता
आपको बता दें कि एक वक्त अमेरिक और रूस के पास सबसे ज्यादा परमाणु बम थे। फिर दोनों देशों के बीच परमाणु हथियारों की संख्या कम करने को लेकर समझौता होता है और सैकड़ों-हजारों परमाणु बमों को दोनों देश निष्क्रीय कर देते हैं। लेकिन अब फिर से ना सिर्फ ये रेस शुरू हो चुका है, बल्कि इसमें चीन, उत्तर कोरिया, भारत और पाकिस्तान जैसे देश भी शामिल हो चुके हैं। अलग अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के पास करीब 5177 परमाणु बम हैं। जिनमें से करीब 3,700 तैनात हैं और बाकी भंडार में रखे हुए हैं। जबकि रूस के पास 5,459 परमाणु बम हैं। इस बीच चीन के पास अब परमाणु बमों की संख्या 600 से ज्यादा होने का अनुमान है, जबकि भारत के पास करीब 180 और पाकिस्तान के पास 172 परमाणु बम होने का अनुमान है। पिछले साल तक परमाणु बमों के मामले में पाकिस्तान, भारत से आगे चल रहा था, लेकिन अब भारत ने तेजी से परमाणु बमों का निर्माण कर रहा है।
सीबीएस चैनल के खास कार्यक्रम '60 मिनट्स' को दिए गये एक इंटरव्यू के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि "अमेरिका अपने विशाल परमाणु भंडार के बावजूद एकमात्र ऐसा देश नहीं हो सकता जो परीक्षण न करे।" आपको बता दें कि पिछले हफ्ते दक्षिण कोरिया के वुसान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात से ठीक पहले डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी अधिकारियों को तत्काल परमाणु परीक्षण कार्यक्रम शुरू करने के आदेश दिए थे।
अमेरिका फिर करेगा परमाणु बमों का परीक्षण
डोनाल्ड ट्रंप ने इंटरव्यू के दौरान अपने फैसले का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि "हमारे पास किसी भी अन्य देश से ज्यादा परमाणु हथियार हैं। और मुझे लगता है कि हमें परमाणु निरस्त्रीकरण के बारे में कुछ करना चाहिए। मैंने राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दोनों के साथ इस पर चर्चा की। हमारे पास दुनिया को 150 बार उड़ाने के लिए पर्याप्त परमाणु हथियार हैं। रूस के पास बहुत सारे परमाणु हथियार हैं और चीन के पास भी बहुत सारे होंगे।" उन्होंने आगे कहा कि "अमेरिका अकेला ऐसा देश नहीं होना चाहिए जो परीक्षणों से परहेज करे।"
अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि "आप जानते हैं, आपको ऐसा करना ही होगा और मैं परीक्षण इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि रूस ने घोषणा की है कि वे परीक्षण करने जा रहे हैं। उत्तर कोरिया लगातार परीक्षण कर रहा है। दूसरे देश भी परीक्षण कर रहे हैं। हम अकेले ऐसे देश हैं जो परीक्षण नहीं करते और मैं अकेला ऐसा देश नहीं बनना चाहता जो परीक्षण न करे।" आपको बता दें कि ट्रंप ने करीब 30 सालों के बाद अमेरिका को फिर से परमाणु हथियारों की रेस में उस वक्त उतारा है, जब रूस ने अपनी "असीमित-दूरी" वाली बुरेवेस्टनिक मिसाइल का परीक्षण किया है। ये परमाणु ऊर्जा से चलने वाली मिसाइल है, जो 15 घंटे से ज्यादा वक्त तक उड़ान भर सकती है।
अमेरिका, चीन और रूस की परमाणु क्षमता
आपको बता दें कि एक वक्त अमेरिक और रूस के पास सबसे ज्यादा परमाणु बम थे। फिर दोनों देशों के बीच परमाणु हथियारों की संख्या कम करने को लेकर समझौता होता है और सैकड़ों-हजारों परमाणु बमों को दोनों देश निष्क्रीय कर देते हैं। लेकिन अब फिर से ना सिर्फ ये रेस शुरू हो चुका है, बल्कि इसमें चीन, उत्तर कोरिया, भारत और पाकिस्तान जैसे देश भी शामिल हो चुके हैं। अलग अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के पास करीब 5177 परमाणु बम हैं। जिनमें से करीब 3,700 तैनात हैं और बाकी भंडार में रखे हुए हैं। जबकि रूस के पास 5,459 परमाणु बम हैं। इस बीच चीन के पास अब परमाणु बमों की संख्या 600 से ज्यादा होने का अनुमान है, जबकि भारत के पास करीब 180 और पाकिस्तान के पास 172 परमाणु बम होने का अनुमान है। पिछले साल तक परमाणु बमों के मामले में पाकिस्तान, भारत से आगे चल रहा था, लेकिन अब भारत ने तेजी से परमाणु बमों का निर्माण कर रहा है।
You may also like

Bihar Election 2025: बिहार में एनडीए सरकार बनाएगी डिफेंस कॉरिडोर, बाढ़ नियंत्रण आयोग का भी होगा गठन

बिहार में भारी बहुमत से राजग की सरकार बनेगी : शाह

राजस्थान के जयपुर में दर्दनाक हादसा, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने जताया दुख

चीनी उप राष्ट्रपति हानचंग ने कुवैत की यात्रा की

India Trade Policy: राज को राज रहने दें...चीन से 'परहेज' नहीं, अमेरिका-यूरोप को भी पकड़कर रखेंगे, भारत का प्लान 2047 क्या है?




